बलिया : ‘धान की खेती के नवोन्मेषी तरीके’ विषयक एक दिवसीय संगोष्ठी-सह-किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन
‘धान की खेती के नवोन्मेषी तरीके’ विषयक एक दिवसीय संगोष्ठी-सह-किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन
बलिया 16 जून 2019 ।। आज शहर के बापू भवन (टाउन हॉल) में ‘धान की खेती के नवोन्मेषी तरीके’ विषयक एक दिवसीय संगोष्ठी-सह-किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन शैक्षणिक, औद्योगिक एवं सेवा संस्थान द्वारा आयोजित किया गया। जिसमें अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के वाराणसी स्थित दक्षिण एशियाई केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. उमा महेश्वर सिंह ने धान की उन्नत कृषि, विकसित प्रजातियों, झुलसा रोग एवं सूखा प्रतिरोधी किस्मों के बारे में बताया।
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के डॉ. आशुतोष राय ने धान की खेती की आधारभूत जानकारी दी और किसानों को बताया कि कैसे बीज चयन अपने खेत की मिट्टी अनुसार करें। राम गणेश उपाध्याय जी ने पारंपरिक और जैविक खेती की आज के युग में महत्ता बताते हुए धान की उन्नत खेती के बारे में बताया।
चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर कमलाकांत पाण्डेय ने धान के डायरेक्ट सीडिंग तरीके के विषय में विस्तृत ब्यौरा दिया। बलिया के टी डी कॉलेज की प्रोफेसर निशा राघव ने धान की खेती में अजोला के प्रयोग एवं प्रभाव के बारे में बताया।
कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ. बी. पी. सिंह जी ने बीज शोधन एवं मृदा स्वास्थ्य के बारे में बताया । जिला कृषि अधिकारी प्रिया नंदा ने सरकारी परियोजनाओं की जानकारी दी।
प्रधानसंघ के मण्डल अध्यक्ष विमल पाठक ने किसानों की परेशानियों को उठाते हुए यह बात प्रमुखता से कही कि कृषि और सिंचाई विभाग में तालमेल होना चाहिए। विमल पाठक ने कार्यक्रम की आयोजक एवं संचालक डॉ. प्रीति उपाध्याय और उनकी संस्था को बहुत धन्यवाद दिया।
संस्था प्रबंधक डॉ. प्रीति उपाध्याय ने गोष्ठी-सह-किसान गोष्ठी में आये सभी आगंतुक किसान भाई बहनों एवं कृषि विशेषज्ञों को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर बलीपुर ग्राम से अंकित चौबे (बलीपुर), राहुल मिश्र (मिश्रौली), अनिल पाठक (खड़सरा), जीउत कोइरी (नगवाँ), घनश्याम पांडेय (जनाडी), अंजनि पांडेय, चंद्रशेखर राय (उजियार), रामानंद सिंह (कुम्हैला) रीना जायसवाल, शालिनी श्रीवास्तव, वंदना श्रीवास्तव, संरक्षक चंद्रशेखर उपाध्याय एवं सैकड़ों किसानों ने अपनी सहभागिता की और अपनी समस्याओं को रखा।
बलिया 16 जून 2019 ।। आज शहर के बापू भवन (टाउन हॉल) में ‘धान की खेती के नवोन्मेषी तरीके’ विषयक एक दिवसीय संगोष्ठी-सह-किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन शैक्षणिक, औद्योगिक एवं सेवा संस्थान द्वारा आयोजित किया गया। जिसमें अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के वाराणसी स्थित दक्षिण एशियाई केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. उमा महेश्वर सिंह ने धान की उन्नत कृषि, विकसित प्रजातियों, झुलसा रोग एवं सूखा प्रतिरोधी किस्मों के बारे में बताया।
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के डॉ. आशुतोष राय ने धान की खेती की आधारभूत जानकारी दी और किसानों को बताया कि कैसे बीज चयन अपने खेत की मिट्टी अनुसार करें। राम गणेश उपाध्याय जी ने पारंपरिक और जैविक खेती की आज के युग में महत्ता बताते हुए धान की उन्नत खेती के बारे में बताया।
चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर कमलाकांत पाण्डेय ने धान के डायरेक्ट सीडिंग तरीके के विषय में विस्तृत ब्यौरा दिया। बलिया के टी डी कॉलेज की प्रोफेसर निशा राघव ने धान की खेती में अजोला के प्रयोग एवं प्रभाव के बारे में बताया।
कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ. बी. पी. सिंह जी ने बीज शोधन एवं मृदा स्वास्थ्य के बारे में बताया । जिला कृषि अधिकारी प्रिया नंदा ने सरकारी परियोजनाओं की जानकारी दी।
प्रधानसंघ के मण्डल अध्यक्ष विमल पाठक ने किसानों की परेशानियों को उठाते हुए यह बात प्रमुखता से कही कि कृषि और सिंचाई विभाग में तालमेल होना चाहिए। विमल पाठक ने कार्यक्रम की आयोजक एवं संचालक डॉ. प्रीति उपाध्याय और उनकी संस्था को बहुत धन्यवाद दिया।
संस्था प्रबंधक डॉ. प्रीति उपाध्याय ने गोष्ठी-सह-किसान गोष्ठी में आये सभी आगंतुक किसान भाई बहनों एवं कृषि विशेषज्ञों को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर बलीपुर ग्राम से अंकित चौबे (बलीपुर), राहुल मिश्र (मिश्रौली), अनिल पाठक (खड़सरा), जीउत कोइरी (नगवाँ), घनश्याम पांडेय (जनाडी), अंजनि पांडेय, चंद्रशेखर राय (उजियार), रामानंद सिंह (कुम्हैला) रीना जायसवाल, शालिनी श्रीवास्तव, वंदना श्रीवास्तव, संरक्षक चंद्रशेखर उपाध्याय एवं सैकड़ों किसानों ने अपनी सहभागिता की और अपनी समस्याओं को रखा।