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गोरखपुर : मवेशी खाने में मर रहे पशु से नाराज ग्रामीणों ने जिला पंचायत के कर समाहर्ता अधिकारी के ऊपर दर्ज कराया मुकदमा ,चारा-पानी के अभाव में मर रहे है पशु, सो रहे हैं जिम्मेदार


मवेशी खाने में  मर रहे पशु  से नाराज ग्रामीणों ने जिला पंचायत के कर समाहर्ता अधिकारी के ऊपर दर्ज कराया  मुकदमा ,चारा-पानी के अभाव में मर रहे है पशु, सो रहे हैं जिम्मेदार 
पिछले एक हफ्ते में 10 पशुओं की मौत से क्षेत्र में फैली है सनसनी  
ए कुमार

बांसगांव गोरखपुर 23 मार्च 2019 ।। बांसगांव तहसील मुख्यालय पर प्रशासन की नाक के नीचे बना पशु आश्रय गृह मानो यातना गृह बन गया है। हालात ऐसे बताये जा रहे हैं कि चारा-पानी के अभाव के चलते भूख से तड़प तड़प कर आये दिन बेजुबान पशुओं की अकाल मौत हो रही है और जिम्मेदार उदासीन बने बैठे हैं। पिछले एक हफ्ते में 10 पशुओं की मौत से क्षेत्र में सनसनी फैल गयी है। फिर भी जिम्मेदारों की संवेदना  नहीं जाग रही है।मालूम हो कि नगर पंचायत के वार्ड संख्या दो बड़ाबन में स्थित कांजी हाउस (गो वंश आश्रय स्थल) में भूख के चलते पशु मर रहे है और जिम्मेदार इसकी अनदेखी करने में लगे हैं। मजे कि बात है कि इसके प्रति स्थानीय प्रशासन भी मूक दर्शन बना बैठा है ।

इस संबंध में बॉसगाँव नंबर 9 निवासी अग्निवेश सिंह ,भैरवपुर निवासी सुशील सिंह ,सभासद विनय सिंह , वार्ड नंबर 6 निवासी आशीष प्रताप सिंह ,वार्ड नंबर 10 निवासी दीपक सिंह, वार्ड नंबर 10 निवासी देवव्रत सिंह ने बॉसगांव थाने में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि इस आश्रय गृह में रखे गये पशुओं के खाने पीने का समुचित प्रबंध न होने से कुपोषण का शिकार होते जाने से उनकी अकाल मौत चिंताजनक है। इतना ही नहीं मृत पशुओं को दफनाएं नहीं जाने से मौके पर शव का सड़न होने से मुहल्ले के लोगों का दुर्गंध के कारण जीना दूभर हो गया है। साथ ही लोग संक्रामक बिमारी के फैलने की आशंका से भयभीत हो उठे हैं। जिस पर पुलिस ने पशु क्रूरता अधिनियम के अंतर्गत जिला कर समाहर्ता अधिकारी संतोष कुमार सिंह के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर जांच में जुट गई

क्या मिलता है प्रशासन की तरफ से पशुओं को

बताते चलें कि जिला पंचायत से संचालित होने वाले इस गो वंश आश्रय गृह में लगभग 100 पशुओं को रखा गया है। प्रत्येक पशु को चारे पानी के लिये प्रतिदिन 30 रुपये की धनराशि व्यय किया जाना है। ऐसे में एक पशु के लिए एक माह में 9000 हजार रुपये और 100 पशुओं के लिए 90000 हजार की राशि व्यय की जा चुकी है। किन्तु चारे पानी के अभाव के चलते यहाँ पर बेजुबान पशु आये दिन तड़प तड़प कर दम तोड़ते जा रहे हैं।