बलिया : 28 मई से मनाया जाएगा सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा सूबे के सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को मिले निर्देश
28 मई से मनाया जाएगा सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा
सूबे के सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को मिले निर्देश
बलिया, 21 मई 2019 : शिशु मृत्यु दर और बाल्यावस्था मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की अपर निदेशक श्रुति की ओर से सूबे के मुख्य चिकित्साधिकारियों को भेजे गये पत्र में 28 मई से सघन दस्त (डायरिया) नियंत्रण पखवाड़ा (आईडीसीएफ) मनाने के निर्देश दिए हैं| यह पखवाड़ा 9 जून तक चलेगा| पखवाड़े का उद्देश्य डायरिया से होने वाली बाल मृत्यु को शून्य पर लाना है ।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा० प्रीतम कुमार मिश्रा ने बताया कि जनपद के दूर-दराज क्षेत्रों में ओआरएस और जिंक के गोली के प्रयोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के इए अभियान चलाया जायेगा ।
एसआरएस सांख्यकीय रिपोर्ट-2016 के मुताबिक़ उत्तर प्रदेश में बाल मृत्यु दर एक हजार बच्चों पर 47 है । पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों में दस प्रतिशत मृत्यु दर का कारण दस्त ही बताया गया है । पूरे देश की बात करें तो प्रति वर्ष एक लाख,20 हजार बच्चों की मौत दस्त के करण हो जाती है । बच्चों की मृत्यु दर का यह दूसरा बड़ा कारण है| केवल ओआरएस एवं जिंक की गोली से ही दस्त के कारण होने वाली मृत्यु दर को काफी हद तक काबू किया जा सकता है ।
दस्त होने के सबसे बड़े कारणों में दूषित पेयजल,स्वच्छता एवं शौचालय का अभाव और कुपोषण को माना गया है| मिशन निदेशक की ओर से दिए गए दिशा निर्देशों में कहा गया है कि पखवाड़े के तहत चलाए जाने वाले अभियान में ऐसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाए जहां आस-पास उप स्वास्थ्य केन्द्र न हो और जहां पर एएनएम की तैनाती न हो या फिर वह लंबे समय से छुट्टी पर हों ।
पखवाड़े की रणनीति एवं उद्देश्य
1. बाल्यावस्था में डायरिया के दौरान ओआरएस और जिंक की गोली के प्रयोग के प्रति जागरूकता लाना ।
2. पाँच वर्ष से कम बच्चों के मध्य दस्त के प्रबन्धन एवं उपचार हेतु गतिविधियों को बढ़ावा देना ।
3. उच्च प्राथमिकता और अति संवेदनशील समुदायों में जागरूकता लाना ।
4. स्वच्छता एवं हाथों को साफ़ रखने से विभिन्न रोगों को परिवार को सुरक्षित रखना ।
5. एएनएम द्वारा डायरिया के समुचित उपचार के अलावा व्यक्तिगत और सामुदायिक स्वच्छता पारस्परिकसंचार माध्यम से प्रदान करना ।
सूबे के सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को मिले निर्देश
बलिया, 21 मई 2019 : शिशु मृत्यु दर और बाल्यावस्था मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की अपर निदेशक श्रुति की ओर से सूबे के मुख्य चिकित्साधिकारियों को भेजे गये पत्र में 28 मई से सघन दस्त (डायरिया) नियंत्रण पखवाड़ा (आईडीसीएफ) मनाने के निर्देश दिए हैं| यह पखवाड़ा 9 जून तक चलेगा| पखवाड़े का उद्देश्य डायरिया से होने वाली बाल मृत्यु को शून्य पर लाना है ।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा० प्रीतम कुमार मिश्रा ने बताया कि जनपद के दूर-दराज क्षेत्रों में ओआरएस और जिंक के गोली के प्रयोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के इए अभियान चलाया जायेगा ।
एसआरएस सांख्यकीय रिपोर्ट-2016 के मुताबिक़ उत्तर प्रदेश में बाल मृत्यु दर एक हजार बच्चों पर 47 है । पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों में दस प्रतिशत मृत्यु दर का कारण दस्त ही बताया गया है । पूरे देश की बात करें तो प्रति वर्ष एक लाख,20 हजार बच्चों की मौत दस्त के करण हो जाती है । बच्चों की मृत्यु दर का यह दूसरा बड़ा कारण है| केवल ओआरएस एवं जिंक की गोली से ही दस्त के कारण होने वाली मृत्यु दर को काफी हद तक काबू किया जा सकता है ।
दस्त होने के सबसे बड़े कारणों में दूषित पेयजल,स्वच्छता एवं शौचालय का अभाव और कुपोषण को माना गया है| मिशन निदेशक की ओर से दिए गए दिशा निर्देशों में कहा गया है कि पखवाड़े के तहत चलाए जाने वाले अभियान में ऐसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाए जहां आस-पास उप स्वास्थ्य केन्द्र न हो और जहां पर एएनएम की तैनाती न हो या फिर वह लंबे समय से छुट्टी पर हों ।
पखवाड़े की रणनीति एवं उद्देश्य
1. बाल्यावस्था में डायरिया के दौरान ओआरएस और जिंक की गोली के प्रयोग के प्रति जागरूकता लाना ।
2. पाँच वर्ष से कम बच्चों के मध्य दस्त के प्रबन्धन एवं उपचार हेतु गतिविधियों को बढ़ावा देना ।
3. उच्च प्राथमिकता और अति संवेदनशील समुदायों में जागरूकता लाना ।
4. स्वच्छता एवं हाथों को साफ़ रखने से विभिन्न रोगों को परिवार को सुरक्षित रखना ।
5. एएनएम द्वारा डायरिया के समुचित उपचार के अलावा व्यक्तिगत और सामुदायिक स्वच्छता पारस्परिकसंचार माध्यम से प्रदान करना ।