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बलिया : अश्लील भोजपुरी गीत और गायक ही है भोजपुरी भाषा के असली दुश्मन : कन्हैया हरिपुरी


 अश्लील भोजपुरी गीत और गायक ही है भोजपुरी भाषा के असली दुश्मन : कन्हैया हरिपुरी
इनके होली गीत ,होली गीत की बजाय हो गये है लीहो लीहो गीत
बलिया में भोजपुरी अकादमी बनाने की रखी मांग

बलिया 10 मार्च 2019 ।।


भोजपुरी फिल्मों तथा लोकगीतों ने एक तरफ जहां भाषा भोजपुरी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोहरत दिलाने तथा इसे जन जन तक पहुंचाने में उल्लेखनीय भूमिका अदा किया है। वहीं दूसरी तरफ कतिपय गायकों द्वारा इसे अश्लीलता के घेरे में कैद कर इसकी अस्मिता पर ही प्रश्न चिन्ह लगाने का काम किया जा रहा है । जिससे भोजपुरी भाषा का विकास प्रभावित हुआ है ।
यह कहना है पूर्वांचल के जाने-माने लोकगीत, भजन गायक कन्हैया उपाध्याय हरिपुरी के। उन्होंने कहा कि देश विदेश में फैले लगभग 20 करोड़ भोजपुरी भाषा भाषियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वाले आज भी कई ऐसे गायक उभरे हैं जो फूहड़ अश्लीलता  द्बिअर्थी गानों का गायन कर माहौल को निरंतर प्रदूषित किए जा रहे हैं।होली गीत के नाम पर अश्लीलता परोस रहे हैं ऐसे लगता है जैसे होली ना होकर यह लीहो-लीहो- हो  गई है ।
उन्होंने जोर देकर कहा कि इतिहास इस बात का साक्षी है कि वही देश या समाज अपने गौरव को स्थापित कर सकता है जिसने अपनी परंपरा विरासत तथा संस्कृत की रक्षा किया है भोजपुरी ने सामाजिक संरचना एवं लोक संस्कृति के संरक्षण में काफी योगदान किया है किंतु आज भी इस भाषा को महत्व नहीं मिल पाया है जो मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो समाज अपनी संस्कृति से जुड़ा रहेगा वही देश को विश्व स्तर पर मजबूती प्रदान कर सकता है ।उन्होंने भोजपुरी को उचित सम्मान दिलाने हेतु भोजपुरी भाषियों को एकजुट होने का आह्वान किया है साथ ही बलिया में एक भोजपुरी अकादमी की स्थापना की मांग भी की है।