गोरखपुर : संसाधन विहीन जिले का आबकारी विभाग जबकि वसूली लक्ष्य है 890 करोड़, 8 निरीक्षक और 33 सिपाहियों के भरोसे यहां चल रही व्यवस्था
संसाधन विहीन जिले का आबकारी विभाग जबकि वसूली लक्ष्य है 890 करोड़
8 निरीक्षक और 33 सिपाहियों के भरोसे यहां चल रही व्यवस्था
अमित कुमार की रिपोर्ट
गोरखपुर 22 अक्टूबर 2018 ।। सरकार को कई सौ करोड़ रुपए राजस्व देने वाला जिले का आबकारी विभाग संसाधन विहीन है । सरकार ने आबकारी विभाग को कच्ची शराब कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और देशी विदेशी शराब कारोबारियों की निगरानी का जिम्मा सौंपा है। इसमें जिले की कुल 514 शराब की दुकानों की निगरानी करने का जिम्मा भी शामिल है।
सरकार ने आबकारी विभाग द्वारा प्रत्येक जनपद में करोड़ों रुपए राजस्व वसूली का लक्ष्य दे रखा है लेकिन संसाधन और सुविधा की बात की जाए तो इसमें विभाग फिसड्डी है।
खुद मुख्यमंत्री के अपने जनपद गोरखपुर में आबकारी विभाग की हालत दयनीय है। यहाँ विभाग के पास एक पुरानी चार पहिया वाहन है जिस पर जिला आबकारी अधिकारी चलते हैं जबकि निरीक्षकों को छापेमारी में जाने के लिए कोई वाहन उपलब्ध नही है और न तो कोई हथियार ही दिया गया जिससे वह अपनी सुरक्षा कर सके। विभाग में गोरखपुर के प्रत्येक तहसील के लिए एक इंस्पेक्टर और 4 से 5 सिपाही को तैनात किया गया है। कुल मिलाकर विभाग के पास 8 इंस्पेक्टर और 33 सिपाही ही मात्र हैं । इन्ही के दम पर सरकार ने विभाग को पिछले वर्ष 2017 में 474 करोड़ रुपए का राजस्व वसूली का लक्ष्य दिया गया जिसे इस बार बढ़ाकर 890 करोड रुपए राजस्व वसूली का लक्ष्य कर दिया गया है । अब सवाल उठता है कि आखिर आबकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी बिना संसाधन और सुरक्षा के कैसे लक्ष्य को प्राप्त करेंगे यह एक बड़ा सवाल है।
इस सम्बंध जिला आबकारी अधिकारी विजय प्रताप सिंह ने बताया कि विभाग ने बड़ी कार्रवाई में 12000 लीटर स्प्रिट बेलीपार थाना क्षेत्र से बरामद किया। जिससे 48000 लीटर शराब बनाया जा सकता है इस बरामदी से विभाग को एक करोड़ 2 लाख 80 हजार राजस्व की हानि से बचा । चौरी चौरा थाना क्षेत्र से 400 लीटर स्प्रिट बरामद किया गया जिसमें 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया जो एक टैंकर में लाद कर ले जाया जा रहा था। विभाग के पास जो संसाधन उपलब्ध हैं उसी में काम चलाया जा रहा है फिलहाल आबकारी विभाग के बैठने के लिए नई बिल्डिंग लगभग बनकर तैयार हो गई है।