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अमृतसर ट्रेन हादसा: 'लोगों को कुचलने वाली ट्रेन से पहले धीमी रफ्तार से गुजरी थी दो ट्रेन'
अमृतसर ट्रेन हादसा: 'लोगों को कुचलने वाली ट्रेन से पहले धीमी रफ्तार से गुजरी थी दो ट्रेन'
अमृतसर ट्रेन हादसा: 'लोगों को कुचलने वाली ट्रेन से पहले धीमी रफ्तार से गुजरी थी दो ट्रेन'
21 अक्टूबर 2018 ।।
अमृतसर में रावण दहन के दौरान हुए हादसे के बाद रेलव बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने एक ने बयान में कहा कि रेलव को ट्रैक के नजदीक दशहरा आयोजन के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी जिस कारण यह हादसा हुआ. अश्विनी लोहानी ने कहा कि यह दुुर्घटना दो स्टेशनों के बीच हुई न बल्कि रेलवे फाटक पर. रेलवे ने अपने कर्मचारियों को अलर्ट क्यों नहीं किया था इसपर सफाई देते हुए उन्होंने कहा, "स्टेशनों के बीच ट्रेन अपनी नियत रफ्तार से चलती है और पटरियों पर लोगों के होने की कोई उम्मीद नहीं थी. बीच में कोई रेलवे कर्मचारी नियुक्त नहीं है. रेलवे कर्मचारी फाटक पर नियुक्त हैं जिनका काम यातायात को नियंत्रित करना है."
उन्होंने कहा कि गेटमैन रेलवे फाटक से 400 मीटर दूर था. अगर वह आपातकालीन ब्रेक लगाता तो और बड़ी दुर्घटना हो सकती थी. अश्विनी लोहानी ने कहा कि ट्रेन अपनी नियत गति से चल रही थी और शुरुआती रिपोर्ट से पता चलता है कि ड्राइवर ने ब्रेक लगाए और ट्रेन धीमी हो गई ।
उन्होंने कहा कि गेटमैन रेलवे फाटक से 400 मीटर दूर था. अगर वह आपातकालीन ब्रेक लगाता तो और बड़ी दुर्घटना हो सकती थी. अश्विनी लोहानी ने कहा कि ट्रेन अपनी नियत गति से चल रही थी और शुरुआती रिपोर्ट से पता चलता है कि ड्राइवर ने ब्रेक लगाए और ट्रेन धीमी हो गई ।
स्थानीय लोग कुछ और ही दावा कर रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि जोड़ा फाटक पर पिछले 20 सालों से रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित हो रहा है. 50 साल के जसवंत ने बताया कि रावण का पुतला प्लॉट पर जलाया जाता है, जबकि रामलीला रेलवे ट्रैक से अच्छी खासी दूरी पर होती है. जसवंत ने दावा किया कि पटाखों की आवाज के कारण लोग ट्रेन के हॉर्न की आवाज नहीं सुनाई दी ।
जसवंत ने दावा किया कि लोगों को कुचलने वाली जालंधर से अमृतसर जाने वाली ट्रेन से पहले ट्रैक से दो ट्रेन गुजरी थी और दोनों ने अपनी रफ्तार धीमी कर दी थी. वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसा शाम को करीब 7:10 बजे उस वक्त हुआ जब बड़ी संख्या में लोग ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे.
एक अन्य निवासी बलविक्दर ने कहा, "पिछले 20 सालों से इस खाली प्लॉट पर रावण दहन किया जा रहा था लेकिन ऐसा हादसा इससे पहले कभी नहीं हुआ."
गौरतलब है कि शुक्रवार को अमृतसर में दशहरा उत्सव के दौरान DMU ट्रेन की चपेट में आने से 60 लोगों की मौत हो गई और करीब इतने ही लोग घायल हुए हैं. इस हादसे के बाद से रेलवे और पंजाब सरकार सवालों के घेरे में है. रेलवे ने इसमें अपनी तरफ से किसी भी प्रकार की चूक होने से इनकार किया है ।
अमृतसर ट्रेन हादसा: 'लोगों को कुचलने वाली ट्रेन से पहले धीमी रफ्तार से गुजरी थी दो ट्रेन'
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
on
October 21, 2018
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