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बलिया में हिंदी पत्रकारिता दिवस पर आयोजित हुआ कार्यक्रम : नीर क्षीर अलग करने की क्षमता में आयी है गिरावट : मोहन जी

नीर क्षीर अलग करने की क्षमता में आयी है कमी : मोहन जी
सबसे बड़ा संकट चारित्रिक और विश्वसनीयता का: प्रो यशवंत सिंह






बलिया 30 मई 2019 ।। हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर संयुक्त पत्रकार एसोसिएशन बलिया द्वारा स्थानीय बापू भवन टाउन हॉल में आयोजित संगोष्ठी और सम्मान समारोह में  मुख्य अतिथि नईदिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार मोहन जी ने वर्तमान परिवेश में हिंदी पत्रकारिता और उतपन्न चुनौतियां नामक विषय पर बोलते हुए कहा कि आज नीर क्षीर अलग करने की क्षमता के कम होने के कारण ही हिंदी पत्रकारिता के समक्ष चुनौतियां उतपन्न हुई है ।यह कमी सोवियत संघ के विघटन के समय से शुरू हुई थी जो आज भी बदस्तूर जारी है । इसके लिये अखबारों के व्यवसायीकरण भी जिम्मेदार है । वही सबसे बड़ा कारण मालिको के ही संपादक बनने का चलन है । कहा कि एक पत्रकार द्वारा अपनी खबरों से सबको संतुष्ट करने की प्रवृति ही हिंदी पत्रकारिता के लिये घातक सिद्ध हो रही है । इंडियन एक्सप्रेस , जनसत्ता , जी टीवी आदि में अपने कार्य करने के अनुभवों से सबको रूबरू कराते हुए कहा कि आज का पत्रकार विज्ञापन और समाचार में विभेद ही नही कर पा रहा है । कहा कि जो अपने को बताए वो विज्ञापन और जो समाज की हकीकत बताये वो समाचार है । मोहन जी ने हिंदी पत्रकारिता में आ रही भाषायी ह्रास पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वह दिन दूर नही जब अखबारों में खबर बनेगी - पीएम ने सीएम से कहा डीएम को हटाओ। पत्रकारिता में जबतक खेत खलिहान गांव गिरान की खबरों का समावेश नही होगा , पत्रकारिता का मिशन पूरा नही हो सकता है । अपने अतीत अपनी संस्कृति अपनी विरासत को , जो नही याद रख सकता , उसको समय भी याद नही रखता है ।

विशिष्ट अतिथि कोलकाता विश्व विद्यालय से सेवानिवृत्त , डॉ केदार नाथ सिंह के भतीजे प्रो यशवन्त सिंह ने कहा कि आज पत्रकारिता में सबसे बड़ा संकट चारित्रिक और विश्वसनीयता का उतपन्न हुआ है । गुलामी के समय मे पत्रकारिता के सामने बाहरी चुनौतियां थी लेकिन आज हमारे अंदर की ही चुनौतियां है । आज अपने अंतर्मन के विरोध के वावजूद भी पत्रकार ऐसी खबर कर रहे है जो पत्रकारिता के लिये घातक है । दिप प्रज्ज्वलन के समय पढ़े जाने वाले मंत्र की व्याख्या करते हुए कहा कि यह संदेश मिलता है कि अब दिप जल गया अर्थात हमारे अंतर्मन में प्रकाश उतपन्न हो गया । जो पत्रकारिता का हित नही कर सकते वो किसी दूसरे का भी भला नही कर सकते ।
पत्रकार भवन की मांग को पूर्ण कराने का मुख्य अतिथि ने दिया आश्वासन
वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार उपाध्याय द्वारा पत्रकार भवन की मांग उठायी गयी जिसको मुख्य अतिथि मोहन जी ने पूर्ण कराने का आश्वासन दिया । कहा कि पत्रकारों के बैठने के लिये एक निश्चित स्थान तो होना ही चाहिये । मेरा प्रयास रहेगा कि जल्द से जल्द आपकी इस मांग को पूर्ण करवा सकूं । कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ जनार्दन राय द्वारा किया गया । अतिथियों का स्वागत जिलाध्यक्ष मधुसूदन सिंह ने किया और आभार एसोसिएशन के प्रवक्ता आसिफ जैदी ने किया । कार्यक्रम का संचालन विवेकानन्द सिंह और नई पत्रकार वैष्णवी अग्रवाल द्वारा किया गया । अतिथिओं को अंगवस्त्रम और स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया । कार्यक्रम में अशोक जी पत्रकार, रणविजय सिंह , अजय कुमार उपाध्याय उर्फ बबुआ जी ,डॉ राजेन्द्र भारती, मोहन जी श्रीवास्तव , रजनीश श्रीवास्तव , संजय तिवारी, रवि श्रीवास्तव , राणा प्रताप सिंह ,बसंत सिन्हा, मनोज राय , संतोष शर्मा ,ओमप्रकाश राय , मुशीर जैदी , मनोज चतुर्वेदी, इमरान खान ,पवन जी , शंकर सिंह ,दिनेश यादव , सुरेंद्र गुप्ता , अरविंद सिंह , दीपक तिवारी आदि प्रमुख पत्रकार लोग मौजूद रहे ।
बड़े शहरों की खबरों को प्राथमिकता , छोटे शहरों गांवो की खबर हो जाती है उपेक्षित : डॉ रविन्द्र मिश्र
दैनिक जागरण बलिया के ब्यूरोचीफ डॉ रविन्द्र मिश्र ने एक ही खबर को बड़े शहर और छोटे शहर के आधार पर छपने में होने वाले पक्षपात को नईदिल्ली में हुई निर्भया कांड को रेखांकित करके बताया । कहा रोज छोटी जगहों में निर्भयाकांड हो रहे है लेकिन इसकी खबर कही एक दो कालम में दबकर मर जाती है , निर्भया जैसे अखबारों की सुर्खियां नही बनती है । डॉ मिश्र ने उपस्थित पत्रकारों से कहा कि उठिये और अपनी कलम की ताकत को पहचानिये ।आम लोगो की परेशानियों को , गांव गिरान की जन सरोकार वाली खबरों को प्रमुखता से उठाइये और पत्रकारिता के मिशन को पूरा कीजिये । पत्रकारिता में आयी गिरावट के लिये कोई संस्थान नही सिर्फ और सिर्फ पत्रकार जिम्मेदार है क्योंकि वह आज के व्यवसायीकरण के दौर में मिशन से भटक गया है ।
कन्हैया हरिपुरी की टीम ने कार्यक्रम में लोक संगीत , स्वागत गीत और सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर श्रोताओं की वाहवाही लूटी ।