देवरिया : बाढ ,आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन
बाढ ,आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन
देवरिया (व्यूरो) 30 जून 2019 ।। आपदा प्रबंधन को कार्य योजना बनाकर पूर्ण करे ताकि समय आने पर उनकी उपयोगिता सिद्ध हो सके और जन हानि व धन हानि से बचा जा सके। मुख्य अतिथि ले0जनरल (सेवानिवृत्त)उपाध्यक्ष आपदा प्रवंधन प्राधिकरण रविन्द्र प्रताप शाही ने उपरोक्त विचार टाऊन हाल में आयोजित एक दिवसीय बाढ आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर विभागीय अधिकारियो एवं अन्य हित भागिये के एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुये व्यक्त किए। उन्होने कहा कि दैवी आपदा से बचाव के लिये सभी संबंधित विभाग आपसी ताल मेल के साथ कार्य करे तो उसका परिणाम अच्छा होता है और लोगो को बड़े जोखिम/नुकसान से बचाया जा सकता है। इस लिये इस कार्य को टीम भावना से करने की जरूरत है। जिलाधिकारी अमित किशोर ने उक्त अवसर पर अश्वस्त किया कि आपदा प्रवंधन के बचाव हेतु बरती जाने वाली सावधनियो के संबंध में जो जानकारिया प्राप्त हुई है उसके लिये संबंधित विभागीय अधिकारियो को नियमत; पालन करने हेतु निर्देशित किया जायेगा। साथ ही कार्यो की लागातार समीक्षा भी की जायेगी। उन्होने कहा कि बाढ जैसी आपदा के समय किसही प्रकार की कोई जन/धन हानि न हाके इसका हर सभंव प्रयास किया जायेगा और कार्य के संचालन में किसी भी स्तर पर कोई शिथिलिता बर्दास्त नही की जायेगी। यदि किसी के द्वारा शिथिलिता बरतने पा कडी कार्यवाही की जोयेगी। श्री किशोर एक दिवसीय बाढ़ आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर विभागीय अधिकारियों एवं अन्य हितभागीयो का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किसी भी आपदा में तत्पर रहने वाली 11वाहिनी एनडीआरएफ के क्षेत्रीय प्रत्युत्तर केन्द्र गोरखपुर की विशिष्ट प्रशिक्षित टीम व आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गोरखपुर के संयुक्त तत्वावधान किया गया। प्रशिक्षण की शुरुआत मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व रिटायर्ड ले ० जनरल रविंद्र प्रताप शाही को जिला अधिकारी देवरिया ने पुष्प दे कर कार्यक्रम की शुरुआत की ।
तदोपरांत मुख्य अतिथि श्री शाही ने कहा कि बाढ़ बाढ़ से पूर्व तैयारी कर लेने से काफी हद तक बाढ़ से बचाव किया जा सकता है। तदोपरांत पीएल शर्मा उप कमांडेंट द्वारा एनडीआरएफ की संरचना एवं कार्य शैली व आपदा प्रबंधन के विषय पर व्याख्यान दिए इसी क्रम में मास्टर प्रशिक्षक निरीक्षक डीपी चंद्रा के द्वारा बाढ़ जैसी आपदा से बचाव के लिए आपदा से पूर्व और आपदा के दौरान अपनाई जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तृत जानकारी दिए । बाढ़ के दौरान जीवन सुरक्षा हेतु स्थानीय संसाधनों से निर्मित रक्षक जैकेट व और दूषित जल को घर पर फिल्टर करने का तरीका बताया ।मच्छरों से बचाव, सांप काटने पर प्राथमिक उपचार ,भूकंप भूस्खलन जैसी आपदाओं से घायल हुए व्यक्तियों को अस्पताल से पूर्व चिकित्सा के बारे में बताया । साथ ही इन आपदाओं में प्रयोग किए जाने वाले रेस्क्यू से फंसे हुए लोगों को निकालने एवं उन्हें प्राथमिक उपचार देने के बारे में बताया ।इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में मौजूद विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने चोट लगने पर प्राथमिक उपचार जैसे ड्रेसिंग बैंडेज ,खून का बहाव रोकना ,फैक्चर होना ,स्थायित्व प्रदान करना ,जीवनसाथी सीपीआर का प्रयोगात्मक प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के अंत में यूनिसेफ संस्था की सदस्य उर्वशी चंद्रा ने बाढ के पूर्व परिवार के गांव के साथ ही जनपद के आंकड़ों को एकत्र करने के बारे में बताया जिससे आपदा के समय में काफी सहयोग मिलता है।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक डा0श्रीपति मिश्रा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0धीरेंद्र कुमार ए0डी0एम0 एफ0आर उमेश कुमार मंगला ,अपर जिलाधिकारी प्रशासन राकेश पटेल, समस्त अपर पुलिस अधीक्षक शिष्यपाल सिह, सभी उपजिलाधिकारी, तहसीलदार,खण्ड विकास अधिकारी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मास्टर ट्रेनरो में विनोद पाठक, गिरजा शंकर विश्वकर्मा, हरिश्चंद्र यादव, अजय भारतीए अनिरुद्ध गुप्ता, चंदेश्वर शुक्ला, पारसनाथ तिवारीए गोपाल शर्मा, अजीत तिवारी, कुलदीपक पाठक, प्रवीण दीक्षित, गोपाल शर्मा, जावेद अंसारी सहित एन0डी0आर0एफ0 टीम व अन्य सभी विभागों के अधिकारी व कर्मचारी, ग्राम प्रधान आदि मौजूद रहे।
देवरिया (व्यूरो) 30 जून 2019 ।। आपदा प्रबंधन को कार्य योजना बनाकर पूर्ण करे ताकि समय आने पर उनकी उपयोगिता सिद्ध हो सके और जन हानि व धन हानि से बचा जा सके। मुख्य अतिथि ले0जनरल (सेवानिवृत्त)उपाध्यक्ष आपदा प्रवंधन प्राधिकरण रविन्द्र प्रताप शाही ने उपरोक्त विचार टाऊन हाल में आयोजित एक दिवसीय बाढ आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर विभागीय अधिकारियो एवं अन्य हित भागिये के एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुये व्यक्त किए। उन्होने कहा कि दैवी आपदा से बचाव के लिये सभी संबंधित विभाग आपसी ताल मेल के साथ कार्य करे तो उसका परिणाम अच्छा होता है और लोगो को बड़े जोखिम/नुकसान से बचाया जा सकता है। इस लिये इस कार्य को टीम भावना से करने की जरूरत है। जिलाधिकारी अमित किशोर ने उक्त अवसर पर अश्वस्त किया कि आपदा प्रवंधन के बचाव हेतु बरती जाने वाली सावधनियो के संबंध में जो जानकारिया प्राप्त हुई है उसके लिये संबंधित विभागीय अधिकारियो को नियमत; पालन करने हेतु निर्देशित किया जायेगा। साथ ही कार्यो की लागातार समीक्षा भी की जायेगी। उन्होने कहा कि बाढ जैसी आपदा के समय किसही प्रकार की कोई जन/धन हानि न हाके इसका हर सभंव प्रयास किया जायेगा और कार्य के संचालन में किसी भी स्तर पर कोई शिथिलिता बर्दास्त नही की जायेगी। यदि किसी के द्वारा शिथिलिता बरतने पा कडी कार्यवाही की जोयेगी। श्री किशोर एक दिवसीय बाढ़ आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर विभागीय अधिकारियों एवं अन्य हितभागीयो का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किसी भी आपदा में तत्पर रहने वाली 11वाहिनी एनडीआरएफ के क्षेत्रीय प्रत्युत्तर केन्द्र गोरखपुर की विशिष्ट प्रशिक्षित टीम व आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गोरखपुर के संयुक्त तत्वावधान किया गया। प्रशिक्षण की शुरुआत मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व रिटायर्ड ले ० जनरल रविंद्र प्रताप शाही को जिला अधिकारी देवरिया ने पुष्प दे कर कार्यक्रम की शुरुआत की ।
तदोपरांत मुख्य अतिथि श्री शाही ने कहा कि बाढ़ बाढ़ से पूर्व तैयारी कर लेने से काफी हद तक बाढ़ से बचाव किया जा सकता है। तदोपरांत पीएल शर्मा उप कमांडेंट द्वारा एनडीआरएफ की संरचना एवं कार्य शैली व आपदा प्रबंधन के विषय पर व्याख्यान दिए इसी क्रम में मास्टर प्रशिक्षक निरीक्षक डीपी चंद्रा के द्वारा बाढ़ जैसी आपदा से बचाव के लिए आपदा से पूर्व और आपदा के दौरान अपनाई जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तृत जानकारी दिए । बाढ़ के दौरान जीवन सुरक्षा हेतु स्थानीय संसाधनों से निर्मित रक्षक जैकेट व और दूषित जल को घर पर फिल्टर करने का तरीका बताया ।मच्छरों से बचाव, सांप काटने पर प्राथमिक उपचार ,भूकंप भूस्खलन जैसी आपदाओं से घायल हुए व्यक्तियों को अस्पताल से पूर्व चिकित्सा के बारे में बताया । साथ ही इन आपदाओं में प्रयोग किए जाने वाले रेस्क्यू से फंसे हुए लोगों को निकालने एवं उन्हें प्राथमिक उपचार देने के बारे में बताया ।इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में मौजूद विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने चोट लगने पर प्राथमिक उपचार जैसे ड्रेसिंग बैंडेज ,खून का बहाव रोकना ,फैक्चर होना ,स्थायित्व प्रदान करना ,जीवनसाथी सीपीआर का प्रयोगात्मक प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के अंत में यूनिसेफ संस्था की सदस्य उर्वशी चंद्रा ने बाढ के पूर्व परिवार के गांव के साथ ही जनपद के आंकड़ों को एकत्र करने के बारे में बताया जिससे आपदा के समय में काफी सहयोग मिलता है।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक डा0श्रीपति मिश्रा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0धीरेंद्र कुमार ए0डी0एम0 एफ0आर उमेश कुमार मंगला ,अपर जिलाधिकारी प्रशासन राकेश पटेल, समस्त अपर पुलिस अधीक्षक शिष्यपाल सिह, सभी उपजिलाधिकारी, तहसीलदार,खण्ड विकास अधिकारी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मास्टर ट्रेनरो में विनोद पाठक, गिरजा शंकर विश्वकर्मा, हरिश्चंद्र यादव, अजय भारतीए अनिरुद्ध गुप्ता, चंदेश्वर शुक्ला, पारसनाथ तिवारीए गोपाल शर्मा, अजीत तिवारी, कुलदीपक पाठक, प्रवीण दीक्षित, गोपाल शर्मा, जावेद अंसारी सहित एन0डी0आर0एफ0 टीम व अन्य सभी विभागों के अधिकारी व कर्मचारी, ग्राम प्रधान आदि मौजूद रहे।