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मुंबई फुटओवर ब्रिज हादसा अपडेट : पुल को 6 महीने पहले ही मिला था फिट होने का सर्टिफिकेट, मुम्बई के सीएसटी स्टेशन के पास हुए हादसे में 6 लोगों की मौत, 34 अन्य घायल

मुंबई फुटओवर ब्रिज हादसा अपडेट : पुल को 6 महीने पहले ही मिला था फिट होने का सर्टिफिकेट,
मुम्बई के सीएसटी स्टेशन के पास हुए हादसे में 6 लोगों की मौत, 34 अन्य घायल
ए कुमार

मुम्बई 15 मार्च 2019 ।।
गुरुवार की शाम साढ़े सात बजे जहां 6 लोगो को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है और 34 लोग गंभीर रूप से घायल है और अस्पताल में इलाज करा रहे है तो वही दैवीय संयोग ही था कि सिग्नल पर लाल बत्ती होने के कारण कई गाड़ियों के आउटर पर ही खड़ी होने के कारण और भीड़ नही आ पायी , नही तो मृतकों और घायलों की और ज्यादे संख्या होती । जांच में पता चला है कि हादसे का कारण बने यह फुट ब्रिज को 6 महीने पहले ही  फिट होने का सर्टिफिकेट मिला था । बता दे कि 
मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन के पास गुरुवार शाम हुए हादसे में जहां 6 लोगों की मौत हो गई वहीं 34 से ज्यादा लोग घायल हो गए। सीएसटी के पास हुए इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। बड़ी बात यह है कि केवल 6 महीने पहले हुए स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट में इस पुल को प्रयोग के लिए फिट घोषित किया गया था।

इस त्रासदी ने सर्वेक्षण की गुणवत्ता पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। दो वर्ष पहले नगर पालिका द्वारा नियुक्त ठेकेदारों ने मुंबई के सभी 314 पुलों, सबवे और स्काईवॉक का ऑडिट किया था। हादसे के बाद बीएमसी कमिश्नर ने इस पुल के स्ट्रक्चरल ऑडिट से जुड़े सभी दस्तावेजों को जब्त करने का आदेश दिया है। दस्तावेजों को देखने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बीएमसी अधिकारियों के अनुसार यह फुट ओवर ब्रिज 35 साल पहले बना था। इस पुल का अंतिम बार मरम्मत साल 2010-11 में किया गया था। साल 2016 में स्वच्छ भारत अभियान के तहत पुल के उत्तरी छोर का सौंदर्यीकरण तो किया गया लेकिन मरम्मत नहीं की गई। इस योजना में पुल की टाइल्स को बदलना और पेंट करना शामिल था।

साल 2016 में मुंबई के बाहरी इलाके में एक बड़े पुल के ढहने के बाद बीएमसी द्वारा यह सर्वेक्षण शुरू किया गया था। सरकार ने बीएमसी को सभी पुलों के सर्वेक्षण का आदेश दिया था। सरकार ने अपने दिए आदेश में यह भी कहा था कि इस काम को 3 महीनें के भीतर खत्म किया जाए, लेकिन यह कार्य समय से खत्म नहीं हो सका।