नईदिल्ली : हर जगह चली मोदी बयार ,मोदी के मिशन को नही थी काटने वाली विपक्ष के पास कोई तलवार, हर वोट मोदी को , हर जगह लड़ा ब्रांड मोदी , नही थी प्रत्याशियों की अपनी शख्सियत
हर जगह चली मोदी बयार ,मोदी के मिशन को नही थी काटने वाली विपक्ष के पास कोई तलवार,
हर वोट मोदी को , हर जगह लड़ा ब्रांड मोदी , नही थी प्रत्याशियों की अपनी शख्सियत
डॉ. इन्दुशेखर पंचोली
नईदिल्ली 24 मई 2019 ।।
2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा के लिए आसान नहीं था, लेकिन नेतृत्व की ताकत, संगठन की क्षमता, सरकारी योजनाओं के लाभ, ध्रुवीकरण की सियासत और राष्ट्रवाद के परचम से ऐसी रणनीति बनाई गई, जिसने विशुद्ध गैर कांग्रेसी सरकार को दोबारा सत्तानशीं कर दिया। पूरा चुनाव नरेंद्र मोदी की जादुई शख्सियत के इर्द-गिर्द लड़ा गया।
हर वोट मोदी को , हर जगह लड़ा ब्रांड मोदी , नही थी प्रत्याशियों की अपनी शख्सियत
डॉ. इन्दुशेखर पंचोली
नईदिल्ली 24 मई 2019 ।।
2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा के लिए आसान नहीं था, लेकिन नेतृत्व की ताकत, संगठन की क्षमता, सरकारी योजनाओं के लाभ, ध्रुवीकरण की सियासत और राष्ट्रवाद के परचम से ऐसी रणनीति बनाई गई, जिसने विशुद्ध गैर कांग्रेसी सरकार को दोबारा सत्तानशीं कर दिया। पूरा चुनाव नरेंद्र मोदी की जादुई शख्सियत के इर्द-गिर्द लड़ा गया।
ब्रांड मोदी इतना मजबूत रहा कि वे जनसभाओं में कहते थे कि आपका हर वोट सीधे मोदी के खाते में जाएगा। बाद की सभाओं में तो उम्मीदवारों का परिचय तक नहीं दिया गया।
अमित शाह जब यह दावा करते थे कि चुनाव अंकगणित से नहीं केमिस्ट्री से जीता जाता है, तो सुनने वाले भले ही इसे उनका अति-आत्मविश्वास या मजाक समझते रहे, लेकिन नतीजों ने इसे साबित कर दिया। यह केमिस्ट्री सिर्फ मतदाता तक सीमित नहीं थी, सरकार व संगठन की जुगलबंदी से भी यह संतुलन के साथ आगे बढ़ी। इसमें किसी को शक-सुबहा नहीं होना चाहिए कि यह चुनाव सिर्फ और सिर्फ नरेन्द्र मोदी का था।
अमित शाह जब यह दावा करते थे कि चुनाव अंकगणित से नहीं केमिस्ट्री से जीता जाता है, तो सुनने वाले भले ही इसे उनका अति-आत्मविश्वास या मजाक समझते रहे, लेकिन नतीजों ने इसे साबित कर दिया। यह केमिस्ट्री सिर्फ मतदाता तक सीमित नहीं थी, सरकार व संगठन की जुगलबंदी से भी यह संतुलन के साथ आगे बढ़ी। इसमें किसी को शक-सुबहा नहीं होना चाहिए कि यह चुनाव सिर्फ और सिर्फ नरेन्द्र मोदी का था।