Breaking News

हम निभाएंगे : एक तीर से कई निशाने साधता कांग्रेस का घोषणा पत्र




2 अप्रैल 2019 ।।

कांग्रेस ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. 2014 लोकसभा चुनाव की तुलना में पार्टी ने इस बार के घोषणापत्र में काफी बदलाव किया है. राहुल गांधी, सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में दिल्ली में यह घोषणापत्र जारी किया गया. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने घोषणापत्र में युवाओं और खासकर बेरोजगारों को लुभाने के लिए ढेर सारे वादे किए हैं. साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कई क्रांतिकारी कदम उठाने की बात कही है.

कांग्रेस के घोषणापत्र में मुख्य रूप से पांच बातों पर फोकस रखा गया है. कांग्रेस ने 2014 में दिए अपने ‘हर हाथ शक्ति, हर हाथ तरक्की’ का नारा बदल कर 2019 में ‘हम निभाएंगे’ कर दिया है. 2014 के घोषणापत्र में पार्टी ने जहां देश को मजबूत करने के तमाम तरह के वायदे किए थे, वहीं इस बार के घोषणापत्र में ऐसे कई मुद्दे हैं जो बीते कुछ वर्षों में जोरदार बहस का विषय बने रहे.

बता दें कि पिछले घोषणापत्र में जहां यूपीए-2 के कामकाज का बखान किया गया था. वहीं इस बार यूपीए-1 और यूपीए-2 के दौरान किए गए कामकाज को घोषणापत्र में ज्यादा तरजीह नहीं दी गई है. कांग्रेस पार्टी ने अगले पांच साल के लिए अपना एजेंडा तय कर चुनावी घोषणापत्र तैयार किया है.

हालांकि, इस बार भी मजदूरों का हित, स्वास्थ्य का अधिकार, अल्पसंख्यकों के हितों को पार्टी के घोषणापत्र में तरजीह मिली है, लेकिन कहीं न कहीं जो मुद्दे 2014 में कांग्रेस की प्राथमिकता में सबसे आगे थे वो इस बार पीछे छूट गए हैं.

किसानों के लिए खास
कांग्रेस ने ग्रामीण वोटरों को लुभाने के लिए किसानों का अलग से बजट लाने का प्रावधान करने का वायदा किया है. पार्टी ने अपने घोषणापत्र में एक तीर से कई निशाने साधे हैं. राहुल गांधी ने कहा कि युवाओं को रोजगार करने के लिए किसी की भी अनुमति की जरूरत नहीं होगी. शुरुआती तीन साल में कोई भी व्यक्ति सीधा रोजगार शुरू कर सकता है. उन्होंने कहा कि 10 लाख युवाओं को सीधे गांव में ही रोजगार मुहैया कराएंगे.

'न्याय' पर खास जोर
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी कार्यालय में 2019 के घोषणापत्र जारी करते हुए भविष्य के कई एजेंडों को सामने रखा. कुछ दिन पहले ही पार्टी ‘न्याय योजना’ और लगभग 22 लाख खाली पदों पर भरने की बात कह चुकी है. देश के 20 प्रतिशत गरीबों को सालाना 72 हजार रुपए देने का भी प्रावधान किया गया है.

राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘पार्टी की घोषणापत्र में जनता की आवाज है. घोषणापत्र तैयार करते वक्त हमने आम लोगों से बात करना जरूरी समझा. हमने कोशिश की है कि हम अपने घोषणापत्र में कोई झूठ वादे नहीं करें. हमारे प्रधानमंत्री तो झूठ ही बोलते हैं.’

वहीं घोषणापत्र कमिटी के सदय राजीव गौड़ा ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'राहुल गांधी चाहते थे कि यह घोषणापत्र कुछ अलग तरीके का हो. इसी को ध्यान में रखते हुए कमेटी ने इसे अलग तरीके से तैयार करने की कोशिश की. इस घोषणापत्र को जन आवाज घोषणापत्र का नाम दिया गया है.'
(साभार न्यूज18)