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बलिया :आंगनवाड़ी केन्द्रों पर मनाया गया गोदभराई दिवस, अन्नप्राशन कार्यक्रम भी हुआ आयोजित

बलिया :आंगनवाड़ी केन्द्रों पर मनाया गया  गोदभराई दिवस, अन्नप्राशन कार्यक्रम भी हुआ आयोजित






बलिया 28 जून 2019 :शासन के निर्देशानुसार जनपद के समस्त ब्लॉकों के आंगनवाड़ी केन्द्रों पर गोदभराई कार्यक्रम मनाया गया। इसी क्रम मे आज सियर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय शाहपुर टिटिहा नंबर 2 स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर भी अन्नप्राशन एवं गोद भराई कार्यक्रम संपन्न हुआ। ग्राम प्रधान मुन्नी सिंह ने इस कार्यक्रम  का उद्घाटन किया।

        इस अवसर पर सुपरवाइजर श्रीमती रीता सिंह ने गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की रस्म को पूरा करते हुए प्रसव के पूर्व की तैयारी और प्रसव पश्चात की तैयारी के विषय में लाभार्थियों को जानकारी स्वास्थ्य के अंतर्गत दी। पोषण के अंतर्गत हरी सब्जी, दूध, फल का सेवन, स्वास्थ्य के अंतर्गत नियमित टीकाकरण, आयरन की गोली, प्रसव पूर्व जांच और छह माह तक सिर्फ स्तनपान और इसके अलावा कुछ भी नहीं देने की बात कही। संस्थागत प्रसव के विषय में भी लाभार्थियों को बताया गया।

        आंगनबाड़ी कार्यकर्ती किरण सिंह ने 6 माह के बच्चों को अनुपूरक आहार के रूप मे खीर खिलाकर अन्नप्राशन संस्कार संपन्न कराया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ भारत की शुरुआत स्वास्थ्य बच्चे से होती है। इसीलिए शिशु को मां का दूध जरूर पिलाना चाहिए। स्तनपान कराने से मां एवं बच्चे के बीच भावनात्मक लगाव बढ़ता है। मां के दूध में मौजूद पोषक तत्व से बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे बच्चे निरोगी रहते हैं।

        आंगनबाड़ी कार्यकर्ती आधा देवी ने कहा कि जन्म के तुरंत बाद नवजात को स्तनपान कराने से ही शिशु मृत्यु दर में कमी आ सकती है। नवजात शिशु के लिए मां का पहला दूध संपूर्ण आहार होता है। सामान्यतया बच्चे को 6 माह तक नियमित रूप से स्तनपान कराना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहते हुए उन्हें प्रसव होने तक समुचित पौष्टिक आहार लेना चाहिए। विटामिन और आयरन की गोली पर बृहत रूप से गर्भवती महिलाओं को समझाया साथ ही मौसमी फलों के बारे में भी उनको समझाया कि इन फलों के क्या-क्या फायदे हैं।

        इस अवसर पर आंगनबाड़ी केंद्रों पर मिलने वाले पौष्टिक आहार के बारे में पूछे जाने पर कुछ लाभार्थियों पूजा, अनिता, संगीता, चाँदमुनि, सीमा, सुनैना, रीता, ममता, पूनम, गीता ने बताया कि पुष्टाहार से गर्भवती महिलाओं और उनके गर्भ में पल रहे बच्चों को पोषक तत्व प्रदान किया जा सकता है एवं उनको कुपोषण से बचाया जा सकता है। जबकि संतुलित खानपान और पोषाहार से बच्चों के शारीरिक व बौद्धिक क्षमता का विकास होता है। अन्नप्राशन संस्कार सुहानी, अर्पिता, सोनू, आयुष, श्वेता, प्रीति, आदर्श का किया गया।