बलिया में 20 हजार से अधिक मतदाता प्रशासनिक लापरवाही के चलते मताधिकार से होंगे वंचित , होमगार्ड और वाहन चालकों को नही मिल पायेगा मताधिकार का मौका , किया प्रदर्शन
बलिया में 20 हजार से अधिक मतदाता प्रशासनिक लापरवाही के चलते मताधिकार से होंगे वंचित , होमगार्ड और वाहन चालकों को नही मिल पायेगा मताधिकार का मौका , किया प्रदर्शन
मधुसूदन सिंह
बलिया 17 मई 2019 ।। एक तरफ चुनाव आयोग मतदाताओं को मतदान करने के लिये प्रत्येक जिलों में जागरूकता रैलियों पर लाखों खर्च कर लोगो से मतदान करने का आग्रह कर रहा है वही चुनाव आयोग के ही जनपद के कर्त्ताधर्त्ता अधिकारियों की चूक के चलते लगभग 20 हजार के करीब चुनाव ड्यूटी में लगे होमगार्ड और वाहन चालक वोट नही डाल पाएंगे । आज चुनाव ड्यूटी में ड्यूटी कार्ड लेने पहुंचे होमगार्ड के जवानों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर नारेबाजी करते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग करने की मांग करते दिखे । अलबत्ता कोई भी प्रशासनिक अधिकारी इनको मताधिकार करने का आश्वासन भी देने को तैयार नही हुआ । अब इस खबर ने भारत निर्वाचन आयोग के जागरूकता अभियान को भी आईना दिखाने का काम किया है । एक एक अगर आयोग की नजर में कीमती है तो क्या ये 20 हजार लोगों के वोट महत्वपूर्ण नही है । अब यह सोचना चुनाव आयोग का काम है कि ये लोग कैसे अपने मताधिकार का प्रयोग करते है ? हां यह जरूर है कि यह केवल बलिया की ही खबर नही है यह हर उस जिले में हो रहा है जहां चुनाव हो रहे है । खबर बाहर इस लिये आ गयी क्योकि यह बागी जनपद है , और जुल्मोसितम के खिलाफ आवाज बुलंद करने से पीछे नही हटता है ।
मधुसूदन सिंह
बलिया 17 मई 2019 ।। एक तरफ चुनाव आयोग मतदाताओं को मतदान करने के लिये प्रत्येक जिलों में जागरूकता रैलियों पर लाखों खर्च कर लोगो से मतदान करने का आग्रह कर रहा है वही चुनाव आयोग के ही जनपद के कर्त्ताधर्त्ता अधिकारियों की चूक के चलते लगभग 20 हजार के करीब चुनाव ड्यूटी में लगे होमगार्ड और वाहन चालक वोट नही डाल पाएंगे । आज चुनाव ड्यूटी में ड्यूटी कार्ड लेने पहुंचे होमगार्ड के जवानों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर नारेबाजी करते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग करने की मांग करते दिखे । अलबत्ता कोई भी प्रशासनिक अधिकारी इनको मताधिकार करने का आश्वासन भी देने को तैयार नही हुआ । अब इस खबर ने भारत निर्वाचन आयोग के जागरूकता अभियान को भी आईना दिखाने का काम किया है । एक एक अगर आयोग की नजर में कीमती है तो क्या ये 20 हजार लोगों के वोट महत्वपूर्ण नही है । अब यह सोचना चुनाव आयोग का काम है कि ये लोग कैसे अपने मताधिकार का प्रयोग करते है ? हां यह जरूर है कि यह केवल बलिया की ही खबर नही है यह हर उस जिले में हो रहा है जहां चुनाव हो रहे है । खबर बाहर इस लिये आ गयी क्योकि यह बागी जनपद है , और जुल्मोसितम के खिलाफ आवाज बुलंद करने से पीछे नही हटता है ।