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लखनऊ : परिवारवाद के विरोधी नेताओ के गठबंधन एनडीए में फैलता परिवारवाद का रोग , बेटे की इंट्री में व्यवधान देख बहू को सांसद बनाने की जुगत में राजभर

परिवारवाद के विरोधी नेताओ के गठबंधन एनडीए में फैलता परिवारवाद का रोग , बेटे की इंट्री में व्यवधान देख बहू को सांसद बनाने की जुगत में राजभर
मधुसूदन सिंह

लखनऊ 23 मार्च 2019 ।। कहते है कि मरा मरा रटने से अपने आप राम राम हो जाता है । यही जुमला आजकल भाजपा और इसके सहयोगी दलों पर फिट बैठता जा रहा है । परिवारवाद , परिवारवाद जपते जपते खुद एनडीए के सभी घटक दल भी इसके रोग से ग्रसित हो गये है । कभी अपने भाषणों में परिवारवाद की खिल्ली उड़ाने वाले पीएम मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जहां स्वयं की पार्टी में हो या सहयोगी दलों में हो , परिवारवाद को अपनी खुली आँखों से देखने को विवश दिख रहे है । परिवारवाद की फेहरिस्त में एक नये महिला सदस्य की इंट्री की रूपरेखा लगभग तय की जा चुकी है और यह सब होने जा रहा है पीएम मोदी की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की तर्ज पर लोक सभा के लिये महिलाओ को वरीयता देने के अभियान के कारण । जी हां , हम बात कर रहे है यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की बड़ी बहू माधुरी राजभर की , जिनको घोषी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाने की अंदर खाने से तैयारी चल रहीं है । सूत्रों की माने तो श्री राजभर पहले इस सीट से अपने पुत्र और पार्टी के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर  को लड़ाने का विचार किया था । लेकिन भाजपा ने अरविंद राजभर को निगम का चेयरमैन बनाकर इस योजना पर लगभग विराम लगा दिया । लेकिन राजनीति के माहिर और चतुर खिलाड़ी श्री राजभर ने भाजपा के सामने अरविंद राजभर की पत्नी माधुरी राजभर का नाम प्रस्तावित करके भाजपा को भी हैरानी में डाल दिया है । बता दे कि श्री राजभर ने अभी पिछले साल जून में अपने बेटे की शादी माधुरी से मऊ में अपना जनाधार मजबूत करने और बेटे को यहां से सांसद बनाने के इरादे से ही किया था । अब जब बेटा नही बन पा रहा है तो बहू को आगे करके ओमप्रकाश राजभर ने भाजपा को पशोपेश में डाल दिया है । अगर श्री राजभर की बहू घोषी से चुनाव लड़ती है तो यह तय है कि इस बार परिवारवाद का मुद्दा नेताओ के भाषणों से दूर रहेगा ।