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आतिशबाजी और पटाखों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की खास बातें

आतिशबाजी और पटाखों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की खास बातें


नईदिल्ली 23 अक्टूबर 2018 ।।

दीवाली पर आतिशबाजी के चलते प्रदूषण के संकट के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है. अपने इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने संतुलन बनाने की कोशिश की है. कोर्ट ने कहा है कि देश में पटाखों पर पूरी तरह बैन नहीं लगाया जा सकता है ।

जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने यह फैसला सुनाया है. दीवाली पर आतिशबाजी से प्रदूषण के खतरे के मद्देनजर सुप्रीमकोर्ट ने आतिशबाजी और पटाखों की बिक्री की अनुमति तो दे दी है लेकिन कुछ शर्तों के साथ

1. केवल कम प्रदूषण करने वाले पटाखे और क्रेकर्स बेचने की अनुमति होगी.
2. ये पटाखे एक तय समय में और तय किए गए एरिया में ही बेचे जाएंगे
3. सुप्रीम कोर्ट ने क्रेकर्स पर पूरी तरह प्रतिबंध से इंकार कर दिया


4. ये पटाखे दीवाली के दिन केवल रात 08 बजे से 10 बजे के बीच छोड़े जा सकेंगे
5. क्रिसमस और नए साल के मौके पर फायरक्रेकर्स रात 11.55 से रात 12.30 तक ही छोड़े जा सकेंगे
6. केवल वही क्रेकर्स बेचने और छोडऩे की अनुमति होगी, जो कम धुआं और प्रदूषण फैलाएं. इन पटाखों को केवल लाइसेंसी दुकानों से खरीदा जा सकेगा.



7. कोर्ट का कहना है कि हमने दीवाली के मौके पर परंपरा को देखते हुए और प्रदूषण के संकट के मद्देनजर संतुलन स्थापित करने की कोशिश की है
8. क्रेकर्स को आनलाइन नहीं बेचा सकता है, जो साइट्स ऐसा करेंगी, उन पर कार्रवाई की जाएगी.
9. सुरक्षित और ग्रीन पटाखों का निर्माण और बिक्री पहले की तरह जारी रहेगी.
10. संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन के अधिकार) सभी वर्ग के लोगों पर लागू होता है और पटाखों पर देशव्यापी प्रतिबंध पर विचार करते समय संतुलन बरकरार रखने की जरूरत है ।