वाराणसी : पूर्वांचल की इन 13 सीटों पर किसकी कितनी रंग लाएगी सोशल इंजीनियरिंग ?
पूर्वांचल की इन 13 सीटों पर किसकी कितनी रंग लाएगी सोशल इंजीनियरिंग ?
ए कुमार
वाराणसी 15 मई 2019: लोकसभा चुनाव अब डेढ़ महीने के मशक्कत के बाद अंतिम चरण में पहुंच चुका है। सारे दलों ने पूर्वांचल में पूरी ताकत झोंक दी है। सबकी निगाह पूर्वांचल की 13 सीटों पर है। और इसके लिए सभी की निगाह सवर्ण और पिछड़ों पर है। इसी लिहाज से सारे दलों ने अपने प्रत्याशी भी खड़े किए हैं।
इस अंतिम चरण की 13 सीटों के लिए तकरीबन सभी की निगाहें कुर्मी, कोयरी, निषाद, राजभर, चौहान, यादव के साथ ब्राह्मण, क्षत्रिय, भूमिहार और कायस्थ मतों की ओर है। इसमें चाहे गठबंधन के सपा-बसपा हों या कांग्रेस अथवा भारतीय जनता पार्टी।
बता दें कि सातवें व अंतिम चरण में वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, गोरखुपर, देवरिया, घोसी, महाराजगंज, कुशीनगर, बांसगांव, सलेमपुर, बलिया, मिर्जापुर, राबर्ट्सगंज में मतदान होना है। इन सीटों की कुछ सीटों पर कुछ खास जातियों का प्रभुत्व है। इन खास जातियों के मद्देनजर ही भाजपा ने जातीय समीकरण को देखते हुए अपने प्रत्याशी भी उतारे हैं। जातीय समीकरण के तहत ही भाजपा ने अपना दल (एस) और निषाद पार्टी को मिलाया है। वैसे तो 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भी थी लेकिन इस चुनाव में सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने पूर्वांचल की लगभग सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं।
जातीय समीकरण कहें या सोशल इंजीनियरिंग, इसी रणनीति के तहत भाजपा ने गाजीपुर से मनोज सिन्हा, कुशीनगर से विजय दुबे, सलेमपुर से रवींद्र कुशवाहा, मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल, बलिया से वीरेंद्र सिंह मस्त, देवरिया से रमापति राम त्रिपाठी, चंदौली से डॉ महेंद्र नाथ पांडेय, बांसगांव सुरक्षित से कमलेश पासवान, घोसी से हरिनारायण राजभर, महाराजगंज से पंकज चौधरी, गोरखपुर से रविकिशन, राबर्ट्सगंज से पकौड़ी लाल कोल और वाराणसी से नरेंद्र मोदी को मैदान में उतारा है।
वहीं गठबंधन ने गोरखपुर से रामभुआल निषाद, कुशीनगर से नथुनी प्रसाद कुशवाहा, देवरिया से विनोद जायसवाल, बांसगांव से सदल प्रसाद चौधरी, घोसी से अतुल राय, सलेमपुर से आरएस कुशवाहा, गाजीपुर से अफजाल अंसारी, चंदौली से संजय चौहान, वाराणसी से शालिनी यादव, मिर्जापुर से रामचरित्र निषाद, राबर्ट्सगंज सुरक्षित से भाईलाल कोल, बलिया से सनातन पांडेय और महाराजगंज से अखिलेश सिंह को मैदान में उतारा है।
वहीं कांग्रेस ने इन 13 में 11 सीटों पर ही सहयोगी दलों के साथ अपने प्रत्याशी उतारे हैं। इसमें गोरखपुर से मधुसूदन तिवारी, कुशीनगर से आरपीएन सिंह, देवरिया से नियाज अहमद, घोसी से बालकृष्ण चौहान, सलेमपुर से डॉ राजेश मिश्र, गाजीपुर से अजीत कुशवाहा, चंदौली से शिवकन्या कुशावाहा, वाराणसी से अजय राय, मिर्जापुर से ललितेशपति त्रिपाठी, राबर्ट्सगंज से भगवती प्रसाद चौधरी और महाराजगंज से सुप्रिया श्रीनेत को मैदान में उतारा है।
अब देखना यह है कि अंतिम चरण के होने वाले 19 मई के चुनाव में किसकी इंजीनियरिंग पास होती है और किसकी फेल ?
ए कुमार
वाराणसी 15 मई 2019: लोकसभा चुनाव अब डेढ़ महीने के मशक्कत के बाद अंतिम चरण में पहुंच चुका है। सारे दलों ने पूर्वांचल में पूरी ताकत झोंक दी है। सबकी निगाह पूर्वांचल की 13 सीटों पर है। और इसके लिए सभी की निगाह सवर्ण और पिछड़ों पर है। इसी लिहाज से सारे दलों ने अपने प्रत्याशी भी खड़े किए हैं।
इस अंतिम चरण की 13 सीटों के लिए तकरीबन सभी की निगाहें कुर्मी, कोयरी, निषाद, राजभर, चौहान, यादव के साथ ब्राह्मण, क्षत्रिय, भूमिहार और कायस्थ मतों की ओर है। इसमें चाहे गठबंधन के सपा-बसपा हों या कांग्रेस अथवा भारतीय जनता पार्टी।
बता दें कि सातवें व अंतिम चरण में वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, गोरखुपर, देवरिया, घोसी, महाराजगंज, कुशीनगर, बांसगांव, सलेमपुर, बलिया, मिर्जापुर, राबर्ट्सगंज में मतदान होना है। इन सीटों की कुछ सीटों पर कुछ खास जातियों का प्रभुत्व है। इन खास जातियों के मद्देनजर ही भाजपा ने जातीय समीकरण को देखते हुए अपने प्रत्याशी भी उतारे हैं। जातीय समीकरण के तहत ही भाजपा ने अपना दल (एस) और निषाद पार्टी को मिलाया है। वैसे तो 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भी थी लेकिन इस चुनाव में सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने पूर्वांचल की लगभग सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं।
जातीय समीकरण कहें या सोशल इंजीनियरिंग, इसी रणनीति के तहत भाजपा ने गाजीपुर से मनोज सिन्हा, कुशीनगर से विजय दुबे, सलेमपुर से रवींद्र कुशवाहा, मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल, बलिया से वीरेंद्र सिंह मस्त, देवरिया से रमापति राम त्रिपाठी, चंदौली से डॉ महेंद्र नाथ पांडेय, बांसगांव सुरक्षित से कमलेश पासवान, घोसी से हरिनारायण राजभर, महाराजगंज से पंकज चौधरी, गोरखपुर से रविकिशन, राबर्ट्सगंज से पकौड़ी लाल कोल और वाराणसी से नरेंद्र मोदी को मैदान में उतारा है।
वहीं गठबंधन ने गोरखपुर से रामभुआल निषाद, कुशीनगर से नथुनी प्रसाद कुशवाहा, देवरिया से विनोद जायसवाल, बांसगांव से सदल प्रसाद चौधरी, घोसी से अतुल राय, सलेमपुर से आरएस कुशवाहा, गाजीपुर से अफजाल अंसारी, चंदौली से संजय चौहान, वाराणसी से शालिनी यादव, मिर्जापुर से रामचरित्र निषाद, राबर्ट्सगंज सुरक्षित से भाईलाल कोल, बलिया से सनातन पांडेय और महाराजगंज से अखिलेश सिंह को मैदान में उतारा है।
वहीं कांग्रेस ने इन 13 में 11 सीटों पर ही सहयोगी दलों के साथ अपने प्रत्याशी उतारे हैं। इसमें गोरखपुर से मधुसूदन तिवारी, कुशीनगर से आरपीएन सिंह, देवरिया से नियाज अहमद, घोसी से बालकृष्ण चौहान, सलेमपुर से डॉ राजेश मिश्र, गाजीपुर से अजीत कुशवाहा, चंदौली से शिवकन्या कुशावाहा, वाराणसी से अजय राय, मिर्जापुर से ललितेशपति त्रिपाठी, राबर्ट्सगंज से भगवती प्रसाद चौधरी और महाराजगंज से सुप्रिया श्रीनेत को मैदान में उतारा है।
अब देखना यह है कि अंतिम चरण के होने वाले 19 मई के चुनाव में किसकी इंजीनियरिंग पास होती है और किसकी फेल ?