आज है सभी कष्ट दूर करने वाला प्रदोष व्रत : ऐसे करे पूजा
2 अप्रैल 2019 ।।
प्रदोष व्रत : हिंदू धर्म में कई त्योहार और व्रत ऐसे हैं जिनका अपना अलग महत्व और पूजन विधि है. आज 2 अप्रैल मंगलवार को प्रदोष व्रत है. इस व्रत को लोग भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए करते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से भगवान शिव व्रती भक्त की सभी प्रकार की परेशानियों का हरण कर लेते हैं. प्रदोष व्रत के दिन भक्तजन माता पार्वती और भगवान शिव की आराधना करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी भक्त ये व्रत करता है उसे किसी ब्राह्मण को गोदान (गाय का दान) करने के समान पुण्य लाभ होता है.
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कलियुग में जब समाज में हर तरफ कुरीतियों का बोलबाला हो ऐसे समय में यह व्रत अत्यंत मंगल परिणाम देने वाला होता है. प्रदोष का अर्थ होता है शाम का समय. ऐसा माना जाता है कि शाम के समय प्रदोषकाल में भगवान शिव कैलाश पर्वत के चांदी से बने भवन में तांडव नृत्य करते हैं. इस समय सारे देवी-देवता उनकी आराधना करते हैं.
प्रदोष व्रत की पूजा-विधि:
प्रदोष व्रत करने वाले व्रती को इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाना चाहिए. इसके बाद नहा-धोकर पूरे विधि-विधान के साथ भगवान शिव का भजन कीर्तन और पूजा-पाठ करना चाहिए. इसके बाद पूजाघर में झाड़ू-पोछा कर पूजाघर समेत पूरे घर में गंगाजल से पवित्रीकरण करना चाहिए. इसके बाद पूजाघर को गाय के गोबर से लीपना चाहिए.
मिलता है यह फल:
ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त ये व्रत करता है उसे किसी ब्राह्मण को गोदान (गाय का दान) करने के समान पुण्य लाभ होता है.
प्रदोष व्रत में इस मंत्र का करें जाप:
अब केले के पत्तों और रेशमी वस्त्रों की सहायता से एक मंडप तैयार करना चाहिए. अब चाहें तो आटे, हल्दी और रंगों की सहायता से पूजाघर में एक अल्पना (रंगोली) बना लें. इसके बाद साधक (व्रती) को कुश के आसन पर बैठ कर उत्तर-पूर्व की दिशा में मुंह करके भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. व्रती को पूजा के समय 'ॐ नमः शिवाय' और शिवलिंग पर दूध, जल और बेलपत्र अर्पित करना चाहिए.
आज है सभी कष्ट दूर करने वाला प्रदोष व्रत : ऐसे करे पूजा
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
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April 02, 2019
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