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अपडेट : बलिया से बड़ी खबर : "रोड नही तो वोट नही" के आधार पर आंदोलनरत गांव में प्रशासन ने जबरिया डलवाया 4 वोट ग्रामीणों का आरोप ,, गांव में पुलिस के द्वारा दबाव बनाने की भी खबर

बलिया से बड़ी खबर :  "रोड नही तो वोट नही" के आधार पर आंदोलनरत गांव में प्रशासन ने जबरिया डलवाया 4 वोट ग्रामीणों का आरोप,  गांव में पुलिस के द्वारा दबाव बनाने की भी खबर

बलिया 19 मई 2019 ।। "रोड नही तो वोट नही " के नारों के साथ धरनारत छोटकी बेलहरी गांव के लोगो पर प्रशासनिक दबाव भी जब काम नही आया तो ग्रामीणों ने आरोप लगाया हैै कि  4 ग्रामीणों को पकड़ कर जबरिया वोट डलवाकर कोरम पूरा किया । वही ग्रामीणों का आरोप है कि मतदान करने वाले व्यक्तियों में से एक मानसिक रोगी भी है वही एक व्यक्ति ने जबरदस्ती वोट डलवाने की बात कही है ।

वही वोट देने वाले एक मात्र ग्रामीण सुरेश पुत्र रमाशंकर ने अपने बयान में कहा है कि गांव वाले तो रोड नही तो वोट नही , कह रहे है और हमको भी रोक रहे थे लेकिन हमने अपना बहुमूल्य वोट दिया है । ग्रामीणों का आरोप है कि हमारे ऊपर पुलिस ने शाम को साढ़े पांच बजे के बाद गांव में भारी मात्रा में पहुंच कर बल प्रयोग किया है । इस संबंध में किसी प्रशासनिक अधिकारी से बल प्रयोग किये जाने के सम्बंध में पुष्टि तो नही हो पायी है लेकिन शाम को गांव में जवानों की चहल कदमी कुछ तो कह ही रही है ।
बता दे कि 71 सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 405 पर कुल मतदाता 790 है । ग्रामीणों द्वारा सड़क के लिये मतदान का बहिष्कार किया गया जिसको खत्म कराने के लिये खुद एसडीएम बांसडीह अनपूर्णा गर्ग बातचीत करने पहुंची थी और चुनाव बाद सड़क बनवाने का आश्वासन भी दे रही थी लेकिन वर्षो से आश्वासन सुनते सुनते ग्रामीणों का धैर्य जबाब दे चुका था , इस लिये ग्रामीणों ने एसडीएम की बात नही मानी ।
बयान :वोट देने वाले ग्रामीण सुरेश



गांव में शाम को जाते भारी संख्या में पुलिस के जवान



सबसे बड़ा सवाल बिना एजेंट मशीन को खोलने और सील करने के कौन है गवाह
भारत निवार्चन आयोग के स्पष्ट निर्देश है कि वोटिंग शुरू करने से पहले ईवीएम और वीवी पैट को एजेंट के सामने खोलकर दिखाना है कि इसमें पहले से कोई मतदान नही हुआ है , वीवी पैट के अंदर कोई पर्ची नही है । फिर मॉक वोटिंग करके दिखाना है और इसके बाद एजेंट के हस्ताक्षर लेकर दोनों मशीनों को सील करने के बाद वोटिंग शुरू करनी है । अब सवाल यह उठता है कि जब यहां कोई वोट देने ही नही आया तो एजेंट कौन बना था ?