बलिया : रविवार से चलेगा सघन पल्स पोलियो अभियान , 4.6 लाख बच्चों को पिलाई जाएगी दो बूंद ज़िंदगी की
रविवार से चलेगा सघन पल्स पोलियो अभियान ,
4.6 लाख बच्चों को पिलाई जाएगी दो बूंद ज़िंदगी की
बलिया, 9 मार्च 2019 ।। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा चलाये जा रहे पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में सघन पल्स पोलियो अभियान 10 से 18 मार्च तक चलाया जायेगा जबकि 10 मार्च को पोलियो दिवस के रूप मानते हुये बच्चों को दो बूंद ज़िंदगी की पिलाई जाएगी। वहीं 18 मार्च को छुटे हुए बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी। अभियान के अंतर्गत जिले में 0-5 वर्ष तक के 4.6 लाख बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा० विजय यादव ने बताया कि पहले दिन 10 मार्च को बूथ स्तर पर दवा पिलाई जायेगी| इसके बाद 11 से 15 मार्च तक टीमों द्वारा घर-घर जाकर 0-5 वर्ष तक के बच्चो को दवा पिलाई जायेगी| उन्होने बताया कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विभाग द्वारा पूरी तैयारी कर ली गयी हैं| जनपद में 1601 बूथ बनाये गये हैं और इसके अलावा घर-घर भ्रमण हेतु 834 टीम बनाई गईं हैं। बूथ हेतु पर्येवेक्षको की संख्या 320 है| ट्रांजिट एवं मोबाईल टीम की संख्या 90 है|
वर्ष 2011 में पोलियों का अंतिम प्रकरण प्राप्त हुआ था जिसके बाद भारत में पोलियो वायरस फिर से प्रवेश न करें, इसके लिए भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पल्स पोलियो कार्यक्रम का आयोजन हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 10 मार्च को किया जा रहा है|
पोलियो या पोलियोमेलाइटिस एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है। पोलियो वायरस से होता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। साथ ही यह वायरस जिस भी व्यक्ति में प्रवेश करता है उसके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है जिसकी वजह से लकवा भी हो सकता है। खास बात यह है कि भारत में पोलियो का अंतिम मामला 13 जनवरी 2011 को पश्चिम बंगाल और गुजरात में रिपोर्ट हुआ था। जबकि 27 मार्च 2014 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया था।
पोलियो के विरूद्व प्रतिरोधक क्षमता उत्प न्नआ करने के लिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम व पल्सि पोलियो अभियान के अन्तनर्गत पोलियो वैक्सीलन की दवा दी जाती है। यह दवा 05 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चोंू के लिये अत्यकन्तन आवश्यगक है। यह दवा जन्म पर, छठे, दसवें, व चौदहवें सप्ता्ह में फिर 16 से 24 माह की आयु के मध्यय बूस्ट्र खुराक दी जानी चाहिए। बार-बार और एक साथ खुराक पिलाने से पूरे क्षेत्र के 05 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों में इस बीमारी से लड़ने की एक साथ क्षमता बढती है, और इससे पोलियो विषाणु को किसी भी बच्चे के शरीर में पनपने की जगह नहीं मिलती।
4.6 लाख बच्चों को पिलाई जाएगी दो बूंद ज़िंदगी की
बलिया, 9 मार्च 2019 ।। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा चलाये जा रहे पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में सघन पल्स पोलियो अभियान 10 से 18 मार्च तक चलाया जायेगा जबकि 10 मार्च को पोलियो दिवस के रूप मानते हुये बच्चों को दो बूंद ज़िंदगी की पिलाई जाएगी। वहीं 18 मार्च को छुटे हुए बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी। अभियान के अंतर्गत जिले में 0-5 वर्ष तक के 4.6 लाख बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा० विजय यादव ने बताया कि पहले दिन 10 मार्च को बूथ स्तर पर दवा पिलाई जायेगी| इसके बाद 11 से 15 मार्च तक टीमों द्वारा घर-घर जाकर 0-5 वर्ष तक के बच्चो को दवा पिलाई जायेगी| उन्होने बताया कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विभाग द्वारा पूरी तैयारी कर ली गयी हैं| जनपद में 1601 बूथ बनाये गये हैं और इसके अलावा घर-घर भ्रमण हेतु 834 टीम बनाई गईं हैं। बूथ हेतु पर्येवेक्षको की संख्या 320 है| ट्रांजिट एवं मोबाईल टीम की संख्या 90 है|
वर्ष 2011 में पोलियों का अंतिम प्रकरण प्राप्त हुआ था जिसके बाद भारत में पोलियो वायरस फिर से प्रवेश न करें, इसके लिए भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पल्स पोलियो कार्यक्रम का आयोजन हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 10 मार्च को किया जा रहा है|
पोलियो या पोलियोमेलाइटिस एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है। पोलियो वायरस से होता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। साथ ही यह वायरस जिस भी व्यक्ति में प्रवेश करता है उसके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है जिसकी वजह से लकवा भी हो सकता है। खास बात यह है कि भारत में पोलियो का अंतिम मामला 13 जनवरी 2011 को पश्चिम बंगाल और गुजरात में रिपोर्ट हुआ था। जबकि 27 मार्च 2014 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया था।
पोलियो के विरूद्व प्रतिरोधक क्षमता उत्प न्नआ करने के लिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम व पल्सि पोलियो अभियान के अन्तनर्गत पोलियो वैक्सीलन की दवा दी जाती है। यह दवा 05 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चोंू के लिये अत्यकन्तन आवश्यगक है। यह दवा जन्म पर, छठे, दसवें, व चौदहवें सप्ता्ह में फिर 16 से 24 माह की आयु के मध्यय बूस्ट्र खुराक दी जानी चाहिए। बार-बार और एक साथ खुराक पिलाने से पूरे क्षेत्र के 05 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों में इस बीमारी से लड़ने की एक साथ क्षमता बढती है, और इससे पोलियो विषाणु को किसी भी बच्चे के शरीर में पनपने की जगह नहीं मिलती।