बलिया : दो बूंद जिंदगी की : पल्स पोलियो अभियान रविवार से, 23 जून से 28 जून तक चलेगा पल्स पोलियो अभियान, 834 टीमें घर-घर जाकर पिलाएंगी ‘दो बूंद ज़िंदगी की’
बलिया : दो बूंद जिंदगी की : पल्स पोलियो अभियान रविवार से, 23 जून से 28 जून तक चलेगा पल्स पोलियो अभियान, 834 टीमें घर-घर जाकर पिलाएंगी ‘दो बूंद ज़िंदगी की’
बलिया, 20 जून 2019 ।।जनपद में 23 जून से 28 जून तक पल्स पोलियो अभियान शुरू किया जाएगा। जन्म से पाँच वर्ष तक के 4.7 लाख बच्चों को पोलियो खुराक पिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ विजय यादव ने बताया कि यह दवा पाँच वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के लिये आवश्यक है। यह दवा जन्म पर, छठे, दसवें व चौदहवें सप्ता्ह में फिर 16 से 24 माह की आयु में बूस्टर की खुराक दी जानी चाहिए। पाँच वर्ष तक की आयु के बच्चों को बार-बार खुराक पिलाने से पूरे क्षेत्र में इस बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ती है, जिससे पोलियो के विषाणु को पनपने से रोकती है। साथ ही उन्होंने बताया कि 23 जून को जनपद के सारे प्राथमिक विद्यालय खुले रहेंगे और इस दौरान मिड डे मील भी बनाए जाएंगे।
पोलियो या पोलियोमेलाइटिस एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है। पोलियो वायरस से होता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। साथ ही यह वायरस जिस भी व्यक्ति में प्रवेश करता है उसके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है जिसकी वजह से लकवा भी हो सकता है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि पिछले चरण की तरह इस चरण के लिए भी जन्म से पाँच वर्ष तक के 4.7 लाख सम्भावित बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस चरण के लिए जिले भर में 1601 बूथ बनाए गए हैं। साथ ही 90 मोबाइल टीम भी बनाई गई है जिसके माध्यम से 23 जून को बूथ स्तर पर पोलियो अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही अभियान के 834 टीमें बनाए गए हैं जो 24 जून से 28 जून तक घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का काम करेंगे। पल्स पोलियो के कार्यक्रम को सकुशल निपटाने के लिए एएनएम, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ती इसमें अपना सहयोग करेंगी।
बलिया, 20 जून 2019 ।।जनपद में 23 जून से 28 जून तक पल्स पोलियो अभियान शुरू किया जाएगा। जन्म से पाँच वर्ष तक के 4.7 लाख बच्चों को पोलियो खुराक पिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ विजय यादव ने बताया कि यह दवा पाँच वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के लिये आवश्यक है। यह दवा जन्म पर, छठे, दसवें व चौदहवें सप्ता्ह में फिर 16 से 24 माह की आयु में बूस्टर की खुराक दी जानी चाहिए। पाँच वर्ष तक की आयु के बच्चों को बार-बार खुराक पिलाने से पूरे क्षेत्र में इस बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ती है, जिससे पोलियो के विषाणु को पनपने से रोकती है। साथ ही उन्होंने बताया कि 23 जून को जनपद के सारे प्राथमिक विद्यालय खुले रहेंगे और इस दौरान मिड डे मील भी बनाए जाएंगे।
पोलियो या पोलियोमेलाइटिस एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है। पोलियो वायरस से होता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। साथ ही यह वायरस जिस भी व्यक्ति में प्रवेश करता है उसके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है जिसकी वजह से लकवा भी हो सकता है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि पिछले चरण की तरह इस चरण के लिए भी जन्म से पाँच वर्ष तक के 4.7 लाख सम्भावित बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस चरण के लिए जिले भर में 1601 बूथ बनाए गए हैं। साथ ही 90 मोबाइल टीम भी बनाई गई है जिसके माध्यम से 23 जून को बूथ स्तर पर पोलियो अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही अभियान के 834 टीमें बनाए गए हैं जो 24 जून से 28 जून तक घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का काम करेंगे। पल्स पोलियो के कार्यक्रम को सकुशल निपटाने के लिए एएनएम, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ती इसमें अपना सहयोग करेंगी।