बलिया : डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु जनपद है तैयार
डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु जनपद है तैयार
बलिया 13 मई 2019 : डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु बीते शुक्रवार को मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ॰ पीके मिश्रा की अध्यक्षता में जिला समन्वय समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न की गयी। बैठक में सभी विभाग के पदाधिकारियों को डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों से बचाव हेतु बेहतर कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश दिये गये तथा सभी विभागों को अपने क्षेत्र से जुड़े कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिये गये।
जनपद के समस्त कार्यालय प्रभारियों को आदेशित किया गया है कि अपने कार्यालय और उसके आस-पास मच्छरजनित परिस्थितियाँ उत्पन्न न होने दें। कार्यालय परिसर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, जल एकत्रित न होने दें। परिसर में मच्छरों का प्रजनन पाये जाने पर कार्यालय प्रभारी उत्तरदायी होंगे। इस कार्य के लिए जनपद के सभी विभागों शिक्षा विभाग, जल संस्थान, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग, सूचना विभाग, मनोरंजन कर विभाग, ग्राम विकास विभाग, समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास, नागरिक सुरक्षा विभाग, सिंचाई विभाग, कृषि विभाग, वन विभाग, रेलवे विभाग, भारत संचार निगम, स्वयं सेवी संस्थाएं एवं समस्त कार्यालय प्रभारी को अपना-अपना कार्य सौंपा गया है।
मानसून एवं मानसून के पश्चात डेंगू व अन्य वेक्टर जनित रोगों की व्यापकता सर्वाधिक बढ़ जाती है। वेक्टर जनित रोगों के कारण प्रदेश में काफी जनहानि होने की संभावना रहती है। इसलिए आवश्यकता है कि मानसून प्रारम्भ होने से पूर्व ही इन रोगों पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु आवश्यक कार्यवाही कर ली जाए। प्रदेश में डेंगू व अन्य वेक्टर जनित रोगों के संचरण पर प्रभावी नियंत्रण तथा आउटब्रेक्स अथवा महावारी जैसी स्थिति उत्पन्न न होने देने के लिए जनपद में पूर्व से ही जिला टास्क फोर्स गठित है। इस संबंध में मानसून से पूर्व टास्क फोर्स की बैठक वेक्टर जनित रोगों पर नियंत्रण एवं बचाव हेतु पहले ही आवश्यक कार्यवाही और तैयारियां कर सुनिश्चित कर ली जाएं ताकि डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों को नियंत्रित किया जा सके।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा कि डेंगू बुखार के लक्षण दिखते ही अपने नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर संम्पूर्ण इलाज कराएं। जनपद के सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर तथा जिला अस्पताल में निःशुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध है। डेंगू का इलाज समय पर कराना बहुत जरूरी है यदि समय से इलाज न किया गया तो जान जाने का खतरा भी हो सकता है।
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॅा॰ जेआर तिवारी ने बताया कि डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों से बचाव एवं रोकथाम के लिए अधिक से अधिक लोगों में जागरूकता लाई जाए, डेंगू की रोकथाम के लिए ‘क्या करें और क्या न करें’ के बारे में बताया जाए। तालाब और नालियों की नियमित सफाई किया जाए तथा खुली नालियों और मेनहोल को ढक दिया जाए।
जिला मलेरिया अधिकारी आरपी निरंजन ने बताया कि डेंगू ‘एडीज’ मादा मच्छर के काटने से फैलता है। ये मच्छर रूके हुए साफ पानी में पनपते हैं। इसलिए घरों में कूलर, गमलों, टायरों, एवं खाली पात्रों में जमा पानी को ‘हर रविवार मच्छरों पर वार’ के रूप मानते हुये खाली करें। उन्होनें बताया कि डेंगू बुखार के कुछ लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते तथा मांसपेशियों और जोड़ों मे दर्द शामिल है।
इस अवसर पर जिला पंचायत राज अधिकारी एवं अन्य विभागों के अधिकारी, सदस्य सहित एनजीओ के सदस्य भी मौजूद रहे।
बलिया 13 मई 2019 : डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु बीते शुक्रवार को मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ॰ पीके मिश्रा की अध्यक्षता में जिला समन्वय समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न की गयी। बैठक में सभी विभाग के पदाधिकारियों को डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों से बचाव हेतु बेहतर कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश दिये गये तथा सभी विभागों को अपने क्षेत्र से जुड़े कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिये गये।
जनपद के समस्त कार्यालय प्रभारियों को आदेशित किया गया है कि अपने कार्यालय और उसके आस-पास मच्छरजनित परिस्थितियाँ उत्पन्न न होने दें। कार्यालय परिसर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, जल एकत्रित न होने दें। परिसर में मच्छरों का प्रजनन पाये जाने पर कार्यालय प्रभारी उत्तरदायी होंगे। इस कार्य के लिए जनपद के सभी विभागों शिक्षा विभाग, जल संस्थान, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग, सूचना विभाग, मनोरंजन कर विभाग, ग्राम विकास विभाग, समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास, नागरिक सुरक्षा विभाग, सिंचाई विभाग, कृषि विभाग, वन विभाग, रेलवे विभाग, भारत संचार निगम, स्वयं सेवी संस्थाएं एवं समस्त कार्यालय प्रभारी को अपना-अपना कार्य सौंपा गया है।
मानसून एवं मानसून के पश्चात डेंगू व अन्य वेक्टर जनित रोगों की व्यापकता सर्वाधिक बढ़ जाती है। वेक्टर जनित रोगों के कारण प्रदेश में काफी जनहानि होने की संभावना रहती है। इसलिए आवश्यकता है कि मानसून प्रारम्भ होने से पूर्व ही इन रोगों पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु आवश्यक कार्यवाही कर ली जाए। प्रदेश में डेंगू व अन्य वेक्टर जनित रोगों के संचरण पर प्रभावी नियंत्रण तथा आउटब्रेक्स अथवा महावारी जैसी स्थिति उत्पन्न न होने देने के लिए जनपद में पूर्व से ही जिला टास्क फोर्स गठित है। इस संबंध में मानसून से पूर्व टास्क फोर्स की बैठक वेक्टर जनित रोगों पर नियंत्रण एवं बचाव हेतु पहले ही आवश्यक कार्यवाही और तैयारियां कर सुनिश्चित कर ली जाएं ताकि डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों को नियंत्रित किया जा सके।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा कि डेंगू बुखार के लक्षण दिखते ही अपने नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर संम्पूर्ण इलाज कराएं। जनपद के सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर तथा जिला अस्पताल में निःशुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध है। डेंगू का इलाज समय पर कराना बहुत जरूरी है यदि समय से इलाज न किया गया तो जान जाने का खतरा भी हो सकता है।
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॅा॰ जेआर तिवारी ने बताया कि डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों से बचाव एवं रोकथाम के लिए अधिक से अधिक लोगों में जागरूकता लाई जाए, डेंगू की रोकथाम के लिए ‘क्या करें और क्या न करें’ के बारे में बताया जाए। तालाब और नालियों की नियमित सफाई किया जाए तथा खुली नालियों और मेनहोल को ढक दिया जाए।
जिला मलेरिया अधिकारी आरपी निरंजन ने बताया कि डेंगू ‘एडीज’ मादा मच्छर के काटने से फैलता है। ये मच्छर रूके हुए साफ पानी में पनपते हैं। इसलिए घरों में कूलर, गमलों, टायरों, एवं खाली पात्रों में जमा पानी को ‘हर रविवार मच्छरों पर वार’ के रूप मानते हुये खाली करें। उन्होनें बताया कि डेंगू बुखार के कुछ लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते तथा मांसपेशियों और जोड़ों मे दर्द शामिल है।
इस अवसर पर जिला पंचायत राज अधिकारी एवं अन्य विभागों के अधिकारी, सदस्य सहित एनजीओ के सदस्य भी मौजूद रहे।