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गोरखपुर : सीएम सिटी के गोरखनाथ थाने पर एफआईआर दर्ज कराने के लिये सैनिक को लेना पड़ा अपने अधिकारी का सहयोग , तब दर्ज हुई एफआईआर

सीएम सिटी के गोरखनाथ थाने पर एफआईआर दर्ज कराने के लिये सैनिक को लेना पड़ा अपने अधिकारी का सहयोग , तब दर्ज हुई एफआईआर
रंजीत यादव

गोरखपुर 26 मार्च 2019 ।।
 देश की सरहदों पर मुस्तैदी के साथ तैनात जवान अपना पराया सोचे बिना सीमा की रक्षा करने को उद्यत रहता है और यही सोचता है कि देश के अंदर उसका अपना परिवार पुलिस के द्वारा सुरक्षित होगा । लेकिन जब सीएम सिटी गोरखपुर में सीएम के आवास क्षेत्र के थाने पर ही सेना के जवान की तहरीर न ली जाती है , एफआईआर लिखवाने के लिये जवान को अपने अधिकारी की मदद लेनी पड़ती है तो उस जवान के मन मे क्या देश भक्ति के पुराने जज्बे में कमी नही आ सकती है । क्या एक्सीडेंट की भी सीएम सिटी में एफआईआर लिखवाने के लिये ऊपरी सोर्स की जरूरत है ? यह सोचनीय प्रश्न है ।


बता दे कि सीएम के शहर के गोरखनाथ थाना के पुलिस के उपेक्षा का शिकार एक सैनिक का परिवार हो रहा है। जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में नायक के पद पर कार्यरत जवान का होली उस वक़्त फीकी हो गयी जब उसके दो बेटियों को लापरवाही से स्कार्पियो चला रहा चालक ने पीछे से जोरदार टक्कर मारते हुए फरार हो गया। वंही घटना का वीडियो सामने आने के चार दिन बाद भी स्कार्पियो व चालक पुलिस की पहुंच से दूर है। फिलहाल दोनों बेटियों का इलाज एयरफोर्स हॉस्पिटल गोरखपुर में चल रहा है । जंहा पर दोनों की हालत चिंताजनक बनी हुई है।
जानकारी के अनुसार गोरखनाथ थाना अंतर्गत लक्षिपुर शान्तिपुरम निवासी चन्द्रशेखर मल्ल जम्मूकश्मीर के श्रीनगर में नायक के पद पर सेना में कार्यरत हैं। विगत 21 मार्च की शाम तकरीबन 5 बजे श्री मल्ल की दोनों बेटियां नेहा व निधि समान लेने पास के ही मार्केट में जा रही थी। अभी वो अपने घर वाले रोड से मुख्य मार्ग पर मुड़ने ही वाली थीं कि पीछे से तेज लापरवाही से स्कार्पियो चालक ने ठोकर मार दिया। ठोकर इतना जोरदार था कि दोनों बेटियां हवा में लगभग छः फीट तक उछल गयी और दूर जा कर सड़क के किनारे गिर गईं। जिससे दोनों को गम्भीर चोट आया है। स्थानीय लोग घटना देख बेटियों को संभाले और परिजनों को सूचना दिया। वंही उधर स्कार्पियो चालक गाड़ी सहित भाग निकला। घटना के बाद सैनिक के परिवार में मातम फैल गया और होली का रंग फीका हो गया।

परिजनों का कहना है कि दोनों बच्चियों का इलाज एयरफोर्स हॉस्पिटल में कराया जा रहा है और स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। बेटियों के पिता सेना में कार्यरत होने के बावजूद मुकामी पुलिस ने तीन बार तहरीर बदलवाया फिर जा करके अपने मुताबिक तहरीर लिखवा कर मुकदमा पंजीकृत किया ।

उधर घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद भी गोरखनाथ थाने की पुलिस सफेद रंग की स्कार्पियो व चालक को घटना के 4 दिन बाद भी पता लगाने में नाकाम रही है। परिजनों का कहना है कि जब एक सैनिक के साथ सीएम के शहर में पुलिस ऐसा बर्ताव कर रही है तो आमजन के साथ क्या कर रही होगी ? इसका आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है।