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लखनऊ : मां गंगा जी का सहारा लेकर सच्चाई और संकल्प की बुनियाद पर राजनीतिक परिवर्तन करूँगी : प्रियंका गांधी

 मां गंगा जी का सहारा लेकर सच्चाई और संकल्प की बुनियाद पर राजनीतिक परिवर्तन करूँगी :प्रियंका गांधी
आम आदमी की तरह इंडिगो फ्लाइट से लखनऊ पहुंची प्रियंका गांधी वाड्रा
यूपी की जनता से वादा- खास नही आम बनकर मिलेगी प्रियंका
सड़क , जल परिवहन,पैदल हर तरीके से करेंगी प्रचार
मधुसूदन सिंह

लखनऊ 17 मार्च 2019 ।। 
पिछले चुनाव में गंगा जी ने नरेंद्र मोदी को बुलाकर पीएम की कुर्सी तक पहुंचा दिया , अब यह अलग बात है कि गंगा जी को प्रदूषणमुक्त करने के अभियान के प्रति दृढ़ प्रतिज्ञ होने का वादा करने के वावजूद पीएम गंगा जी को पूरी तरह साफ नही कर पाए । इस चुनाव में भी गंगा जी की अहम भूमिका होने जा रही है । इस बार गंगा जी पिछले चुनाव की तरह तो किसी को बुलायी नही है लेकिन इस बार इनके सहारे कोई अपनी राजनैतिक नैया को पार लगाने की कोशिश में है । जी हां , इस बार प्रियंका गांधी ,गंगा जी के सहारे यूपी की राजनीति में गंगा जमुनी संस्कृति के सहारे बुनियादी परिवर्तन की राह पर निकली है ।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी प्रचार के लिये हाई प्रोफाइल संसाधनों की बजाय आम लोग जिसका प्रयोग करते है , उसके द्वारा आम लोगो के बीच जाकर लोकप्रिय होती जा रही है । आज नईदिल्ली से लखनऊ आने के लिये प्रियंका ने इंडिगो की फ्लाइट में आम लोगो के साथ बैठकर यात्रा की ,जो लोगो मे चर्चा का विषय बन गयी है । प्रियंका ने एक पत्र जारी करके प्रदेश की जनता को बताया है कि यूपी में गंगा सच्चाई और समानता की प्रतीक है ।गंगा हमारी गंगा जमुनी तहजीब की चिन्ह है और यह किसी से भी भेदभाव न करके सबके साथ समानता का व्यवहार करती है । मां गंगा यूपी की सहारा है , मैं गंगा मैय्या का सहारा लेकर आपके बीच मे आउंगी । श्रीमती गांधी ने अपने खुले पत्र में युवाओं, महिलाओ, किसानों और मजदूरों की भावनाओ को स्पर्श करने की बखूबी कोशिश की है । ऐसे वक्त में जब बीजेपी देशप्रेम के ज्वार के सहारे चुनावी नैय्या पार लगाने की फिराक में है ,वैसे में प्रियंका गांधी का आम लोगो की बुनियादी जरूरतों को मुद्दा बनाकर जोर का झटका धीरे से देने की रणनीति पर चल रही है । प्रदेश की जनता से सीधे संवाद वाले अपने पत्र में श्रीमती गांधी ने कहा है कि प्रदेश की राजनीति में एक ठहराव के कारण आज युवा महिलाये किसान और मजदूर परेशानी में है । ये लोग अपनी पीड़ा अपनी बात साझा करना चाहते है लेकिन राजनीतिक गुणा गणित के शोर में युवाओं महिलाओ किसानों और मजदूरों की आवाज प्रदेश की नीतियों से पूरी तरह गायब हो गयी है ।

 इस तरह से प्रदेश सरकार को युवाओ महिलाओ किसानों और मजदूरों के प्रति उपेक्षित नीति वाली सरकार सलीके से साबित करते हुए अपने आपको इन सभी लोगो के बीच का साबित करने के लिये आगे कही है कि मैं इस धरती से (यूपी से) आत्मिक रूप से जुड़ी रही हूं । मैं मानती हूं कि प्रदेश में किसी भी राजनैतिक परिवर्तन की शुरुआत आपकी बात सुने बगैर -आपकी पीड़ा को साझा किये बगैर नही हो सकती है , इसी लिये आप सबसे संवाद करने आप लोगो के घर आ रही हूं । मैं आप लोगो को विश्वास दिलाती हूं कि आपकी बातों को सुनकर सच्चाई और संकल्प की बुनियाद पर हम राजनीति में परिवर्तन लाएंगे । हम एक साथ आपके मुद्दों को हल करने की तरफ बढ़ेंगे ।

    एक तरफ जहां देश के बड़े नेता कौन राष्ट्रभक्त है कौन देश द्रोही है , कौन चौकीदार है कौन चोर है , का राग अलाप रहे है । सभी हम की जगह मैं को सच्चा साबित करने पर लगे हुए है । वही ठीक इसके उलट प्रियंका गांधी जहां आम लोगो के मुद्दों को उठाकर उनकी सहानुभूति हासिल कर रही है , वही मैं की जगह हम का प्रयोग करके बिना किसी को अपशब्द कहे सलीके से सरकार की नाकामियो को भी आमजन के सामने उजागर कर रही है । प्रियंका की यह सादगी वाली रणनीति भाजपा खेमे में हलचल तो मचा ही रही है ।