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बलिया : सबसे पहले इंसान बने फिर चाहे बने डॉक्टर इंजीनियर या कुछ और , इसी से बचेगी मनुष्यता : रामजी तिवारी


 सबसे पहले इंसान बने फिर चाहे बने डॉक्टर इंजीनियर या कुछ और , इसी से बचेगी मनुष्यता : रामजी तिवारी





बलिया 31 मई 2019 ।।
सबसे पहले हम एक अच्छा इंसान बने उसके बाद चाहे डॉक्टर , इंजीनियर , आईएएस , पीसीएस जो कुछ बने हम जो बनना चाहते हैं । हमारे अंदर मनुष्यता बची रहे इसके लिए जरूरी है की हम किसी को सताये नहीं किसी को परेशान ना करें ।  हमारे अंदर प्रेम , दया और करुणा का भाव पैदा हो इसके लिए जरूरी है कि हम कविता कहानी और साहित्य की अन्य विधाओं से जुड़ें क्योंकि साहित्य हमारे अंदर संवेदना पैदा करता है और संवेदनशील होना ही मनुष्य होना है । उक्त बातें जनपद के सुप्रसिद्ध कवि और साहित्यकार श्री रामजी तिवारी ने समर कैंप में बच्चों के साथ संवाद कार्यक्रम में कहा।  उन्होंने बच्चों को प्रेरित किया की अपने कोर्स की किताबों को पढ़ने के साथ-साथ बच्चों के लिए जो कहानियां , कविताएं तथा पत्र पत्रिकाएं उपलब्ध हो उसे पढ़ने की आदत डालें इससे बच्चों की कल्पना शक्ति तथा  सृजनात्मक क्षमता बढ़ेगी । उन्होंने संवाद में बच्चों के कई सवालों का जवाब भी दिया मसलन हम कविता क्यों लिखते हैं , हम कविता क्यों पढ़ते हैं,  साहित्य हमारे जीवन में कितना उपयोगी है इत्यादि सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने बच्चों को साहित्य  से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया । संकल्प साहित्यिक , सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था बलिया द्वारा चलाए जा रहे 25 दिवसीय समर कैंप में बच्चों को कला के विभिन्न विधाओं से परिचय कराया जा रहा है ।  उन्हें नृत्य , संगीत , अभिनय, पेंटिंग, क्राफ्ट इत्यादि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ-साथ विभिन्न  विषय विशेषज्ञों को बुलाकर कैंप में संवाद कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है  ताकि बच्चों को बहुत कुछ जानने समझने का अवसर मिल सके।अमृत पाली स्थित अमृत पब्लिक स्कूल में चल रहे इस कैंप में 70 बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं।प्रशिक्षण के ग्यारहवें दिन युवा कोरियोग्राफर एवं रंगकर्मी सोनी ने बच्चों को शास्त्रीय एवं बॉलीवुड के गीतों पर नृत्य का अभ्यास कराया। अर्जुन ने बच्चों को  हीप हॉप  और वेस्टर्न डांस की बारीकियों को बताया । संगीत प्रशिक्षक संतोष शर्मा ने बच्चों को सरगम , अलंकार और राग का अभ्यास कराया तथा गजल एवं भजन  गाने की विधि को  बताया।  रंगकर्मी ट्विंकल गुप्ता ने बच्चों को क्राफ्ट बनाना सिखाया तथा अजय कुमार ने बच्चों को सिखाया कि थंब पेंटिंग कैसे की जाती है उन्होंने बच्चों को रंगों के प्रयोग के बारे में भी बताया।  16 जून तक चलने वाले इस कैंप में जो बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं उन सभी बच्चों को प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा तथा उनके प्रतिभा प्रदर्शन हेतु सांस्कृतिक कार्यक्रम "जश्ने बचपन" का आयोजन किया जायेगा । संवाद कार्यक्रम में डा. कादम्बिनी सिंह , संजय मौर्य , दीनानाथ वर्मा , राहुल , अभिषेक की उपस्थिति रही । जिन बच्चों ने संवाद कार्यक्रम में सवाल पूछे उनमें श्रेयशी , स्नेहा , सौम्या , सुप्रिया , सान्वी , शगुन , प्रकृति , आराध्य इत्यादि प्रमुख रहे।