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बलिया : पल्स पोलियो अभियान - 102 फीसदी रही उपलब्धि

बलिया : पल्स पोलियो अभियान - 102 फीसदी रही उपलब्धि

बलिया, 28 मार्च 2019 ।। जिले में सघन पल्स पोलियो अभियान 10 से 18 मार्च तक चलाया गया जिसके तहत 17 विकास खण्ड सहित शहरी क्षेत्र में पोलियो की दवा पिलाई गयी। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ॰ विजय यादव ने बताया कि इस अभियान के तहत जन्म से पाँच वर्ष तक के 4.6 लाख सम्भावित बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।इसके सापेक्ष कुल 4.7 लाख बच्चों को दवा पिलाई गयी जिसकी उपलब्धि 102 प्रतिशत रही।
वर्ष 2011 में पोलियो का अन्तिम प्रकरण प्राप्त हुआ था जिसके बाद पोलियो वायरस फिर से भारत में प्रवेश न करे,  इसके लिए भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान का आयोजन हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 10 मार्च को किया गया। इस अभियान को सफल बनाने के लिए 1,601 बूथ बनाये गये थे। घर-घर भ्रमण हेतु 834 टीम बनायी गयी थी तथा निगरानी के लिए 320 पर्यवेक्षक तैनात किया गये थे। वहीं ट्रांज़िट एवं मोबाइल टीम 90 रखी गईं थी।
पोलियो या पोलियोमेलाइटिस एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है। पोलियो वायरस से होता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। साथ ही यह वायरस जिस भी व्यक्ति में प्रवेश करता है उसके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है जिसकी वजह से लकवा भी हो सकता है।
खास बात यह है कि भारत में पोलियो का अंतिम मामला 13 जनवरी 2011 को गुजरात और पश्चिम बंगाल में रिपोर्ट हुआ था। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को 27 मार्च 2014 को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया था। हालांकि पड़ोसी देश जैसे पाकिस्तान, अफगानिस्तान में फैले पोलियो के वायरस आने का खतरा बना हुआ है जिस वजह से देश में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत पल्सज पोलियो अभियान के दौरान पोलियो की दवा पिलाई जा रही है।
यह दवा पाँच वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चोंज के लिये अत्यिन्तन आवश्यकक है। यह दवा जन्म। पर, छठे, दसवें व चौदहवें सप्ता्ह में फिर 16 से 24 माह की आयु में बूस्टर की खुराक दी जानी चाहिए। पाँच वर्ष तक की आयु के बच्चों को बार-बार खुराक पिलाने से पूरे क्षेत्र में इस बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ती है, जिससे पोलियो के विषाणु को पनपने से रोकती है।