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ये हैं पुलिस से भिड़ने वाले 73 साल के लालूराम, बोले- कोई लाठी मारेगा तो मैं भी मारूंगा
ये हैं पुलिस से भिड़ने वाले 73 साल के लालूराम, बोले- कोई लाठी मारेगा तो मैं भी मारूंगा
ये हैं पुलिस से भिड़ने वाले 73 साल के लालूराम, बोले- कोई लाठी मारेगा तो मैं भी मारूंगा
5 अक्टूबर 2018 ।।
'तू चाहे बसा या उजाड़. मैं नहीं रुकता. मैं तो किसान आंदोलन में जाऊंगा. मेरे भाई मर रहे हैं और मैं चुप
बैठ जाऊं? मैं मरने से नहीं डरता. किसान वैसे भी तो आत्महत्या कर रहे हैं. सरकार की गोली से मर जाएंगे. एक ही बात है.' ।
ये बातें अपने इकलौते बेटे से कहकर घर से निकले
किसान नेता लालूराम भारतीय किसान यूनियन के
आंदोलन में कूद पड़े. इसके बाद 73 वर्षीय लालूराम
के तीखे तेवर अौर बहादुरी एक अक्टूबर को पूरे देश
ने देखी. लालूराम वही किसान हैं जो पिछले दो दिन
से सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं. दिल्ली-यूपी बॉर्डर
पर पुलिस से लाठी चलाकर लोहा लेते इस किसान
नेता की तस्वीर काफी वायरल हो रही है ।
बैठ जाऊं? मैं मरने से नहीं डरता. किसान वैसे भी तो आत्महत्या कर रहे हैं. सरकार की गोली से मर जाएंगे. एक ही बात है.' ।
ये बातें अपने इकलौते बेटे से कहकर घर से निकले
किसान नेता लालूराम भारतीय किसान यूनियन के
आंदोलन में कूद पड़े. इसके बाद 73 वर्षीय लालूराम
के तीखे तेवर अौर बहादुरी एक अक्टूबर को पूरे देश
ने देखी. लालूराम वही किसान हैं जो पिछले दो दिन
से सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं. दिल्ली-यूपी बॉर्डर
पर पुलिस से लाठी चलाकर लोहा लेते इस किसान
नेता की तस्वीर काफी वायरल हो रही है ।
पुलिस से लाठी चलाने का खामियाजा भी इस
किसान नेता को भुगतना पड़ा. दिल्ली के किसान
घाट जाने से किसानों को रोकने की कोशिश में यूपी
पुलिस ने गोली चला दी जो लालूराम के दाहिने कंधे को
छूकर निकली. गोली लगने के बाद भी लालूराम नहीं रुके और खून से लथपथ कंधे को लेकर आगे बढ़ते रहे और किसान घाट पहुंचे ।
किसान नेता को भुगतना पड़ा. दिल्ली के किसान
घाट जाने से किसानों को रोकने की कोशिश में यूपी
पुलिस ने गोली चला दी जो लालूराम के दाहिने कंधे को
छूकर निकली. गोली लगने के बाद भी लालूराम नहीं रुके और खून से लथपथ कंधे को लेकर आगे बढ़ते रहे और किसान घाट पहुंचे ।
लालूराम कहते हैं,' मैं डरने वाला नहीं
हूं ।कोई मुझे लाठी मारेगा तो मैं भी
मारूंगा ।पहले उस पुलिस वाले ने
लाठी चलाई, उसके बाद मैंने चलाई.
फिर उन्होंने मुझे गोली मार दी. इससे
पहले भी किसान आंदोलन में मुझे
गोली लगी है लेकिन मुझे कोई भय
नहीं है । हम तो वैसे भी मर ही रहे हैं. '
हूं ।कोई मुझे लाठी मारेगा तो मैं भी
मारूंगा ।पहले उस पुलिस वाले ने
लाठी चलाई, उसके बाद मैंने चलाई.
फिर उन्होंने मुझे गोली मार दी. इससे
पहले भी किसान आंदोलन में मुझे
गोली लगी है लेकिन मुझे कोई भय
नहीं है । हम तो वैसे भी मर ही रहे हैं. '
पुलिसकर्मियों से लोहा लेने वाले कैथल जिले के खुराना गांव निवासी किसान लालूराम.
हरियाणा के कैथल जिले के खुराना गांव निवासी किसान लालूराम कहते हैं कि किसान जब भी आंदोलन करते हैं
पुलिस ऐसी ही कार्रवाई करती है लेकिन इससे किसानों के हौंसले डिगने वाले नहीं हैं. उन्हें 40 साल हो गए सरकार से लड़ते हुए. हरियाणा में ओमप्रकाश चौटाला की सरकार के समय कैथल के पास ही शिमला गांव में किसानों का धरना
था. उस दौरान भी पुलिस के साथ गहमागहमी हुई और
पुलिस ने उनकी पीठ में रबड़ की गोली मारी थी. जिसका घाव कई दिन तक रहा था ।
लालूराम बताते हैं कि वे कभी डॉक्टर के
पास दवा लेने नहीं गए । 73 साल की उम्र
हो गई लेकिन कभी बीमार नहीं पड़े और दवा-गोली नहीं खानी पड़ी । लेकिन
किसान आंदोलन और धरने प्रदर्शन के
कारण पुलिस की गोली कई बार खाई है ।
पास दवा लेने नहीं गए । 73 साल की उम्र
हो गई लेकिन कभी बीमार नहीं पड़े और दवा-गोली नहीं खानी पड़ी । लेकिन
किसान आंदोलन और धरने प्रदर्शन के
कारण पुलिस की गोली कई बार खाई है ।
किसान क्रांति पदयात्रा के दौरान पुलिसकर्मियों से लाठी चलाते किसान नेता लालूराम, फोटो- इमरान.
पर बैठे. यहां भी पुलिस से झड़प हुई. करनाल और शामली
में भी आंदोलन हुए. जिनमें वे शामिल हुए. यही वजह है कि हरियाणा के आधे से ज्यादा जिलों में लोग उन्हें जानते हैं
और चौधरी साहब व प्रधान जी कहकर बुलाते हैं ।
किसानों ने रास्ता जाम कर दिया तो गोली बरसाओ. यह हमेशा ही कहा जाता है. जबकि सच यह है कि रास्ता जाम तो पुलिस करती है और सरकार करवाती है. हम तो शांतिर्पूवक दिल्ली के किसान घाट जा रहे थे. हमें पुलिस ने रोका. इस बार भी गलती पुलिस की ही थी. सरकारें किसानों की मांगें कभी पूरी नहीं करतीं. आधी-अधूरी मांगें मानी जाती हैं. इसीलिए किसानों को हर साल-दो साल में आंदाेलन करना पड़ता है.
— किसान नेता लालूराम
बेटे के साथ किसान नेता लालूराम
किसान नेता का कहना है कि सरकार स्वामीनाथन आयोग
की रिपोर्ट लागू करे । कर्जमाफी के वादे पूरे करे. किसान
देश की रीढ़ की हड्डी है । अगर ये ही मर जाएगा तो देश का
क्या होगा. कल को किसान फसल उगाना बंद कर दे तो देश भूखा मरेगा. अब सभी राजनीतिक पार्टियां देख लीं. किसी
ने लाभ नहीं दिया. सरकार ने लाभकारी मूल्य नहीं दिया तो खेती बंद कर देंगे ।
घरवालों की एक नहीं सुनते लालूराम
लालूराम के बेटे बताते हैं कि इतने बुजुर्ग हैं तो घरवालों
को उनकी चिंता होती है लेकिन वे किसी की नहीं सुनते.
उन्हें आंदोलनों में जाने से रोकने की कोशिश की जाती है लेकिन नहीं मानते. जब से भारतीय किसान यूनियन बना
है ये तभी से किसानों के लिए सक्रिय हैं. इस बार भी
बीकेयू के नरेश टिकैत और राकेश टिकैत के आह्वान पर
तुरंत चल दिए. लालूराम गांव के प्रधान रह चुके हैं. जब
दोबारा उन्हें प्रधानी लेने के लिए कहा गया तो उन्होंने साफ
मना कर दिया और बोले कि प्रधान किसी और को बना दो
वे तो किसानों के लिए संघर्ष करेंगे ।
उत्तर प्रदेश के युवा मान रहे आदर्श, करेंगे सम्मान
किसान नेता लालूराम की जाबांजी के लिए उन्हें सम्मानित
भी किया जाएगा. भारतीय किसान यूनियन की उत्तर प्रदेश शाखा की ओर से उन्हें सम्मान मिलेगा. लालूराम के बेटे
बताते हैं कि किसान क्रांति पदयात्रा के बाद वायरल हुई
तस्वीर के बाद से उनके पास बहुत फोन आ रहे हैं. युवा
उन्हें बहुत पसंद कर रहे हैं. सब उनकी निडरता की तारीफ
कर रहे हैं ।
(साभार न्यूज18)
ये हैं पुलिस से भिड़ने वाले 73 साल के लालूराम, बोले- कोई लाठी मारेगा तो मैं भी मारूंगा
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
on
October 05, 2018
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