अयोध्या : महंत सुरेश दास बोले, कोर्ट के आदेश का सम्मान पर मध्यस्थता स्वीकार नहीं
महंत सुरेश दास बोले, कोर्ट के आदेश का सम्मान पर मध्यस्थता स्वीकार नहीं
ए कुमार
अयोध्या 12 मार्च 2019 ।।
अयोध्या में राम मंदिर मसले का हल मध्यस्थता से निकालने के मुद्दे पर दिगंबर अखाड़ा अयोध्या के महंत सुरेश दास ने शनिवार को कहा कि इसके लिए जिन तीन लोगों के नाम तय किए गए हैं, उनके पक्ष में कोई नहीं है।
महंत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हम सम्मान करते हैं, लेकिन मध्यस्थता के लिए तैयार नहीं हैं। वह सतबहिनी नदी तट स्थित राम मंदिर प्रांगण में आयोजित रामचरितमानस एवं विष्णु महायज्ञ में शामिल होने आए थे।
उन्होंने कहा कि इस मध्यस्थता में दिगंबर अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा और विश्व हिंदू परिषद को शामिल ही नहीं किया गया है। जबकि ये तीनों अयोध्यावासियों से जुड़े हैं। बगैर अयोध्यावासियों को शामिल किए निर्णय कैसे निकल सकता है। कहा कि राम मंदिर निर्माण का फैसला मध्यस्थता से नहीं निकलने वाला है।
जिस तरह से हाईकोर्ट ने राम मंदिर होने का फैसला सुनाया था, उसी तरह सुप्रीम कोर्ट भी सौ करोड़ हिंदुओं की भावनाओं का ध्यान रखते हुए फैसला सुनाए, क्योंकि इस मध्यस्थता के लिए हम सब तैयार नही हैं। बेहतर होगा कि केंद्र की मोदी सरकार और यूपी की योगी सरकार इसको लेकर प्रभावी कदम उठाए।
श्रीश्री रविशंकर को मध्यस्थता समिति में शामिल करने पर कहा कि श्रीश्री रविशंकर अगर यह कह भी दें कि वहां मस्जिद और मंदिर दोनों बनें तो हम यह मानने वाले नहीं हैं। पूरे देश में बाबर के नाम पर कहीं भी मस्जिद नहीं बनने दी जाएगी। अयोध्या में तो इसकी सहमति देने का सवाल ही नहीं उठता।
ए कुमार
अयोध्या 12 मार्च 2019 ।।
अयोध्या में राम मंदिर मसले का हल मध्यस्थता से निकालने के मुद्दे पर दिगंबर अखाड़ा अयोध्या के महंत सुरेश दास ने शनिवार को कहा कि इसके लिए जिन तीन लोगों के नाम तय किए गए हैं, उनके पक्ष में कोई नहीं है।
महंत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हम सम्मान करते हैं, लेकिन मध्यस्थता के लिए तैयार नहीं हैं। वह सतबहिनी नदी तट स्थित राम मंदिर प्रांगण में आयोजित रामचरितमानस एवं विष्णु महायज्ञ में शामिल होने आए थे।
उन्होंने कहा कि इस मध्यस्थता में दिगंबर अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा और विश्व हिंदू परिषद को शामिल ही नहीं किया गया है। जबकि ये तीनों अयोध्यावासियों से जुड़े हैं। बगैर अयोध्यावासियों को शामिल किए निर्णय कैसे निकल सकता है। कहा कि राम मंदिर निर्माण का फैसला मध्यस्थता से नहीं निकलने वाला है।
जिस तरह से हाईकोर्ट ने राम मंदिर होने का फैसला सुनाया था, उसी तरह सुप्रीम कोर्ट भी सौ करोड़ हिंदुओं की भावनाओं का ध्यान रखते हुए फैसला सुनाए, क्योंकि इस मध्यस्थता के लिए हम सब तैयार नही हैं। बेहतर होगा कि केंद्र की मोदी सरकार और यूपी की योगी सरकार इसको लेकर प्रभावी कदम उठाए।
श्रीश्री रविशंकर को मध्यस्थता समिति में शामिल करने पर कहा कि श्रीश्री रविशंकर अगर यह कह भी दें कि वहां मस्जिद और मंदिर दोनों बनें तो हम यह मानने वाले नहीं हैं। पूरे देश में बाबर के नाम पर कहीं भी मस्जिद नहीं बनने दी जाएगी। अयोध्या में तो इसकी सहमति देने का सवाल ही नहीं उठता।