नगर पालिका बलिया के झूठ को डीएम बलिया ने किया सत्यापित , आईजीआरएस को बनाया फर्जी निस्तारण का अड्डा
नगर पालिका बलिया के झूठ को डीएम बलिया ने किया सत्यापित , आईजीआरएस को बनाया फर्जी निस्तारण का अड्डा
मधुसूदन सिंह
बलिया 2 अप्रैल 2019 ।। पीएम मोदी चाहे लाख चिल्लाकर कहे कि मैं चौकीदार ऐसा हूं कि न खाऊंगा न खाने दूंगा , सीएम योगी कहे कि भ्रष्टाचार पर कड़ी नजर है , लेकिन बलिया जनपद में उपरोक्त दोनों नेताओं की बाते जैसे अधिकारियों द्वारा सुनी ही नही जाती है या इसकी तरफ ध्यान देने की जरूरत ही नही समझी जाती है । यह कोई कोरी कल्पना नही हकीकत है । जी हां , मैं दिसंबर 2017 से आईजीआरएस और लिखित शिकायतों के माध्यम से नगर पालिका बलिया में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा हूँ । माननीय मुख्यमंत्री जी , नगर विकास मंत्री जी , प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा जी , प्रमुख सचिव नगर विकास और निदेशक प्रशासन नगर निकाय को मेरे द्वारा कई पत्र दिए गये है जिनको बाद में आईजीआरएस पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाता है , के माध्यम से नगर पालिका बलिया में कैसे शासनादेशों का उलंघन करके भ्रष्टाचार किया जा रहा है , को सबूत के साथ बतलाया गया । हर बार ईओ बलिया ने फर्जी रिपोर्ट के आधार पर मेरी शिकायतों का निस्तारण करा दिया । मेरे द्वारा ईओ बलिया के द्वारा दी गयी रिपोर्ट की सत्यता की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई वो भी शासन स्तर से ईओ बलिया ने लगता है दबवा दिया । मेरी 31 जनवरी 2019 की शिकायत को पुनः 31 मार्च 2019 को फिर से ईओ बलिया डीके विश्वकर्मा ने अपने फर्जी रिपोर्ट के आधार पर निस्तारण करा दिया है जबकि इस शिकायत के लिये ईओ को 11 फरवरी 2019 तक का ही समय मिला हुआ था ।बलिया के जिलाधिकारी आईजीआरएस की शिकायतों के निस्तारण के लिये जो भी रिपोर्ट आती है उसको आंख बंद करके संस्तुति कर देते है , यह नही देखते है कि यह शिकायत सालो से बार बार क्यो आ रही है और विजिलेंस जांच / उच्च स्तरीय जांच की मांग क्यो की जा रही है । 31 मार्च 2019 को हुए मेरी शिकायत के निस्तारण के बाद अब विश्वास हो गया है कि चाहे पीएम हो या सीएम हो , अपने आप को सजग चौकीदार कहते रहे बलिया नगर पालिका के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की सरकार के पास फुर्सत नही है जिसके चलते यहां के अधिकारी दोनों हाथों से सरकारी धन के गबन /लूट में लगे हुए है ।
प्रस्तुत शिकायत जिसका निस्तारण फर्जी रिपोर्ट पर किया गया है । अगर उसकी बाहरी उच्च स्तरीय टीम से जांच करा दी जाय तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा ।
मधुसूदन सिंह
बलिया 2 अप्रैल 2019 ।। पीएम मोदी चाहे लाख चिल्लाकर कहे कि मैं चौकीदार ऐसा हूं कि न खाऊंगा न खाने दूंगा , सीएम योगी कहे कि भ्रष्टाचार पर कड़ी नजर है , लेकिन बलिया जनपद में उपरोक्त दोनों नेताओं की बाते जैसे अधिकारियों द्वारा सुनी ही नही जाती है या इसकी तरफ ध्यान देने की जरूरत ही नही समझी जाती है । यह कोई कोरी कल्पना नही हकीकत है । जी हां , मैं दिसंबर 2017 से आईजीआरएस और लिखित शिकायतों के माध्यम से नगर पालिका बलिया में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा हूँ । माननीय मुख्यमंत्री जी , नगर विकास मंत्री जी , प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा जी , प्रमुख सचिव नगर विकास और निदेशक प्रशासन नगर निकाय को मेरे द्वारा कई पत्र दिए गये है जिनको बाद में आईजीआरएस पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाता है , के माध्यम से नगर पालिका बलिया में कैसे शासनादेशों का उलंघन करके भ्रष्टाचार किया जा रहा है , को सबूत के साथ बतलाया गया । हर बार ईओ बलिया ने फर्जी रिपोर्ट के आधार पर मेरी शिकायतों का निस्तारण करा दिया । मेरे द्वारा ईओ बलिया के द्वारा दी गयी रिपोर्ट की सत्यता की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई वो भी शासन स्तर से ईओ बलिया ने लगता है दबवा दिया । मेरी 31 जनवरी 2019 की शिकायत को पुनः 31 मार्च 2019 को फिर से ईओ बलिया डीके विश्वकर्मा ने अपने फर्जी रिपोर्ट के आधार पर निस्तारण करा दिया है जबकि इस शिकायत के लिये ईओ को 11 फरवरी 2019 तक का ही समय मिला हुआ था ।बलिया के जिलाधिकारी आईजीआरएस की शिकायतों के निस्तारण के लिये जो भी रिपोर्ट आती है उसको आंख बंद करके संस्तुति कर देते है , यह नही देखते है कि यह शिकायत सालो से बार बार क्यो आ रही है और विजिलेंस जांच / उच्च स्तरीय जांच की मांग क्यो की जा रही है । 31 मार्च 2019 को हुए मेरी शिकायत के निस्तारण के बाद अब विश्वास हो गया है कि चाहे पीएम हो या सीएम हो , अपने आप को सजग चौकीदार कहते रहे बलिया नगर पालिका के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की सरकार के पास फुर्सत नही है जिसके चलते यहां के अधिकारी दोनों हाथों से सरकारी धन के गबन /लूट में लगे हुए है ।
प्रस्तुत शिकायत जिसका निस्तारण फर्जी रिपोर्ट पर किया गया है । अगर उसकी बाहरी उच्च स्तरीय टीम से जांच करा दी जाय तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा ।