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#MeToo की तर्ज पर #MenToo: अब होगा पुरुषों के साथ हुए यौन शोषण का खुलासा

#MeToo की तर्ज पर #MenToo: अब होगा पुरुषों के साथ हुए यौन शोषण का खुलासा




22 अक्टूबर 2018 ।।

#Me Too की तर्ज पर 15 लोगों के एक समूह ने
 #Men Too आंदोलन की शुरुआत करते हुए पुरुषों
 से कहा कि वे महिलाओं के हाथों अपने यौन शोषण
 के बारे में खुलकर बोलें. इन लोगों में फ्रांंस के एक
 पूर्व राजनयिक भी शामिल हैं जिन्हें 2017 में यौन
उत्पीड़न के एक मामले में अदालत ने बरी कर
 दिया था ।

मैन टू आंदोलन की शुरुआत शनिवार को गैर सरकारी
 संगठन चिल्ड्रंस राइट्स इनिशिएटिव फॉर शेयर्ड पेरेंटिंग (क्रिस्प) ने की.  क्रिस्प के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमार वी ने
कहा कि समूह लैंगिक तटस्थ कानूनों के लिए लड़ेगा.
 उन्होंने मांग की कि मी टू अभियान के तहत झूठे
 मामले दायर करने वालों को सजा मिलनी चाहिए ।


पत्रकारों से बात करते हुए बाद में उन्होंने कहा कि मी
 टू में जहां पीड़िताएं दशकों पहले हुए यौन उत्पीड़न
 की बात बता रही हैं, वहीं इसके विपरीत मैन टू
 आंदोलन में हालिया घटनाओं को उठाया जाएगा.
 मी टू आंदोलन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यदि
 यौन उत्पीड़न का मामला सच्चा है तो पीड़िताओं
 को सोशल मीडिया पर आने की जगह कानूनी
 कार्रवाई का सहारा लेना चाहिए ।

इस अवसर पर फ्रांस के पूर्व राजनयिक पास्कल
मजूरियर भी मौजूद थे जिन पर अपनी बेटी के
 यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था, लेकिन 2017
 में अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था. उन्होंने
 कहा कि मैन टू आंदोलन मी टू आंदोलन का
 जवाब देने के लिए नहीं है, बल्कि यह पुरुषों
 की समस्याओं का समाधान करेगा जो महिलाओं
 के अत्याचारों के खिलाफ नहीं बोलते हैं ।

पास्कल ने कहा, ‘‘पुरुषों के पास असली दुख है ।
 वे भी पीड़ित हैं लेकिन वे महिलाओं और अपने
दुराचारियों के खिलाफ खुलकर सामने नहीं आ
 रहे हैं.’’ ।उन्होंने कहा, ‘‘हम महिलाओं की सुरक्षा
 के लिए कानून बनाते हैं. यह अच्छा है  लेकिन
 हमें नहीं भूलना चाहिए कि मानवता का आधा
 हिस्सा पुरुष हैं.’’।

पास्कल अदालती लड़ाई का सामना कर रहे हैं
 क्योंकि उनकी पत्नी उन्हें बरी करने के निचली
 अदालत के फैसले के खिलाफ कर्नाटक उच्च
न्यायालय चली गई थीं ।फ्रांस के पूर्व राजनयिक
की पत्नी के पास उनके तीन बच्चों का
 संरक्षण है ।