छात्र संघ उद्घाटन समारोह में सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने दिलायी सबको दहेज रहित शादी करने का संकल्प , एससी कालेज बलिया में आयोजित था कार्यक्रम, सदर विधायक ने दिलाया हेलमेट पहनकर वाहन चलाने का संकल्प
छात्र संघ उद्घाटन समारोह में सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने दिलायी सबको दहेज रहित शादी करने का संकल्प , एससी कालेज बलिया में आयोजित था कार्यक्रम, सदर विधायक ने दिलाया हेलमेट पहनकर वाहन चलाने का संकल्प
मधुसूदन सिंह
बलिया 30 जून 2019 ।। सतीश चंद पीजी महाविद्यालय बलिया के छात्र संघ के उद्घाटन के मुख्य अतिथि बलिया लोक सभा के सांसद और भाजपा किसान मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह मस्त ने इस कार्यक्रम में नई सोच को आगे बढ़ाया है । महाविद्यालयों में जहां सर्वाधिक कुंवारे छात्र छात्राएं शिक्षा ग्रहण करते है , उस जगह पर श्री मस्त ने सबको बिना दहेज की शादी करने का संकल्प सबको कराया । यह संकल्प उन्होंने सिर्फ छात्रों से ही नही कराया बल्कि वहां उपस्थित नेताओ से भी कराया कि वे भी अपने पुत्रों की शादी बिना दहेज के करेंगे । वही द्वाबा विधायक सुरेंद्र सिंह का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे विधायक जी ने अपने बेटे की शादी बिना दहेज के करके पहले ही संकल्प पूरा कर लिया है , अब हमारे सदर विधायक आनंद स्वरूप शुक्ल भी अपनी शादी बिना दहेज के करेंगे । इससे पहले कार्यक्रम स्थल पहुंचने पर मुख्य अतिथि वीरेंद्र सिंह मस्त , विशिष्ठ अतिथि द्वय आनंद स्वरूप शुक्ल और सुरेंद्र सिंह का प्राचार्य अभय शंकर सिंह छात्र संघ अध्यक्ष आदर्श प्रताप सिंह के साथ ही अन्य छात्र नेताओं ने माला पहनाकर स्वागत किया । मुख्य अतिथि ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करने के बाद दीप प्रज्वलित कर छात्र संघ का उद्घाटन किया ।
इस अवसर पर विद्यालय परिवार की तरफ से मुख्य अतिथि सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त , सदर विधायक आनंद स्वरूप शुक्ल और द्वाबा विधायक सुरेंद्र सिंह को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । अपने संबोधन की शुरुआत में ही सांसद मस्त ने बेलाग शब्दो मे कहा कि छात्र संघ और छात्र राजनीति से मेरा कोई दूर दूर तक जुड़ाव नही था । हां इतना जरूर था कि छात्र होने के नाते इसको करीब से देखा जरूर हूं । छात्र राजनीति में अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर प्राचार्य का घेराव , देश विरोधी नारे लगाने ,सामाजिक मूल्यों में आ रही गिरावट, पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए श्री मस्त ने कहा कि छात्र राजनीति के नाम पर अगर प्राचार्य का घेराव और नारेबाजी ही है तो इसके भविष्य पर सोचना होगा , अगर छात्र राजनीति से सामाजिक तानाबाना टूटता है तो इसके भविष्य पर सोचना होगा , अगर राजनीति की नर्सरी कहलाने वाला छात्र संघ का मकसद कालेज के कैम्पस तक ही सीमित हो जाता है तो सोचना होगा , और अगर विद्यालयों के कैम्पसों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर राष्ट्र विरोधी नारेबाजी करने और राष्ट्र विरोधी शक्तियों के एकत्रीकरण और संरक्षण का केंद्र बनता है तो हमे निश्चित तौर पर ऐसे छात्र संघ और छात्र राजनीति पर गहन मंथन करना चाहिये । देश और समाज के विकास में किसानों और नौजवानों की महत्वपूर्ण भूमिका है । आजादी की लड़ाई में साढ़े आठ लाख गांवो के किसानों और नौजवानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी । दुनिया मे जब भी बड़ा परिवर्तन हुआ है वह किसानों और नौजवानों के द्वारा ही हुआ है । कहा कि मैं चाहता हूं कि एक एक नौजवान भारत सरकार द्वारा किसानों के लिये चलायी जा रही योजनाओं को किसानों को समझाए और सरकार द्वारा भेजी जा रही सहायता राशि को उनके खातों तक पहुंचे इस सहयोग करे क्योकि आप सभी भी किसान पुत्र ही है । कहा कि एक सांसद होने के नाते 1991 से दिल्ली में रहता हूँ । दिल्ली देश की राजधानी हो सकती है , दिल्ली देश की तस्वीर नही हो सकती । कहा कि जेएनयू की स्थापना देश के कोने कोने से आने वाले छात्र छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य बनाने के लिये हुई थी लेकिन अगर यह देश विरोधी लोगो के एकत्रीकरण का अड्डा बन गया है तो इसके भविष्य पर विचार करना होगा । बलिया के 1942 में आजाद होने पर चर्चा करते हुए कहा कि यह तब सम्भव हुआ था जब आजादी के आंदोलन के दो बड़े नेता कई बार बलिया आये । बापू जहां बलिया में करीब तीन बार आये तो आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेता जी सुबाष चंद बोस कई बार आये । तुम मुझे खून दो मै तुझे आजादी दूंगा , वाला नारा नेता जी पहले बलिया के टाउन हॉल में बोलने के बाद कलकत्ता में बोले थे । नेता जी के बार बार बलिया आने का ही परिणाम था कि बलिया में आजादी का आंदोलन बड़े स्तर पर चला और बलिया 1942 को ही आजाद हो गया । सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने छात्र संघ अध्यक्ष आदर्श प्रताप सिंह द्वारा छात्रावास बनवाने और सभागार बनवाने की मांग को स्वीकार करते हुए कहा कि आप लोग विद्यालय के प्रबंध तंत्र से प्रस्ताव भिजवाये शासन से फंड दिलवाने , अपने निधि से सहयोग देने का काम मै करूँगा ।
सदर विधायक ने दिलायी हेलमेट पहनकर बाइक चलाने की शपथ
इससे पहले सदर विधायक आनंद स्वरूप शुक्ल ने अपने संबोधन के दौरान ही सभी छात्रों से बिना हेलमेट के वाहन न चलाने की शपथ दिलवाकर एक जनप्रतिनिधि के रूप में अपनी छाप छोड़ी । श्री शुक्ल ने सभी छात्र नेताओं को आलोचक बनने की बजाय सकारात्मक सोच वाला बनने की सलाह देते हुए कहा कि आपकी राजनीति नैतिकता के आधार वाली होनी चाहिये । जिस प्रकार ऊर्जा का नाश नही होता बल्कि रूप बदल जाता है , उसी प्रकार जब आप छात्र राजनीति से सक्रिय राजनीति में जाएंगे तो दायरा बदलेगा , स्वरूप बदलेगा लेकिन अगर आप नैतिकता के आधार पर आगे बढ़ेंगे तो सफलता अपने आप मिलेगी । लक्ष्य को पाने के लिये तात्कालिक मुद्दों का सहारा नही लेना चाहिये , लम्बी लड़ाई के लिये विचारों के साथ आगे बढ़ना चाहिये,नही तो मुद्दा खत्म तो अरविंद केजरीवाल वाली स्थिति आ जायेगी । स्वामी विवेकानन्द के कहे वाक्य दृढ़ बनो ,खड़े हो जाओ और जिम्मेदारियों को अपने कंधों पर उठाओ भागो मत । छात्र संघ अध्यक्ष द्वारा सभागार के लिये सहयोग मांगने पर सदर विधायक आनन्द शुक्ल ने कहा कि मै यहां का पूर्व अध्यक्ष होने के नाते दो साल पहले ही इसके लिये अपनी सहमति दे चुका हूं लेकिन आजतक मेरे पास प्रस्ताव नही आया । यह विद्यालय मेरे लिये देवालय है , यहां की एक एक ईंट और यहां की मिट्टी मेरे लिये पूजनीय है , आज मैं जो कुछ भी हूं , इसी विद्यालय के कारण हूं । इस विद्यालय के विकास में मैं जो भी करूँगा वह कम ही होगा । इस विद्यालय के विकास में सहयोगी बनने पर मुझे जितनी खुशी होगी शायद ही किसी अन्य को होगी ।
बैरिया विधायक ने आजादी के 70 साल बाद भी आमजन को निःशुल्क स्वच्छ जल न मिलने पर तरक्की को किया कटघरे में खड़ा
इस सभा को विशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए अपने चिरपरिचित अंदाज में सुरेंद्र सिंह ने कहा कि आज निश्चित तौर पर शिक्षा के स्तर में गिरावट आयी है । मानवीय मूल्यों में गिरावट आयी है । कहा कि मानव जीवन की शुरुआत सम्बन्धो से होती है और पूर्णता सौगन्ध से होती है ।कहा कि मानवीय मूल्यों के गिरने के क्रम को रोकना होगा , नही तो अपने पिता राजा दशरथ के वचन को पूरा करने वाले राम , दुर्योधन के अत्याचारों के खिलाफ खड़े होने वाले अर्जुन को दीपक लेकर खोजना पड़ेगा । अब तक के विकास को ही कटघरे में खड़ा करते हुए श्री सिंह ने कहा कि जिस देश मे आजादी के 70 साल बाद भी लोगो को स्वच्छ जल मुफ्त में नही मिलता हो , उस देश के द्वारा अंतरिक्ष मे स्टेशन बनाने की कल्पना बेमानी लगती है । मानवीय मूल्यों में गिरावट पर चर्चा करते हुए श्री सिंह ने कहा कि पहले मिट्टी के घर होते थे , सभी लोग एक साथ रहते थे लेकिन किसी भी घर के बृद्ध को बृद्धाश्रम नही भेजा जाता था । लेकिन आज बड़े बड़े महल है , भौतिक तरक्की बेहिसाब है लेकिन न तो कई लोग एक साथ रहते है न ही बृद्ध लोगो के लिये रहने का स्थान है , मानवीय संवेदनाएं इतनी मर चुकी है कि लोग अपने ही मां बाप को बोझ समझ कर बृद्धाश्रम भेज दे रहे है । शिक्षा के स्तर पर आयी गिरावट पर भी श्री सिंह ने कहा कि शिक्षा स्वास्थ्य और सुरक्षा यह तीन किसी भी सभ्य समाज की पहली आवश्यकता है । अगर हम नैतिक मूल्यों को बढ़ाने वाली शिक्षा नही दे सकते है , सभी को समुचित स्वास्थ्य से सम्बंधित सेवाएं नही दे सकते है और सभी को सुरक्षा नही दे सकते है तो एक सभ्य समाज की कल्पना कैसे कर सकते है । शासक का पहला कर्तव्य है कि जनता को शिक्षा स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रदान करे । जो सरकार यह नही दे सकती वह फेल है । कहा कि जिस देश का शिक्षक समाजसेवी भष्ट हो जायेगा वह देश तरक्की नही कर सकता है । देश को बनाने में शिक्षकों का महत्वपूर्ण स्थान होता है , शिक्षकों को अपनी जिम्मेदारियों का अहसास होना जरूरी है , अगर ये नैतिक रूप से बच्चों को शिक्षित करेंगे तो मेरा दावा है कि हिंदुस्तान में कोई भी बच्चा अपने मां बाप को बृद्धाश्रम नही छोड़ेगा । सम्पूर्ण मानवीय मूल्यों का संरक्षण संवर्द्धन का ही परिणाम था कि सोने की लंका को जीतने के बाद भी राम ने लात मारकर अपनी झोपड़ी वाली अयोध्या को अपनाया था ।
छात्र संघ अध्यक्ष आदर्श प्रताप सिंह ने सभी आगन्तुको के प्रति आभार व्यक्त किया । संचालन रोहित कुमार चौबे ने किया । छात्र संघ के पदाधिकारियों में वाणिज्य मंत्री सर्वजीत मौर्य,पुस्तकालय मंत्री सचिन दूबे, कला संकाय मंत्री करन सिंह,विज्ञान मंत्री अवधेश चौबे,प्रशिक्षण संकाय प्रतिनिधि अजय कुमार तिवारी उपस्थित रहे । इस आयोजन के व्यवस्थापक पूर्व महामंत्री छोटू यादव रहे ।
इस अवसर पर टीडी कालेज के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता नागेंद्र पांडेय , सतीश चंद्र कालेज के पूर्व अध्यक्षो में अवनीश शुक्ल,अनिल राय,अरविंद चौबे,शशिभूषण मिश्र नन्हे, धनश्याम चौबे, अंजनी लाल चौबे ,रोहित कुमार चौबे उपस्थित रहे । वही पूर्व महामंत्री मनोज कुमार पांडेय और अभिषेक चंद गर्ग , वरिष्ठ भाजपा नेता नकुल चौबे, भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष अरुण सिंह बंटू ,अनिल पांडेय,ज्ञान प्रकाश पांडेय,सुरेश यादव रैना,रमेश यादव,प्रदीप ओझा,गोपाल ओझा,गोपाल चौबे,शुभम दुबे,नवीन चौबे , रितिक सिंह आदि भी उपस्थित रहे ।
मधुसूदन सिंह
बलिया 30 जून 2019 ।। सतीश चंद पीजी महाविद्यालय बलिया के छात्र संघ के उद्घाटन के मुख्य अतिथि बलिया लोक सभा के सांसद और भाजपा किसान मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह मस्त ने इस कार्यक्रम में नई सोच को आगे बढ़ाया है । महाविद्यालयों में जहां सर्वाधिक कुंवारे छात्र छात्राएं शिक्षा ग्रहण करते है , उस जगह पर श्री मस्त ने सबको बिना दहेज की शादी करने का संकल्प सबको कराया । यह संकल्प उन्होंने सिर्फ छात्रों से ही नही कराया बल्कि वहां उपस्थित नेताओ से भी कराया कि वे भी अपने पुत्रों की शादी बिना दहेज के करेंगे । वही द्वाबा विधायक सुरेंद्र सिंह का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे विधायक जी ने अपने बेटे की शादी बिना दहेज के करके पहले ही संकल्प पूरा कर लिया है , अब हमारे सदर विधायक आनंद स्वरूप शुक्ल भी अपनी शादी बिना दहेज के करेंगे । इससे पहले कार्यक्रम स्थल पहुंचने पर मुख्य अतिथि वीरेंद्र सिंह मस्त , विशिष्ठ अतिथि द्वय आनंद स्वरूप शुक्ल और सुरेंद्र सिंह का प्राचार्य अभय शंकर सिंह छात्र संघ अध्यक्ष आदर्श प्रताप सिंह के साथ ही अन्य छात्र नेताओं ने माला पहनाकर स्वागत किया । मुख्य अतिथि ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करने के बाद दीप प्रज्वलित कर छात्र संघ का उद्घाटन किया ।
इस अवसर पर विद्यालय परिवार की तरफ से मुख्य अतिथि सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त , सदर विधायक आनंद स्वरूप शुक्ल और द्वाबा विधायक सुरेंद्र सिंह को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । अपने संबोधन की शुरुआत में ही सांसद मस्त ने बेलाग शब्दो मे कहा कि छात्र संघ और छात्र राजनीति से मेरा कोई दूर दूर तक जुड़ाव नही था । हां इतना जरूर था कि छात्र होने के नाते इसको करीब से देखा जरूर हूं । छात्र राजनीति में अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर प्राचार्य का घेराव , देश विरोधी नारे लगाने ,सामाजिक मूल्यों में आ रही गिरावट, पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए श्री मस्त ने कहा कि छात्र राजनीति के नाम पर अगर प्राचार्य का घेराव और नारेबाजी ही है तो इसके भविष्य पर सोचना होगा , अगर छात्र राजनीति से सामाजिक तानाबाना टूटता है तो इसके भविष्य पर सोचना होगा , अगर राजनीति की नर्सरी कहलाने वाला छात्र संघ का मकसद कालेज के कैम्पस तक ही सीमित हो जाता है तो सोचना होगा , और अगर विद्यालयों के कैम्पसों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर राष्ट्र विरोधी नारेबाजी करने और राष्ट्र विरोधी शक्तियों के एकत्रीकरण और संरक्षण का केंद्र बनता है तो हमे निश्चित तौर पर ऐसे छात्र संघ और छात्र राजनीति पर गहन मंथन करना चाहिये । देश और समाज के विकास में किसानों और नौजवानों की महत्वपूर्ण भूमिका है । आजादी की लड़ाई में साढ़े आठ लाख गांवो के किसानों और नौजवानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी । दुनिया मे जब भी बड़ा परिवर्तन हुआ है वह किसानों और नौजवानों के द्वारा ही हुआ है । कहा कि मैं चाहता हूं कि एक एक नौजवान भारत सरकार द्वारा किसानों के लिये चलायी जा रही योजनाओं को किसानों को समझाए और सरकार द्वारा भेजी जा रही सहायता राशि को उनके खातों तक पहुंचे इस सहयोग करे क्योकि आप सभी भी किसान पुत्र ही है । कहा कि एक सांसद होने के नाते 1991 से दिल्ली में रहता हूँ । दिल्ली देश की राजधानी हो सकती है , दिल्ली देश की तस्वीर नही हो सकती । कहा कि जेएनयू की स्थापना देश के कोने कोने से आने वाले छात्र छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य बनाने के लिये हुई थी लेकिन अगर यह देश विरोधी लोगो के एकत्रीकरण का अड्डा बन गया है तो इसके भविष्य पर विचार करना होगा । बलिया के 1942 में आजाद होने पर चर्चा करते हुए कहा कि यह तब सम्भव हुआ था जब आजादी के आंदोलन के दो बड़े नेता कई बार बलिया आये । बापू जहां बलिया में करीब तीन बार आये तो आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेता जी सुबाष चंद बोस कई बार आये । तुम मुझे खून दो मै तुझे आजादी दूंगा , वाला नारा नेता जी पहले बलिया के टाउन हॉल में बोलने के बाद कलकत्ता में बोले थे । नेता जी के बार बार बलिया आने का ही परिणाम था कि बलिया में आजादी का आंदोलन बड़े स्तर पर चला और बलिया 1942 को ही आजाद हो गया । सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने छात्र संघ अध्यक्ष आदर्श प्रताप सिंह द्वारा छात्रावास बनवाने और सभागार बनवाने की मांग को स्वीकार करते हुए कहा कि आप लोग विद्यालय के प्रबंध तंत्र से प्रस्ताव भिजवाये शासन से फंड दिलवाने , अपने निधि से सहयोग देने का काम मै करूँगा ।
सदर विधायक ने दिलायी हेलमेट पहनकर बाइक चलाने की शपथ
इससे पहले सदर विधायक आनंद स्वरूप शुक्ल ने अपने संबोधन के दौरान ही सभी छात्रों से बिना हेलमेट के वाहन न चलाने की शपथ दिलवाकर एक जनप्रतिनिधि के रूप में अपनी छाप छोड़ी । श्री शुक्ल ने सभी छात्र नेताओं को आलोचक बनने की बजाय सकारात्मक सोच वाला बनने की सलाह देते हुए कहा कि आपकी राजनीति नैतिकता के आधार वाली होनी चाहिये । जिस प्रकार ऊर्जा का नाश नही होता बल्कि रूप बदल जाता है , उसी प्रकार जब आप छात्र राजनीति से सक्रिय राजनीति में जाएंगे तो दायरा बदलेगा , स्वरूप बदलेगा लेकिन अगर आप नैतिकता के आधार पर आगे बढ़ेंगे तो सफलता अपने आप मिलेगी । लक्ष्य को पाने के लिये तात्कालिक मुद्दों का सहारा नही लेना चाहिये , लम्बी लड़ाई के लिये विचारों के साथ आगे बढ़ना चाहिये,नही तो मुद्दा खत्म तो अरविंद केजरीवाल वाली स्थिति आ जायेगी । स्वामी विवेकानन्द के कहे वाक्य दृढ़ बनो ,खड़े हो जाओ और जिम्मेदारियों को अपने कंधों पर उठाओ भागो मत । छात्र संघ अध्यक्ष द्वारा सभागार के लिये सहयोग मांगने पर सदर विधायक आनन्द शुक्ल ने कहा कि मै यहां का पूर्व अध्यक्ष होने के नाते दो साल पहले ही इसके लिये अपनी सहमति दे चुका हूं लेकिन आजतक मेरे पास प्रस्ताव नही आया । यह विद्यालय मेरे लिये देवालय है , यहां की एक एक ईंट और यहां की मिट्टी मेरे लिये पूजनीय है , आज मैं जो कुछ भी हूं , इसी विद्यालय के कारण हूं । इस विद्यालय के विकास में मैं जो भी करूँगा वह कम ही होगा । इस विद्यालय के विकास में सहयोगी बनने पर मुझे जितनी खुशी होगी शायद ही किसी अन्य को होगी ।
बैरिया विधायक ने आजादी के 70 साल बाद भी आमजन को निःशुल्क स्वच्छ जल न मिलने पर तरक्की को किया कटघरे में खड़ा
इस सभा को विशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए अपने चिरपरिचित अंदाज में सुरेंद्र सिंह ने कहा कि आज निश्चित तौर पर शिक्षा के स्तर में गिरावट आयी है । मानवीय मूल्यों में गिरावट आयी है । कहा कि मानव जीवन की शुरुआत सम्बन्धो से होती है और पूर्णता सौगन्ध से होती है ।कहा कि मानवीय मूल्यों के गिरने के क्रम को रोकना होगा , नही तो अपने पिता राजा दशरथ के वचन को पूरा करने वाले राम , दुर्योधन के अत्याचारों के खिलाफ खड़े होने वाले अर्जुन को दीपक लेकर खोजना पड़ेगा । अब तक के विकास को ही कटघरे में खड़ा करते हुए श्री सिंह ने कहा कि जिस देश मे आजादी के 70 साल बाद भी लोगो को स्वच्छ जल मुफ्त में नही मिलता हो , उस देश के द्वारा अंतरिक्ष मे स्टेशन बनाने की कल्पना बेमानी लगती है । मानवीय मूल्यों में गिरावट पर चर्चा करते हुए श्री सिंह ने कहा कि पहले मिट्टी के घर होते थे , सभी लोग एक साथ रहते थे लेकिन किसी भी घर के बृद्ध को बृद्धाश्रम नही भेजा जाता था । लेकिन आज बड़े बड़े महल है , भौतिक तरक्की बेहिसाब है लेकिन न तो कई लोग एक साथ रहते है न ही बृद्ध लोगो के लिये रहने का स्थान है , मानवीय संवेदनाएं इतनी मर चुकी है कि लोग अपने ही मां बाप को बोझ समझ कर बृद्धाश्रम भेज दे रहे है । शिक्षा के स्तर पर आयी गिरावट पर भी श्री सिंह ने कहा कि शिक्षा स्वास्थ्य और सुरक्षा यह तीन किसी भी सभ्य समाज की पहली आवश्यकता है । अगर हम नैतिक मूल्यों को बढ़ाने वाली शिक्षा नही दे सकते है , सभी को समुचित स्वास्थ्य से सम्बंधित सेवाएं नही दे सकते है और सभी को सुरक्षा नही दे सकते है तो एक सभ्य समाज की कल्पना कैसे कर सकते है । शासक का पहला कर्तव्य है कि जनता को शिक्षा स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रदान करे । जो सरकार यह नही दे सकती वह फेल है । कहा कि जिस देश का शिक्षक समाजसेवी भष्ट हो जायेगा वह देश तरक्की नही कर सकता है । देश को बनाने में शिक्षकों का महत्वपूर्ण स्थान होता है , शिक्षकों को अपनी जिम्मेदारियों का अहसास होना जरूरी है , अगर ये नैतिक रूप से बच्चों को शिक्षित करेंगे तो मेरा दावा है कि हिंदुस्तान में कोई भी बच्चा अपने मां बाप को बृद्धाश्रम नही छोड़ेगा । सम्पूर्ण मानवीय मूल्यों का संरक्षण संवर्द्धन का ही परिणाम था कि सोने की लंका को जीतने के बाद भी राम ने लात मारकर अपनी झोपड़ी वाली अयोध्या को अपनाया था ।
छात्र संघ अध्यक्ष आदर्श प्रताप सिंह ने सभी आगन्तुको के प्रति आभार व्यक्त किया । संचालन रोहित कुमार चौबे ने किया । छात्र संघ के पदाधिकारियों में वाणिज्य मंत्री सर्वजीत मौर्य,पुस्तकालय मंत्री सचिन दूबे, कला संकाय मंत्री करन सिंह,विज्ञान मंत्री अवधेश चौबे,प्रशिक्षण संकाय प्रतिनिधि अजय कुमार तिवारी उपस्थित रहे । इस आयोजन के व्यवस्थापक पूर्व महामंत्री छोटू यादव रहे ।
इस अवसर पर टीडी कालेज के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता नागेंद्र पांडेय , सतीश चंद्र कालेज के पूर्व अध्यक्षो में अवनीश शुक्ल,अनिल राय,अरविंद चौबे,शशिभूषण मिश्र नन्हे, धनश्याम चौबे, अंजनी लाल चौबे ,रोहित कुमार चौबे उपस्थित रहे । वही पूर्व महामंत्री मनोज कुमार पांडेय और अभिषेक चंद गर्ग , वरिष्ठ भाजपा नेता नकुल चौबे, भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष अरुण सिंह बंटू ,अनिल पांडेय,ज्ञान प्रकाश पांडेय,सुरेश यादव रैना,रमेश यादव,प्रदीप ओझा,गोपाल ओझा,गोपाल चौबे,शुभम दुबे,नवीन चौबे , रितिक सिंह आदि भी उपस्थित रहे ।