नईदिल्ली :आतंकवाद के खिलाफ मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति रहेगी जारी, शाह ने दिए संकेत
नईदिल्ली :आतंकवाद के खिलाफ मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति रहेगी जारी, शाह ने दिए संकेत
ए कुमार
नईदिल्ली 4 जून 2019 ।।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को जारी रखेगी। इसके कारण ही सरकार लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करके दोबारा सत्ता में आई है। नए गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को सुरक्षाबलों को साफ निर्देश दिए हैं कि उनपर किसी भी आलोचना का प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए और वह जीरो टॉलरेंस की नीति को जारी रखें।
गृह मंत्रालय का कहना है कि नीति परिणाम देने वाली है। इस साल के पहले पांच महीनों के दौरान जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने 101 आतंकियों को मार गिराया था। जिसका मतलब है कि औसतन हर महीने 20 आतंकी मारे गए हैं। हालांकि मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इस सफलता के बावजूद घर के अंदर पनप रहे आतंकवाद को नियंत्रण में नहीं लाया जा सका है।
एक वरिष्ठ आधिकारी ने कहा, 'लगभग 50 युवा विभिन्न आतंकी संगठन में शामिल हुए हैं और यह चिंता का विषय है।' अधिकारी के अनुसार अगले पांच सालों में कट्टरपंथी विचारों को खत्म करने पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा, 'हमें इस मुद्दे को सुरक्षा पहलू से नहीं बल्कि एक सामाजिक मुद्दे को तौर पर देखना चाहिए। नए विचारों के बारे में सोचा जाना चाहिए जिससे कि युवा कट्टरपंथी विचारों से प्रभावित न हों।'
ए कुमार
नईदिल्ली 4 जून 2019 ।।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को जारी रखेगी। इसके कारण ही सरकार लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करके दोबारा सत्ता में आई है। नए गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को सुरक्षाबलों को साफ निर्देश दिए हैं कि उनपर किसी भी आलोचना का प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए और वह जीरो टॉलरेंस की नीति को जारी रखें।
गृह मंत्रालय का कहना है कि नीति परिणाम देने वाली है। इस साल के पहले पांच महीनों के दौरान जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने 101 आतंकियों को मार गिराया था। जिसका मतलब है कि औसतन हर महीने 20 आतंकी मारे गए हैं। हालांकि मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इस सफलता के बावजूद घर के अंदर पनप रहे आतंकवाद को नियंत्रण में नहीं लाया जा सका है।
एक वरिष्ठ आधिकारी ने कहा, 'लगभग 50 युवा विभिन्न आतंकी संगठन में शामिल हुए हैं और यह चिंता का विषय है।' अधिकारी के अनुसार अगले पांच सालों में कट्टरपंथी विचारों को खत्म करने पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा, 'हमें इस मुद्दे को सुरक्षा पहलू से नहीं बल्कि एक सामाजिक मुद्दे को तौर पर देखना चाहिए। नए विचारों के बारे में सोचा जाना चाहिए जिससे कि युवा कट्टरपंथी विचारों से प्रभावित न हों।'