आखिर दबंग चिकित्सको से कौन करायेगा स्थानांतरण आदेश का पालन : सीएमओ बलिया के आदेश को महीने भर से अधिक समय से ठेंगा दिखा रहे है दबंग चिकित्सक , डीएम बलिया और विभागीय उच्चाधिकारियों को भेजी गई है सूचना पर नही हुई कोई कार्यवाई
आखिर दबंग चिकित्सको से कौन करायेगा स्थानांतरण आदेश का पालन : सीएमओ बलिया के आदेश को महीने भर से अधिक समय से ठेंगा दिखा रहे है दबंग चिकित्सक , डीएम बलिया और विभागीय उच्चाधिकारियों को भेजी गई है सूचना पर नही हुई कोई कार्यवाई
मधुसूदन सिंह
बलिया 1 जुलाई 2019 ।।
योगी सरकार में भी दबंग डॉक्टर अपनी मनमानी करने से बाज नही आ रहे है । लगभग डेढ़ माह पहले विभिन्न शिकायतों / अनियमितता/शासनादेशों के कारण सीएमओ बलिया डॉ पीके मिश्र ने 13 चिकित्सा अधीक्षकों का स्थानांतरण किया था । एक माह बाद नोटिस जारी करने , जिलाधिकारी बलिया और स्वास्थ्य निदेशालय को इसकी लिखित सूचना भेजने के बाद भी इनके खिलाफ कोई कार्यवाही न होने से इनका मनोबल काफी बढ़ा हुआ है और 11 लोग अपने तैनाती स्थल से हटने को तैयार नही दिख रहे है । जबकि योगी सरकार आदेश न मानने वालों के खिलाफ सख्त मानी जाती है । अब देखना यह है सीएमओ बलिया के द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश का अनुपालन कब हो पाता है । मात्र दो चिकित्सक डॉ सीपी पांडेय और डॉ मुकर्रम ने ही इस आदेश को मानते हुए नई तैनाती वाली जगह पर कार्यभार ग्रहण कर लिया है ।बलिया एक्सप्रेस द्वारा इसके पहले प्रकाशित खबर और चिकित्सको पर लगे आरोप एक बार फिर पढिये -----
बलिया सीएमओ के स्थानांतरण आदेश को ठेंगा दिखाते स्थानांतरित चिकित्सक ,एक माह बीत जाने के बाद भी नही गये नई तैनाती स्थल,सीएमओ ने पत्र भेजकर डीएम और शासन को कराया अवगत
मधुसूदन सिंह
बलिया 24 जून 2019 ।। प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश लखनऊ के निर्देश के क्रम में वर्षो से एक ही जगह जमे या जिनकी शिकायत थी , आकस्मिक निरीक्षण में कमियां मिली थी , को सीएमओ बलिया डॉ पीके मिश्र द्वारा कुल 13 चिकित्सको को स्थानांतरित किया था , वो एक माह बाद भी अपनी ऊंची राजनैतिक पकड़ और दबंगई के बल पर अपने नई तैनाती स्थल पर अपना योगदान नही दिये है । इस परिस्थिति में सीएमओ बलिया ने अपने पत्र संख्या चि अ/आदेश/अनुपालन/2019-20/दिनांक 20 जून 2019 के द्वारा जिलाधिकारी बलिया और शासन को पत्र के माध्यम से सूचना भेजकर इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाई करने मांग की है । इनमे से कई चिकित्सक ऐसे है जो 2006 से 2011 के दरमियान अपना योगदान देने के बाद कही दूसरी जगह गये ही नही है । वर्षो से एक ही जगह तैनात रहने से जहां ये लोग सत्ता पक्ष के नेताओ से अपनी नजदीकियों का फायदा उठाकर अपने स्थानांतरण आदेश को रुकवा लेते है , वही जमकर प्राइवेट प्रैक्टिस भी करते है । सीएमओ बलिया द्वारा जिनका प्रशासनिक हित मे , जनहित में शिकायतों के आधार पर तबादला किया गया है उनके नाम और नवीन तैनाती स्थल इस प्रकार है ---
डॉ केशव प्रसाद प्रा स्वा केंद्र रतसड(2014 से तैनात) से सामु स्वा केंद्र दुबहड़ , डॉ संजय कुमार वर्मा(2014 से तैनात) सामु स्वा केंद्र सोनवानी से प्रा स्वा केंद्र रतसड ,डॉ प्रेम प्रकाश यादव प्रा स्वा केंद्र(2014 से तैनात) से प्रा स्वा केंद्र कोटवा , डॉ इरशाद अहमद नया प्रा स्वा केंद्र सहतवार (2011 से तैनात) से सामु स्वा केंद्र सोनवानी , डॉ पुरेन्द्र कुमार प्रा स्वा केंद्र कोटवा (2006 से तैनात) से प्रा स्वा केंद्र बेरुआरबारी , डॉ सिद्धि रंजन प्रा स्वा केंद्र बेरुआरबारी(2014 से तैनात) से प्रा स्वा केंद्र बघूडी, डॉ पीसी भारती सामु स्वा केंद्र रसड़ा(2013 से तैनात) से सामु स्वा केंद्र सिकंदरपुर , डॉ मुकर्रम अहमद सामु स्वा केंद्र सोनवानी (11 जून 2018 से , शिकायत और प्रशासनिक हित मे स्थानांतरण) से सामु स्वा केंद्र बांसडीह (अगउर ),डॉ प्रशांत कुमार नया प्रा स्वा केंद्र कुरेजी से प्रा स्वा केंद्र चिलकहर, डॉ राहुल सिंह सामु स्वा केंद्र नगरा से सामु स्वा केंद्र सिकंदरपुर , डॉ राम प्रवेश चौधरी नया प्रा स्वा केंद्र सिकंदरपुर से प्रा स्वा केंद्र कोटवा , डॉ व्यास कुमार सामु स्वा केंद्र सिकंदरपुर से प्रा स्वा केंद्र कोटवा ,डॉ सीपी पांडेय सामु स्वा केंद्र अगऊर (बांसडीह) से प्रा स्वा केंद्र
पंदह ।
क्या है मुख्य शिकायते और किन चिकित्सको के खिलाफ है गंभीर आरोप
डॉ केशव प्रसाद रतसड : 24 मई 2019 को सीएमओ बलिया द्वारा आकस्मिक निरीक्षण में अनुपस्थित पाये गये , यही नही यह भी पता चला कि ये विगत 10 दिनों से अस्पताल आये ही नही है । दवाओं के स्टॉक की चेकिंग की गई तो पाया गया कि स्टॉक में स्टॉक रजिस्टर से ज्यादे दवाएं है । यह कही न कही दवाओं के गलत जगह थोक में भेजने की तरफ इशारा कर रहा है । थोक में भेजकर ऐसा संभव है कि स्टॉक बाद में घटा दिया जाता । यह भी पाया गया कि ये शासन द्वारा निर्धारित अवधि से ज्यादे समय यानी 2014 से ही यहां कार्यरत है जो शासनादेशों के खिलाफ है । स्थानीय जनता ने भी शिकायत की । सबसे हैरान करने वाली बात कुत्तो के काटने पर लगाये जाने वाली एआरवी वैक्सीन का ज्यादे मात्रा में पाया जाना है ।
डॉ संजय वर्मा सोनवानी : स्वास्थ्य विभाग की सेवानिवृत कर्मचारी और कोल्ड चेन हैंडलर कलावती सिंह द्वारा अपने मानदेय का गबन का आरोप साक्ष्य के साथ इनके ऊपर लगाया गया जो सत्य पाया गया । यही नही इस महिला का आजतक न तो जीपीएफ , न तो एरियर , न तो बकाया डीए आदि देयकों का भुगतान कराने में इन्होंने दिलचस्पी दिखायी जबकि उपरोक्त महिला 2018 में ही सेवानिवृत हो गयी थी । साथ ही ये 2014 से ही सोनवानी में तैनात है । आवास के आवंटन में भी इनके द्वारा अनियमितता बरती गई है । सेवानिवृत एएनएम को पिछले लगभग तीन साल से दो दो आवास दिया गया है । आजतक इन आवासों को उमरावती पांडेय से खाली नही कराया गया है ।
डॉ इरशाद अहमद सहतवार : ये 2011 से ही सहतवार में तैनात है । सीएमओ बलिया के 19 मई 2019 के निरीक्षण में इनके ओपीडी कक्ष में प्राइवेट दवा कंपनियों के प्रचार वाले स्टिकर दीवार पर चिपके मिले, पम्पलेट भी पाये गये । इसके साथ ही प्राइवेट प्रैक्टिस की भी लोगो ने शिकायते की । वही अधीक्षक रेवती द्वारा भरी मीटिंग में इनकी शिकायत करते हुए कहा गया था कि ये न तो किसी राष्ट्रीय या प्रादेशिक कार्यक्रमो में सहयोग करते है , न ही मीटिंग में आते है ।
डॉ प्रेम प्रकाश बघूडी : 2014 से यहां तैनात , इनके द्वारा मरीजो के साथ दुर्व्यवहार करना , स्थानीय सामाजिक कार्यकर्त्ता राम पूजन पांडेय द्वारा इनके द्वारा अपने खिलाफ शिकायत करने पर अमर्यादित अपशब्दों को एनएचआरसी में हूं -बहु रूप में शिकायत पर एनएचआरसी ने सीएमओ बलिया को तत्काल कार्यवाई करने का निर्देश दिया है अभी यह मामला आयोग के पास लम्बित है । वही क्षेत्रीय विधायक संजय यादव ने भी इनको तत्काल स्थानांतरित करने के लिये सीएमओ बलिया को पत्र भेजा है ।
डॉ पुरेन्द्र कुमार कोटवा : 2006 से यही पर कार्यरत , सीएमओ बलिया के 22 मई 2019 के आकस्मिक निरीक्षण में न तो कोटवा मिले , न ही दूसरे तैनाती स्थल सोनवरसा । वही कोटवा में एएनएम से धन उगाही की शिकायतें और दवाओं के रख रखाव में घोर अनियमितता पायी गयी ।
डॉ सिद्धि रंजन बेरुआरबारी : 2014 से पोस्टेड ,सीएमओ बलिया के 31 मई 2019 के आकस्मिक निरीक्षण में अनुपस्थित पाये गये । यह भी पता चला कि ये हाजिरी रजिस्टर पर हस्ताक्षर भी नही करते है । वही स्टॉक रजिस्टर से अधिक दवाएं पायी गयी जो घोर अनियमितता है ।
डॉ सीबी पांडेय अगऊर बांसडीह : सीएमओ बलिया के निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाये गये । इनके एक्सपायरी दवाएं स्टॉक में पायी गयी , वही स्टॉक और दवाओं का मिलान नही हो पाया जो घोर अनियमितता है ।
मधुसूदन सिंह
बलिया 1 जुलाई 2019 ।।
योगी सरकार में भी दबंग डॉक्टर अपनी मनमानी करने से बाज नही आ रहे है । लगभग डेढ़ माह पहले विभिन्न शिकायतों / अनियमितता/शासनादेशों के कारण सीएमओ बलिया डॉ पीके मिश्र ने 13 चिकित्सा अधीक्षकों का स्थानांतरण किया था । एक माह बाद नोटिस जारी करने , जिलाधिकारी बलिया और स्वास्थ्य निदेशालय को इसकी लिखित सूचना भेजने के बाद भी इनके खिलाफ कोई कार्यवाही न होने से इनका मनोबल काफी बढ़ा हुआ है और 11 लोग अपने तैनाती स्थल से हटने को तैयार नही दिख रहे है । जबकि योगी सरकार आदेश न मानने वालों के खिलाफ सख्त मानी जाती है । अब देखना यह है सीएमओ बलिया के द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश का अनुपालन कब हो पाता है । मात्र दो चिकित्सक डॉ सीपी पांडेय और डॉ मुकर्रम ने ही इस आदेश को मानते हुए नई तैनाती वाली जगह पर कार्यभार ग्रहण कर लिया है ।बलिया एक्सप्रेस द्वारा इसके पहले प्रकाशित खबर और चिकित्सको पर लगे आरोप एक बार फिर पढिये -----
बलिया सीएमओ के स्थानांतरण आदेश को ठेंगा दिखाते स्थानांतरित चिकित्सक ,एक माह बीत जाने के बाद भी नही गये नई तैनाती स्थल,सीएमओ ने पत्र भेजकर डीएम और शासन को कराया अवगत
मधुसूदन सिंह
बलिया 24 जून 2019 ।। प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश लखनऊ के निर्देश के क्रम में वर्षो से एक ही जगह जमे या जिनकी शिकायत थी , आकस्मिक निरीक्षण में कमियां मिली थी , को सीएमओ बलिया डॉ पीके मिश्र द्वारा कुल 13 चिकित्सको को स्थानांतरित किया था , वो एक माह बाद भी अपनी ऊंची राजनैतिक पकड़ और दबंगई के बल पर अपने नई तैनाती स्थल पर अपना योगदान नही दिये है । इस परिस्थिति में सीएमओ बलिया ने अपने पत्र संख्या चि अ/आदेश/अनुपालन/2019-20/दिनांक 20 जून 2019 के द्वारा जिलाधिकारी बलिया और शासन को पत्र के माध्यम से सूचना भेजकर इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाई करने मांग की है । इनमे से कई चिकित्सक ऐसे है जो 2006 से 2011 के दरमियान अपना योगदान देने के बाद कही दूसरी जगह गये ही नही है । वर्षो से एक ही जगह तैनात रहने से जहां ये लोग सत्ता पक्ष के नेताओ से अपनी नजदीकियों का फायदा उठाकर अपने स्थानांतरण आदेश को रुकवा लेते है , वही जमकर प्राइवेट प्रैक्टिस भी करते है । सीएमओ बलिया द्वारा जिनका प्रशासनिक हित मे , जनहित में शिकायतों के आधार पर तबादला किया गया है उनके नाम और नवीन तैनाती स्थल इस प्रकार है ---
डॉ केशव प्रसाद प्रा स्वा केंद्र रतसड(2014 से तैनात) से सामु स्वा केंद्र दुबहड़ , डॉ संजय कुमार वर्मा(2014 से तैनात) सामु स्वा केंद्र सोनवानी से प्रा स्वा केंद्र रतसड ,डॉ प्रेम प्रकाश यादव प्रा स्वा केंद्र(2014 से तैनात) से प्रा स्वा केंद्र कोटवा , डॉ इरशाद अहमद नया प्रा स्वा केंद्र सहतवार (2011 से तैनात) से सामु स्वा केंद्र सोनवानी , डॉ पुरेन्द्र कुमार प्रा स्वा केंद्र कोटवा (2006 से तैनात) से प्रा स्वा केंद्र बेरुआरबारी , डॉ सिद्धि रंजन प्रा स्वा केंद्र बेरुआरबारी(2014 से तैनात) से प्रा स्वा केंद्र बघूडी, डॉ पीसी भारती सामु स्वा केंद्र रसड़ा(2013 से तैनात) से सामु स्वा केंद्र सिकंदरपुर , डॉ मुकर्रम अहमद सामु स्वा केंद्र सोनवानी (11 जून 2018 से , शिकायत और प्रशासनिक हित मे स्थानांतरण) से सामु स्वा केंद्र बांसडीह (अगउर ),डॉ प्रशांत कुमार नया प्रा स्वा केंद्र कुरेजी से प्रा स्वा केंद्र चिलकहर, डॉ राहुल सिंह सामु स्वा केंद्र नगरा से सामु स्वा केंद्र सिकंदरपुर , डॉ राम प्रवेश चौधरी नया प्रा स्वा केंद्र सिकंदरपुर से प्रा स्वा केंद्र कोटवा , डॉ व्यास कुमार सामु स्वा केंद्र सिकंदरपुर से प्रा स्वा केंद्र कोटवा ,डॉ सीपी पांडेय सामु स्वा केंद्र अगऊर (बांसडीह) से प्रा स्वा केंद्र
पंदह ।
क्या है मुख्य शिकायते और किन चिकित्सको के खिलाफ है गंभीर आरोप
डॉ केशव प्रसाद रतसड : 24 मई 2019 को सीएमओ बलिया द्वारा आकस्मिक निरीक्षण में अनुपस्थित पाये गये , यही नही यह भी पता चला कि ये विगत 10 दिनों से अस्पताल आये ही नही है । दवाओं के स्टॉक की चेकिंग की गई तो पाया गया कि स्टॉक में स्टॉक रजिस्टर से ज्यादे दवाएं है । यह कही न कही दवाओं के गलत जगह थोक में भेजने की तरफ इशारा कर रहा है । थोक में भेजकर ऐसा संभव है कि स्टॉक बाद में घटा दिया जाता । यह भी पाया गया कि ये शासन द्वारा निर्धारित अवधि से ज्यादे समय यानी 2014 से ही यहां कार्यरत है जो शासनादेशों के खिलाफ है । स्थानीय जनता ने भी शिकायत की । सबसे हैरान करने वाली बात कुत्तो के काटने पर लगाये जाने वाली एआरवी वैक्सीन का ज्यादे मात्रा में पाया जाना है ।
डॉ संजय वर्मा सोनवानी : स्वास्थ्य विभाग की सेवानिवृत कर्मचारी और कोल्ड चेन हैंडलर कलावती सिंह द्वारा अपने मानदेय का गबन का आरोप साक्ष्य के साथ इनके ऊपर लगाया गया जो सत्य पाया गया । यही नही इस महिला का आजतक न तो जीपीएफ , न तो एरियर , न तो बकाया डीए आदि देयकों का भुगतान कराने में इन्होंने दिलचस्पी दिखायी जबकि उपरोक्त महिला 2018 में ही सेवानिवृत हो गयी थी । साथ ही ये 2014 से ही सोनवानी में तैनात है । आवास के आवंटन में भी इनके द्वारा अनियमितता बरती गई है । सेवानिवृत एएनएम को पिछले लगभग तीन साल से दो दो आवास दिया गया है । आजतक इन आवासों को उमरावती पांडेय से खाली नही कराया गया है ।
डॉ इरशाद अहमद सहतवार : ये 2011 से ही सहतवार में तैनात है । सीएमओ बलिया के 19 मई 2019 के निरीक्षण में इनके ओपीडी कक्ष में प्राइवेट दवा कंपनियों के प्रचार वाले स्टिकर दीवार पर चिपके मिले, पम्पलेट भी पाये गये । इसके साथ ही प्राइवेट प्रैक्टिस की भी लोगो ने शिकायते की । वही अधीक्षक रेवती द्वारा भरी मीटिंग में इनकी शिकायत करते हुए कहा गया था कि ये न तो किसी राष्ट्रीय या प्रादेशिक कार्यक्रमो में सहयोग करते है , न ही मीटिंग में आते है ।
डॉ प्रेम प्रकाश बघूडी : 2014 से यहां तैनात , इनके द्वारा मरीजो के साथ दुर्व्यवहार करना , स्थानीय सामाजिक कार्यकर्त्ता राम पूजन पांडेय द्वारा इनके द्वारा अपने खिलाफ शिकायत करने पर अमर्यादित अपशब्दों को एनएचआरसी में हूं -बहु रूप में शिकायत पर एनएचआरसी ने सीएमओ बलिया को तत्काल कार्यवाई करने का निर्देश दिया है अभी यह मामला आयोग के पास लम्बित है । वही क्षेत्रीय विधायक संजय यादव ने भी इनको तत्काल स्थानांतरित करने के लिये सीएमओ बलिया को पत्र भेजा है ।
डॉ पुरेन्द्र कुमार कोटवा : 2006 से यही पर कार्यरत , सीएमओ बलिया के 22 मई 2019 के आकस्मिक निरीक्षण में न तो कोटवा मिले , न ही दूसरे तैनाती स्थल सोनवरसा । वही कोटवा में एएनएम से धन उगाही की शिकायतें और दवाओं के रख रखाव में घोर अनियमितता पायी गयी ।
डॉ सिद्धि रंजन बेरुआरबारी : 2014 से पोस्टेड ,सीएमओ बलिया के 31 मई 2019 के आकस्मिक निरीक्षण में अनुपस्थित पाये गये । यह भी पता चला कि ये हाजिरी रजिस्टर पर हस्ताक्षर भी नही करते है । वही स्टॉक रजिस्टर से अधिक दवाएं पायी गयी जो घोर अनियमितता है ।
डॉ सीबी पांडेय अगऊर बांसडीह : सीएमओ बलिया के निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाये गये । इनके एक्सपायरी दवाएं स्टॉक में पायी गयी , वही स्टॉक और दवाओं का मिलान नही हो पाया जो घोर अनियमितता है ।