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जम्मू कश्मीर : मां की गुहार और खुदा का वास्ता भी आतंकियों के सामने बेअसर , आतंकियों संग अगले दिन बच्चे की मिली लाश



23 मार्च 2019 ।।

                                (आकाश हसन)
उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले के हाजिन में गुरुवार सुबह सुरक्षाबल के जवानों ने सर्च अभियान शुरू किया. पूरे इलाके की सर्चिंग के बाद सुरक्षाबलों ने शहर के मीर मोहल्ले में एक घर की घेराबंदी की. यहां तीन मंजिला एक इमारत में लश्कर-ए-तैयबा कमांडर अली और उसके सहयोगी हुबैब छिपे हुए थे. यह घर अब्दुल हामिद मीर और मोहम्मद शफी का है, जहां वे अपने परिवारों के साथ रहते थे.
जवानों ने जब मकान की घेरेबंदी की तब वहां आतंकियों के साथ परिवार के आठ सदस्य भी फंसे हुए थे. परिवार के छह सदस्य मकान से बाहर आ गए, लेकिन दो लोग बाहर नहीं आ पाए. इनमें से एक 60 वर्षीय हामिद थे और दूसरा उनका 12 साल का भतीजा आतिफ हुसैन ।दोनों को आतंकियों ने बंधक बना लिया था.

आतिफ की मां शरीफा बानो ने न्यूज18 को बताया, 'जब जवानों ने हमारे घर को घेरा तब आतंकी, आतिफ और उसके अंकल घर की दूसरी मंजिल पर थे. बाहर निकलते वक्त मैंने आतंकियों से कहा कि वे उन्हें छोड़े दें, लेकिन उन लोगों ने मुझे बाहर जाने के लिए कहा. मुझे लगा था कि वे लोग थोड़ी देर में दोनों को छोड़ देंगे. वह बाहर आ गईं. उनके साथ उनकी दो बेटियां, भाभी और उनकी दो बेटियां भी घर से बाहर आ गईं.

परिवार ने जवानों से गुजारिश की कि जब तक आतिफ और उसके अंकल सुरक्षित बाहर नहीं आते हैं. तब तक वे गोली न चलाएं, लेकिन लगातार अपील के बाद भी आतंकियों ने उन्हें नहीं छोड़ा.

हामिद मीर शाम तक बाहर आ गए. उन्होंने परिवार को बताया कि वह जैसे-तैसे बचकर बाहर आ गए लेकिन आतंकियों ने आतिफ को बंधक बना लिया है.

आतिफ के पिता मोहम्मद शफी ने बताया, 'मस्जिद से बार-बार अनाउंसमेंट करवाया गया लेकिन आतंकियों ने बच्चे को निकलने नहीं दिया.' शफी हाजिन में कीटनाशक दवाओं की दुकान चलाते हैं और घटना के वक्त वह घर पर नहीं थे.
आतिफ की मां


अपने बच्चे की सुरक्षा को लेकर चिंतित बानो आतंकियों से गुहार लगाती रहीं कि उनके बेटे को छोड़ दिया जाए. उनका वीडियो सोशल मीडिया पर भी शेयर किया गया. इस वीडियो में बानु कह रही हैं, 'अल्लाह और पैगंबर के नाम पर उसे छोड़ दो. मेरी गुजारिश है कि उसे छोड़ दो. हमने तुम्हें खाना खिलाया है. हमने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है?'

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कुछ वक्त के बाद अली घर की खिड़की के सामने आया. उसके साथ आतिफ भी था. एक पड़ोसी ने कहा, 'मैंने आतिफ को अली के शरीर के बेहद करीब देखा. उसने अली का बाजू पकड़ा हुआ था.'

आतिफ आर्मी के गुडविल स्कूल में कक्षा छठवीं का छात्र था. वह पढ़ाई के लिए बोर्डिंग स्कूल में जाने वाला था. उसके पिता ने कहा, 'उसने सैनिक स्कूल के लिए अप्लाई किया था और कुछ ही दिनों में एंट्रेंस टेस्ट देने वाला था.'

रात में घर में धमाका हुआ और सुबह वहां से तीन जली हुई लाशें बरामद की गईं. इनमें से एक 12 साल के आतिफ की लाश थी. परिवार का मानना है कि अली ने आतिफ को बंधक बनाकर रखा था ताकि उसे कवर बनाकर वह वहां से भाग सके. हालांकि पुलिस ने बताया कि आतंकियों ने उसे मार दिया.

पुलिस ने बयान जारी किया, ‘आतंकियों ने आतिफ को आखिरी वक्त तक बंधक बनाकर रखा. लोगों और पुलिस की लगातार अपील के बाद भी उसे नहीं छोड़ा गया. उसे आतंकियों के चंगुल से नहीं बचाया जा सका, उन लोगों ने बेरहमी से उसकी हत्या कर दी.’

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि सुरक्षाबल ने रात में घर में ब्लास्ट किया, जिससे घर को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा था. उन्होंने बताया कि सुबह घर में दोबारा ब्लास्ट किया जिससे घर जमीदोश हो गया.

बांदीपोरा के सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस राहुल मलिक ने न्यूज 18 को बताया, “अली एक खतरनाक आतंकी था जो कई आतंकी हमलों में शामिल था.” पुलिस ने बताया कि दोनों आतंकी पाकिस्तानी नागरिक थे.

आतिफ घर का इकलौता लड़का था. उसकी मौत से पूरा परिवार सदमे में है. आतिफ की मां ने सवाल किया, 'वह मासूम था. हमने इन आतंकियों को खाना खिलाया था वे लोग उसे जाने दे सकते थे. वह उनका क्या बिगाड़ लेता?'

(साभार न्यूज18)