मिलरों ने डीएम को सौंपा चार सूत्रीय मांग पत्र
बलिया 4 अक्टूबर 2018 : राइस मिलर संघ ने अपनी चार सूत्रीय मांगों को जिलाधिकारी को सौंपा। इस दौरान राइस मिलर्स संघ के कन्हैया यादव ने कहा कि 67 प्रतिशत रिकवरी किसी कीमत पर इधर के क्षेत्र में नहीं मिल सकती है। जब तक यह 62 नहीं हो जाती है तब तक मिलरों का नुकसान होगा। यही हमारी सरकार से भी मांग है। साथ ही यह भी बताया कि जब डीजल 12 रुपए प्रति लीटर था, तब दस रुपये प्रति कुंतल कुटाई मिलती थी। लेकिन आज डीजल का दाम छह गुना बढ़ गया है, उस हिसाब से कुटाई नहीं मिल रही है। चावल ढुलाई मात्र 40 किलोमीटर का ही दिया जाता है। यह भी पहुंचाई गई दूरी के हिसाब से से मिलना चाहिए। राइस मिलरों ने बताया कि आसपास के राज्य ने मंडी टैक्स मंडी टैक्स समाप्त कर दिया गया है, लेकिन यहां ढाई प्रतिशत मंडी टैक्स लिया जा रहा है। इसे भी समाप्त करने की मांग की है। डीएम ने डिप्टी आरएमओ को निर्देश दिया कि मिलरों की समस्या के संबंध में बकायदा तर्कपूर्ण पत्र बनाकर शासन को भेजी जाए। उनकी समस्या अगर जायज है तो उसके समाधान का प्रयास किया जाना चाहिए।
एफसीआई के शोषण के खिलाफ उठाई आवाज
- मिलरों ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा शोषण करने की शिकायत जिलाधिकारी से खुलकर की। बताया कि मानक के अनुरूप चावल गेहूं को भी गैर मानक करार दिया जाता है। बाद में वही चावल गेहूं मानक पर खरा उतर जाता है। इस तरह एफसीआई द्वारा शोषण होता है। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आप चाहे तो कार्रवाई करा सकते हैं। उसके तरीके भी समझाते हुए कहा कि एकाध ऐसी कार्रवाई हो जाएगी तो सभी शोषण बंद हो जाएंगे। घूसखोर अधिकारियों-कर्मचारियों को जेल की हवा खिलाने में सभी अपना सक्रिय सहयोग दें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस बार एफसीआई के कार्य प्रणाली प्रणाली प्रणाली पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। कहीं भी अनावश्यक रूप से किसी को परेशानी नहीं होगी।