गोरखपुर में बोले सीएम योगी : किसानों को किसी के सामने हाथ न फैलाने पड़े ,इस लिये दी 6 हजार सालाना की सहायता
बोले सीएम योगी : किसानों को किसी के सामने हाथ न फैलाने पड़े ,इस लिये दी 6 हजार सालाना की सहायता
सपा सरकार में दुग्ध उत्पादन लगभग उजड़ गया था , हम दे रहे है बढ़ावा
ए कुमार
गोरखपुर 22 जून 2019 ।। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर में सीआईआई और कृषि विभाग के तत्वाधान में आयोजित इनोवेटिव फार्मर्स मीट में आए प्रगतिशील किसानों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे प्रदेश में एक बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है। जागरूकता और नवीन तकनीकी के अभाव में किसानों को अनेक कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करना पड़ता था। उन चुनौतियों को दूर करने के लिए पीएम मोदी ने सॉइल हेल्थ कार्ड जैसी योजना शुरु की। सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में साढ़े तीन करोड़ से अधिक किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड दिया जा चुका है।
सीएम योगी ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान कल्याण के लिए अनेक योजनाएं लागू की हैं। किसान सम्मान निधि के माध्यम से सभी किसानों को 6 हजार रुपये सालाना देने की व्यवस्था की गई है ताकि किसानों को किसी के सामने हाथ न फैलाने पड़े। सीएम योगी ने कहा कि किसानों को फसल की लागत का डेढ़ गुना दाम देने की व्यवस्था पीएम मोदी के नेतृत्व में हुई है।
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में अनेक कदम उठाएं हैं। उत्तर प्रदेश फार्मर्स पाठशाला के माध्यम से 40 लाख से अधिक किसानों को रचनात्मक कृषि की जानकारी दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सपा-बसपा की सरकारों में किसानों को एक कुंतल गेहूं का बमुश्किल 900 रुपये मिल पाता था लेकिन आज हमारी सरकार एक कुंतल गेहूं का 1860 रुपये देती है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार 70 हजार करोड़ रुपये गन्ना किसानों का बकाया भुगतान किया गया।
सीएम योगी ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए पिपराइच चीनी मिल और मुंडेरवा में चीनी मिल लगाई गयी है। सीएम योगी ने कहा कि पिपराईच चीनी मिल 50 हजार कुंतल प्रतिदिन पेराई की क्षमता वाली मिल होगी जिससे फाइन शुगर, एथेनॉल और विद्युत का भी उत्पादन किया जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि सपा सरकार ने दुग्ध उत्पादन को लगभग उजाड़ दिया था हमारी सरकार डेयरी उद्योग को बढ़ावा दे रही है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में 14 से ज्यादा डेयरी शुरू होने वाली हैं। दुग्ध समितियों द्वारा किसानों से दूध क्रय करने की व्यवस्था की जा रही है जिससे किसान डेयरी उद्योग के साथ अधिक से अधिक जुड़ सकें।
सीएम योगी ने आगे कहा कि बाणसागर परियोजना 1977-78 से लटकी पड़ी थी, हर साल टोकन मनी दिया जाता था और वो कभी पूरी नहीं हुई, लेकिन हमारी सरकार के आने के बाद एक साल के अंदर उस परियोजना को पूरा कर लिया गया। बाणसागर परियोजना की मदद से डेढ़ लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचित करने की व्यवस्था की गई है।
सीएम योगी ने कहा कि हम किसानों की आय को दुगुना करने के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी के इस सपने को पूरा करने के लिए किसानों को खुद भी तैयार होना पड़ेगा। किसानों को खेती के साथ-साथ पशुपालन, डेयरी उद्योग, बागवानी, सब्जी उत्पादन, मुर्गी पालन, मछली पालन, बत्तख पालन आदि के साथ जुड़ना पड़ेगा ताकि उनकी आमदनी में बढ़ोत्तरी हो सके। उन्होंने कहा कि किसान सबसे बड़ा कृषि वैज्ञानिक है, इसलिए किसानों को अपने अनुभवों को कृषि विभाग के साथ साझा करने चाहिए ताकि उनके हित में ज्यादा से ज्यादा कार्य किये जा सके। उन्होंने किसानों से कहा कि तकनीकी के साथ जुड़कर मिट्टी के हिसाब से जिस चीज़ का उत्पादन अधिक हो सके उसी फसल का उत्पादन करें।
सपा सरकार में दुग्ध उत्पादन लगभग उजड़ गया था , हम दे रहे है बढ़ावा
ए कुमार
गोरखपुर 22 जून 2019 ।। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर में सीआईआई और कृषि विभाग के तत्वाधान में आयोजित इनोवेटिव फार्मर्स मीट में आए प्रगतिशील किसानों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे प्रदेश में एक बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है। जागरूकता और नवीन तकनीकी के अभाव में किसानों को अनेक कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करना पड़ता था। उन चुनौतियों को दूर करने के लिए पीएम मोदी ने सॉइल हेल्थ कार्ड जैसी योजना शुरु की। सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में साढ़े तीन करोड़ से अधिक किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड दिया जा चुका है।
सीएम योगी ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान कल्याण के लिए अनेक योजनाएं लागू की हैं। किसान सम्मान निधि के माध्यम से सभी किसानों को 6 हजार रुपये सालाना देने की व्यवस्था की गई है ताकि किसानों को किसी के सामने हाथ न फैलाने पड़े। सीएम योगी ने कहा कि किसानों को फसल की लागत का डेढ़ गुना दाम देने की व्यवस्था पीएम मोदी के नेतृत्व में हुई है।
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में अनेक कदम उठाएं हैं। उत्तर प्रदेश फार्मर्स पाठशाला के माध्यम से 40 लाख से अधिक किसानों को रचनात्मक कृषि की जानकारी दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सपा-बसपा की सरकारों में किसानों को एक कुंतल गेहूं का बमुश्किल 900 रुपये मिल पाता था लेकिन आज हमारी सरकार एक कुंतल गेहूं का 1860 रुपये देती है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार 70 हजार करोड़ रुपये गन्ना किसानों का बकाया भुगतान किया गया।
सीएम योगी ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए पिपराइच चीनी मिल और मुंडेरवा में चीनी मिल लगाई गयी है। सीएम योगी ने कहा कि पिपराईच चीनी मिल 50 हजार कुंतल प्रतिदिन पेराई की क्षमता वाली मिल होगी जिससे फाइन शुगर, एथेनॉल और विद्युत का भी उत्पादन किया जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि सपा सरकार ने दुग्ध उत्पादन को लगभग उजाड़ दिया था हमारी सरकार डेयरी उद्योग को बढ़ावा दे रही है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में 14 से ज्यादा डेयरी शुरू होने वाली हैं। दुग्ध समितियों द्वारा किसानों से दूध क्रय करने की व्यवस्था की जा रही है जिससे किसान डेयरी उद्योग के साथ अधिक से अधिक जुड़ सकें।
सीएम योगी ने आगे कहा कि बाणसागर परियोजना 1977-78 से लटकी पड़ी थी, हर साल टोकन मनी दिया जाता था और वो कभी पूरी नहीं हुई, लेकिन हमारी सरकार के आने के बाद एक साल के अंदर उस परियोजना को पूरा कर लिया गया। बाणसागर परियोजना की मदद से डेढ़ लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचित करने की व्यवस्था की गई है।
सीएम योगी ने कहा कि हम किसानों की आय को दुगुना करने के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी के इस सपने को पूरा करने के लिए किसानों को खुद भी तैयार होना पड़ेगा। किसानों को खेती के साथ-साथ पशुपालन, डेयरी उद्योग, बागवानी, सब्जी उत्पादन, मुर्गी पालन, मछली पालन, बत्तख पालन आदि के साथ जुड़ना पड़ेगा ताकि उनकी आमदनी में बढ़ोत्तरी हो सके। उन्होंने कहा कि किसान सबसे बड़ा कृषि वैज्ञानिक है, इसलिए किसानों को अपने अनुभवों को कृषि विभाग के साथ साझा करने चाहिए ताकि उनके हित में ज्यादा से ज्यादा कार्य किये जा सके। उन्होंने किसानों से कहा कि तकनीकी के साथ जुड़कर मिट्टी के हिसाब से जिस चीज़ का उत्पादन अधिक हो सके उसी फसल का उत्पादन करें।