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बलिया में स्वच्छ भारत अभियान और विकास की खुली पोल : 2016 से तालाब बनी सड़क पर चलने को मजबूर ग्रामीणों ने सड़क पर किया धान की रोपाई , पूर ग्राम सभा के चकरा का है मामला

बलिया में स्वच्छ भारत अभियान और विकास की खुली पोल : 2016 से तालाब बनी सड़क पर चलने को मजबूर ग्रामीणों ने सड़क पर किया धान की रोपाई , पूर ग्राम सभा के चकरा का है मामला
 विवेक जायसवाल 




 बलिया 20 जून 2019 ।। देशभर में स्वच्छ भारत मिशन सफल हो सकता है , विकास भी हो सकता है , लेकिन उत्तर प्रदेश के बलिया की बात करे तो यह कोरा नारा दिखता है ।अधिकारियों को छोड़िये यहां के सांसद और विधायक को इतनी फुर्सत नही है कि वे 2016 से गंदगी का तालाब बनी गांव की सड़क को ठीक करवा दे । जब पानी सिर से ऊपर बहने लगा , गांव में आयी बारात में दूल्हे को छोड़कर जब सभी बाराती इस गन्दे पानी से गुजरकर जाने से मना करते हुए और गांव को गाली देते हुए वापस चले गये तो गांव वालों का आक्रोश चरम पर पहुंच गया और सभी लोगो ने मिलकर जिला प्रशासन मुर्दाबाद, ग्राम प्रधान मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए इस सड़क पर ही धान की रोपाई कर दी ।
  सवाल यह उठता है कि 2016 से गन्दे पानी से गुजरने को मजबूर ग्राम सभा पूर के चकरा मजरे के ग्रामीणों की किसी ने आजतक सुध क्यो नही ली ? ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने नेताओ से लेकर जिलाधिकारी बलिया तक कई बार अपनी फरियाद पहुंचायी पर हुआ कुछ नही । जबकि इस क्षेत्र में सरकारी कर्मियों में लेखपाल , ग्राम पंचायत सचिव ,सफाई कर्मी, एडीओ पंचायत न जाने कितनी बार गये होंगे । बीडीओ साहब और डीपीआरओ साहब लगता है क्षेत्र में जाते ही नही , आफिस में बैठकर ही अपने दायित्वों का निर्वहन कर लेते है , अगर ऐसा नही होता तो साहब जरूर इस गन्दगी में जीवन गुजार रहे लोगो की पीड़ा देख लिये होते । पीएम मोदी और सीएम योगी जनता तक हर जरूरी सुविधाये पहुंचाने में लगे हुए है लेकिन अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि इन लोगो के नाम पर जीतकर सांसद और विधायक बनने वाले लोगो का जनता से जुड़ाव न के बराबर है । यही कारण है कि सरकार की जनोपयोगी योजनाएं धरातल पर नही पहुंच पा रही है और आक्रोशित जनता को सड़क पर धान की रोपाई करनी पड़ रही है । मीडिया के द्वारा खबर लगने पर सीडीओ बलिया ने डीपीआरओ को समस्यां का समाधान करने का आदेश दिये है । पर बता दे कि बलिया में डीपीआरओ का मतलब कमाई करने वाली मशीन ग्रामीण क्षेत्रो के लोगो ने कहना शुरू कर दिया है ।



बाइट - संतोष कुमार और अन्य ग्रामीण 







बाइट - बद्रीनाथ सिंह (सीडियो बलिया )!