बलिया : “छः माह तक सिर्फ स्तनपान, इसके बाद ही दें अर्ध ठोसाहार”,दुबहड़ ब्लॉक में मनाया गया अन्नप्रासन दिवस
“छः माह तक सिर्फ स्तनपान, इसके बाद ही दें अर्ध ठोसाहार”,दुबहड़ ब्लॉक में मनाया गया अन्नप्रासन दिवस
बलिया, 20 जून 2019 ।। बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए गुरुवार को जनपद के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अन्नप्राशन दिवस मनाया गया। इस क्रम में गुरुवार को दुबहड़ ब्लॉक के आंगनबाड़ी केंद्र अखार पर अन्नप्रासन संस्कार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अन्नप्रासन निशांत आनंद, दुर्गा, खुशबु, निधि संजना का किया गया।
इस अवसर पर सुपरवाइजर नीलम राय द्वारा छः माह के बच्चों को उपरी आहार की सही मात्रा और भोजन कराने के तरीके की जानकारी प्रायोगिक तौर पर बच्चों की माताओं को दिया गया। इसके अलावा सभी धात्री महिलाओं को छह माह तक सिर्फ स्तनपान और इसके बाद अतिरिक्त उपरी अर्ध ठोसाहार देने की भी सलाह दी गयी।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अर्चना तिवारी ने बताया कि स्वस्थ्य भारत की शुरुआत स्वस्थ बच्चे से होती है इसलिए शिशु को मां का दूध जरूर पिलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्तनपान कराने से मां एवं बच्चे के बीच भावनात्मक लगाव बढ़ता है। मां के दूध में मौजूद पोषक तत्व से बच्चे में रोग प्रति रोधक क्षमता बढ़ती है जिससे बच्चे निरोगी होते है। जन्म के तुरन्त बाद नवजात को स्तनपान कराने से ही शिशु मृत्यु दर में कमी आती है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कंचन चंद्रा ने कहा कि नवजात शिशु के लिए मां का पहला दूध सम्पूर्ण आहार होता है। सामान्यतः बच्चे को छः माह तक नियमित रूप से स्तनपान कराना चाहिए। उन्होने कहा कि इसके लिये गर्भवती महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहते हुये उन्हे प्रसव होने तक समुचित पौष्टिक आहार लेना चाहिए। साथ ही विटामिन और आयरन की गोली भी नियमित रूप से खानी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को मौसम के फलों का सेवन करना बेहद जरूरी है।
आंगनबाड़ी केन्द्र पर मिलने वाले पौष्टिक आहार के बारे में पूछे जाने पर लाभार्थी खुशबु, कोशिला, सीमा, मीना, मंजू वर्मा अदिति व अन्य ने बताया कि पुष्टाहार से गर्भवती महिलाओं और उनके गर्भ में पल रहे बच्चों को पोषक तत्व प्रदान किया जाता है एवं उनको कुपोषण से बचाया जा सकता है। संतुलित खान-पान और पोषाहार से बच्चों के शारीरिक एवं बौधिक क्षमता का विकास होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है एवं पूरक तत्वों की कमी को दूर किया जा सकता है।
बलिया, 20 जून 2019 ।। बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए गुरुवार को जनपद के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अन्नप्राशन दिवस मनाया गया। इस क्रम में गुरुवार को दुबहड़ ब्लॉक के आंगनबाड़ी केंद्र अखार पर अन्नप्रासन संस्कार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अन्नप्रासन निशांत आनंद, दुर्गा, खुशबु, निधि संजना का किया गया।
इस अवसर पर सुपरवाइजर नीलम राय द्वारा छः माह के बच्चों को उपरी आहार की सही मात्रा और भोजन कराने के तरीके की जानकारी प्रायोगिक तौर पर बच्चों की माताओं को दिया गया। इसके अलावा सभी धात्री महिलाओं को छह माह तक सिर्फ स्तनपान और इसके बाद अतिरिक्त उपरी अर्ध ठोसाहार देने की भी सलाह दी गयी।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अर्चना तिवारी ने बताया कि स्वस्थ्य भारत की शुरुआत स्वस्थ बच्चे से होती है इसलिए शिशु को मां का दूध जरूर पिलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्तनपान कराने से मां एवं बच्चे के बीच भावनात्मक लगाव बढ़ता है। मां के दूध में मौजूद पोषक तत्व से बच्चे में रोग प्रति रोधक क्षमता बढ़ती है जिससे बच्चे निरोगी होते है। जन्म के तुरन्त बाद नवजात को स्तनपान कराने से ही शिशु मृत्यु दर में कमी आती है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कंचन चंद्रा ने कहा कि नवजात शिशु के लिए मां का पहला दूध सम्पूर्ण आहार होता है। सामान्यतः बच्चे को छः माह तक नियमित रूप से स्तनपान कराना चाहिए। उन्होने कहा कि इसके लिये गर्भवती महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहते हुये उन्हे प्रसव होने तक समुचित पौष्टिक आहार लेना चाहिए। साथ ही विटामिन और आयरन की गोली भी नियमित रूप से खानी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को मौसम के फलों का सेवन करना बेहद जरूरी है।
आंगनबाड़ी केन्द्र पर मिलने वाले पौष्टिक आहार के बारे में पूछे जाने पर लाभार्थी खुशबु, कोशिला, सीमा, मीना, मंजू वर्मा अदिति व अन्य ने बताया कि पुष्टाहार से गर्भवती महिलाओं और उनके गर्भ में पल रहे बच्चों को पोषक तत्व प्रदान किया जाता है एवं उनको कुपोषण से बचाया जा सकता है। संतुलित खान-पान और पोषाहार से बच्चों के शारीरिक एवं बौधिक क्षमता का विकास होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है एवं पूरक तत्वों की कमी को दूर किया जा सकता है।