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बलिया : गंगा नदी में सफेद बालू निकालने का बड़ा खेल : प्रशासन के नाक के नीचे हो रहा है खेल ,माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के वावजूद गंगा के पेटे से अवैध बालू खनन कर रहे है निडर माफिया

गंगा नदी में सफेद बालू निकालने का बड़ा खेल : प्रशासन के नाक के नीचे हो रहा है खेल ,माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के वावजूद गंगा के पेटे से अवैध बालू खनन कर रहे है निडर माफिया
मधुसूदन सिंह 





बलिया 21 जून 2019 ।। चाहे देश के सर्वोच्च न्यायालय का आदेश हो , चाहे प्रदेश के  योगी सरकार का आदेश हो , लगता है बलिया जनपद में इसके कोई मायने नही है । यहां पर रोज सैकड़ो ट्रालियों में गंगा नदी के पेटे से सफेद बालू निकाला जा रहा है , दिन के उजाले में निकाला जा रहा है लेकिन इसको रोकने के लिये जिला प्रशासन का कोई भी अंग सक्रिय नही है । जिस व्यक्ति के गाड़ियों से अवैध खनन करके गंगा नदी से सफेद बालू निकाला जा रहा है उसने बयान में साफ कहा है कि नरही थाने को भी इसकी जानकारी है । योगी सरकार ने अपने घरेलू उपयोग के लिये अपने खेत से मिट्टी निकालने पर रॉयल्टी की छूट दी है , न कि गंगा नदी में से बालू निकालने की ? जब इस संबंध में जहां यह बालू लगाया जा रहा है , उस मगही नदी पर चल रहे कटान रोधी कार्य के सहायक अभियंता बाढ़ खण्ड बलिया से सवाल किया गया तो उनके जबाब को जरा सुन लीजिये ----

अब अवैध खनन करा रहे मौके पर मौजूद व्यक्ति अंग्रेजी सिंह का भी बयान सुन लीजिये ---



अब सवाल यह उठ रहा कि आखिर कौन सी विकट परिस्थिति आ गयी है कि सरकार के नुमाइंदों के द्वारा ही एक जगह बचाव का कार्य करने के लिये दूसरे जगह के लोगो और करोड़ो रूपये की लागत से बने ठोकर के अस्तित्व पर ही संकट पैदा किया जा रहा है । सूत्रों की माने तो अबतक हुए इस अवैध खनन से सरकार को कम से कम 15 लाख के राजस्व की हानि हो चुकी है ।
कहां हो रहा है खनन, किसको है इस खनन से खतरा

बलिया जनपद के फेफना विधान सभा के बड़काखेत और टेढ़वा के मठिया के पास गंगा के दोआब से बेहिसाब सफेद बालू का खनन हो रहा है । यह भी सूच्य हो कि गंगा नदी के पेटे में जो भी बालू है उसपर सरकार का आधिपत्य होता है , न की किसी काश्तकार का । वावजूद इसके संभवतः राजनैतिक संरक्षण के यह खेल बदस्तूर जारी है । गंगा नदी में इस खनन से शाहपुर भभनौली के पास सपा सरकार में बने ठोकर पर भी खतरा मंडराने लगा है क्योंकि इन खनन माफियाओं द्वारा इससे मात्र लगभग 1 किमी की ही दूरी पर खनन करके गंगा के पेटे को गहरा कर दिया गया है जिससे बाढ़ के समय इस ठोकर के पास कटान का खतरा उतपन्न हो गया है ।
मगही नदी पर हो रहे कटानरोधी कार्य पर भी उठ रहे है सवाल




बलिया के बाढ़ खण्ड विभाग द्वारा स्थानीय बरसाती नदी के रुप मे सुविख्यात मगही नदी पर दौलतपुर, चौरा,कैथवली,कर्णपुरा और नरही में कराये जा रहे कटान रोधी कार्य के औचित्य पर ही सवाल खड़ा किया जा रहा है । फोटोग्राफ्स और वीडियो में साफ दिख रहा है कि इस नदी में कितना पानी है और इस पानी का वेग क्या होगा ? 

नीचे देखिये 2 जून 2014 को कोट मंझरिया में हो रहे कटान रोधी कार्य की फोटो



यही नही इस नदी के द्वारा  2014 में कोट मंझरिया में किये गये कटान के बाद कही कटान भी नही किया गया है , ऐसे में किस रिपोर्ट के आधार पर इस नदी पर कटान रोधी कार्य करने की जरूरत महसूस हुई । इन गांवों में इस पर खर्च हो रहे लगभग 12 से 14 करोड़ रुपये से और भी विकास कार्य कराये जा सकते थे ?

सबसे बड़ा सवाल : क्या इस सफेद बालू के अवैध खनन पर रोक लगाएगा जिला प्रशासन
22 जून 2019 को प्रदेश के लोकप्रिय और सख्त मुख्यमंत्री योगी जी का दौरा जनपद में संभावित है । ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या जिला प्रशासन इस अवैध सफेद बालू के खनन को रोकेगा ? साथ ही जिलाधिकारी महोदय या अन्य सक्षम अधिकारी इस अवैध खनन के चलते किन किन ठोकरों और गांवो को खतरा उतपन्न हो गया है , पड़ताल करके ऐसे माफियाओ पर अंकुश लगाएंगे , यह भविष्य के गर्भ में जरूर है पर आने वाले दिनों में इस पर रोक नही लगी तो विकराल स्वरूप में सबके सामने पैदा हो जाएंगे ?