..... तो 27 अक्टूबर को भासपा, भाजपा को बोलेगी तलाक ! तलाक ! तलाक !
..... तो 27 अक्टूबर को भासपा, भाजपा को बोलेगी तलाक ! तलाक ! तलाक !
बलिया 18 अक्टूबर 2018 ।। पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम और प्रशासन द्वारा अपेक्षित सहयोग न मिलने , डेढ़ वर्ष से पार्टी के लिये प्रदेश मुख्यालय पर आवास की मांग योगी सरकार द्वारा अनसुनी करने और सपा छोड़कर अपनी पार्टी बनाने वाले शिवपाल यादव पर सरकार की छप्परफाड़ मेहरबानियां जैसे कारण सुभासपा का भाजपा गठबंधन से मोहभंग कर रहा है । अपने आप को भाजपा सरकार द्वारा लगातार उपेक्षित करने से भासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर का धैर्य जबाब दे रहा है और इनके बयानों से साफ लगने लगा है कि आगामी 27 अक्टूबर को अपने विशाल शक्ति प्रदर्शन के साथ गठबंधन से अलग होकर नई चाल चलेंगे । आगामी 27 अक्टूबर को भासपा , भाजपा के साथ अपने रिश्तों को तलाक !तलाक ! तलाक ! बोलेगी ।
यह इस आधार पर कह रहा हूँ कि मंत्री जी का तेवर आजकल अपनी ही सरकार के प्रति काफी तल्ख है । पहली बार किसी मंत्री ने अपनी ही सरकार के खिलाफ 38 हजार करोड़ रुपये की धनराशि के खर्च होने पर ही सवालियां निशान खड़ा कर दिया है । श्री राजभर ने कहा कि 38 हजार करोड़ रुपये गंगा सफाई के नाम पर आवंटित ही नही हुआ खर्च भी हो गया और गंगा जी साफ भी नही हुई जबकि दो दिनों की बरसात ने साफ सफाई कर दी । कहा सरकार पिछडो के हको को देने से कतरा रही है और गंगा सफाई पर धन लुटा रही है । लगता है सरकार गंगा की सफाई नही पिछडो की सफाई अभियान में लगी हुई है । वही कहा कि मैं नेशनल हाइवे , जीटी रोड की लड़ाई नही लड़ता , मैं गरीबो को आवास, रोजगार , और भोजन की व्यवस्था मिले , इसकी लड़ाई लड़ता हूं । कहा ओमप्रकाश राजभर को भाजपा हल्के में ले रही है । पिछडो के आरक्षण का डकैत जो शिवपाल यादव है , भाजपा उस आदमी पर मेहरबानियां करके कार्यालय के लिये बंगला और सुरक्षा बढ़ा रही है जबकि मैं सन 2017 से सरकार बनने के बाद से ही लखनऊ में कार्यालय के लिये बंगला मांग रहा हूँ , इस पर ध्यान ही नही है ।कहा बंगला ही क्यो सरकार से अगर शिवपाल हेलीकाप्टर मांगेंगे तो सरकार इनपर इतनी मेहरबान है कि वो भी दे देगी । क्या सरकार आपको हल्के में और शिवपाल यादव को भारी ले रही है , के जबाब में राजभर ने कहा लोकसभा चुनाव होने दीजिये भाजपा को पता चल जाएगा कि राजभर भारी है कि शिवपाल ?
कहा कि मै ओबीसी और एससी/एसटी आरक्षण में ऐसे जातियों को आरक्षण दिलाने की मुहिम में लगा हूँ जिसको अब तक आरक्षण का लाभ नही मिल पाया है । मैं इन वर्गों के उन जातियों को जिन्होंने आरक्षण का अब तक खूब फायदा उठाया है , आगे कम प्रतिशत आरक्षण और जिनको नही मिला है उनको ज्यादे प्रतिशत आरक्षण दिलाने का पक्षधर हूं । मैने सरकार को प्रस्ताव दिया है कि ओबीसी के आरक्षण को तीन भागों में बाँटिये -1- पिछड़ा वर्ग 2- अति पिछड़ा और 3- महा पिछड़ा वर्ग । इसी तरह दलित वर्ग में - 1 दलित 2 अति दलित और 3 महा दलित । अगर मेरी सरकार इस मांग को नही मानती है तो सरकार को आगामी लोक सभा चुनाव में एक भी सीट नही जीतने दूंगा । इस पर पूंछे गये सवाल यानी आप भाजपा गठबंधन से अलग हो रहे है ? के जबाब में श्री राजभर ने इतना ही कहा 27 अक्टूबर का इंतजार कीजिये आपके सवालों का जबाब मैं लखनऊ में दूंगा ।
भाजपा और भासपा गठबंधन में शिवपाल यादव के आ जाने से पहले से पड़ी दरार और चौड़ी होती दिख रही है । शिवपाल यादव से भाजपा की बढ़ती नजदीकियों से खफा ओमप्रकाश राजभर शायद भजपा से यही सवाल कर रहे है -- क्या हुआ तेरा वादा, वो कसम वो इरादा
भूलेगा दिल जिस दिन तुम्हे ..........
वो कहने वाले मुझको फरेबी
कौन फरेबी है ये बता ........
चिर प्रतिद्वंदी शिवपाल यादव को तरजीह देना , पिछडो को श्री राजभर के फार्मूले के आधार पर आरक्षण नीति न बनाना ,बनेगा कारण
बंगला तो बहाना है , कहि और निशाना है
मधुसूदन सिंह की रिपोर्ट
यह इस आधार पर कह रहा हूँ कि मंत्री जी का तेवर आजकल अपनी ही सरकार के प्रति काफी तल्ख है । पहली बार किसी मंत्री ने अपनी ही सरकार के खिलाफ 38 हजार करोड़ रुपये की धनराशि के खर्च होने पर ही सवालियां निशान खड़ा कर दिया है । श्री राजभर ने कहा कि 38 हजार करोड़ रुपये गंगा सफाई के नाम पर आवंटित ही नही हुआ खर्च भी हो गया और गंगा जी साफ भी नही हुई जबकि दो दिनों की बरसात ने साफ सफाई कर दी । कहा सरकार पिछडो के हको को देने से कतरा रही है और गंगा सफाई पर धन लुटा रही है । लगता है सरकार गंगा की सफाई नही पिछडो की सफाई अभियान में लगी हुई है । वही कहा कि मैं नेशनल हाइवे , जीटी रोड की लड़ाई नही लड़ता , मैं गरीबो को आवास, रोजगार , और भोजन की व्यवस्था मिले , इसकी लड़ाई लड़ता हूं । कहा ओमप्रकाश राजभर को भाजपा हल्के में ले रही है । पिछडो के आरक्षण का डकैत जो शिवपाल यादव है , भाजपा उस आदमी पर मेहरबानियां करके कार्यालय के लिये बंगला और सुरक्षा बढ़ा रही है जबकि मैं सन 2017 से सरकार बनने के बाद से ही लखनऊ में कार्यालय के लिये बंगला मांग रहा हूँ , इस पर ध्यान ही नही है ।कहा बंगला ही क्यो सरकार से अगर शिवपाल हेलीकाप्टर मांगेंगे तो सरकार इनपर इतनी मेहरबान है कि वो भी दे देगी । क्या सरकार आपको हल्के में और शिवपाल यादव को भारी ले रही है , के जबाब में राजभर ने कहा लोकसभा चुनाव होने दीजिये भाजपा को पता चल जाएगा कि राजभर भारी है कि शिवपाल ?
कहा कि मै ओबीसी और एससी/एसटी आरक्षण में ऐसे जातियों को आरक्षण दिलाने की मुहिम में लगा हूँ जिसको अब तक आरक्षण का लाभ नही मिल पाया है । मैं इन वर्गों के उन जातियों को जिन्होंने आरक्षण का अब तक खूब फायदा उठाया है , आगे कम प्रतिशत आरक्षण और जिनको नही मिला है उनको ज्यादे प्रतिशत आरक्षण दिलाने का पक्षधर हूं । मैने सरकार को प्रस्ताव दिया है कि ओबीसी के आरक्षण को तीन भागों में बाँटिये -1- पिछड़ा वर्ग 2- अति पिछड़ा और 3- महा पिछड़ा वर्ग । इसी तरह दलित वर्ग में - 1 दलित 2 अति दलित और 3 महा दलित । अगर मेरी सरकार इस मांग को नही मानती है तो सरकार को आगामी लोक सभा चुनाव में एक भी सीट नही जीतने दूंगा । इस पर पूंछे गये सवाल यानी आप भाजपा गठबंधन से अलग हो रहे है ? के जबाब में श्री राजभर ने इतना ही कहा 27 अक्टूबर का इंतजार कीजिये आपके सवालों का जबाब मैं लखनऊ में दूंगा ।
भाजपा और भासपा गठबंधन में शिवपाल यादव के आ जाने से पहले से पड़ी दरार और चौड़ी होती दिख रही है । शिवपाल यादव से भाजपा की बढ़ती नजदीकियों से खफा ओमप्रकाश राजभर शायद भजपा से यही सवाल कर रहे है -- क्या हुआ तेरा वादा, वो कसम वो इरादा
भूलेगा दिल जिस दिन तुम्हे ..........
वो कहने वाले मुझको फरेबी
कौन फरेबी है ये बता ........