लखनऊ : सीएम योगी ने प्रदेश व जनपद के सभी बड़े अधिकारियों संग की समीक्षा बैठक
सीएम योगी ने प्रदेश व जनपद के सभी बड़े अधिकारियों संग की समीक्षा बैठक
ए कुमार
लखनऊ 12 जून 2019 ।।
उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था और विकास परियोजनाओं को जमीनी स्तर पर उतारने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राजधानी लखनऊ में प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों के साथ समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने अधिकरियों से कहा है कि जनता से बेहतर संवाद बनाये ताकि संवेदनहीनता और संवादहीनता की स्थिति पैदा न हो। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था और विकास योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के सख्त निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव अनूपचंद्र पाण्डेय, डीजीपी ओपी सिंह भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में आए सभी जिले के जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को निर्देश दिया है कि वे सुबह 9 से 10 बजे तक जनता से जरूर मिलें। क्योंकि जनता से मुलाकात और बातचीत करने पर ही अधिकरियों को वास्तविकता का पता चल सकेगा। इसके साथ ही डीएम, एसडीएम, तहसीलदार, एसओ और अन्य अफसर अपने कार्यस्थल पर ही रात में रुकें औऱ लोगों से संवाद स्थापित करें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वह हर रोज निरीक्षण करने के लिए विद्यालयों, अस्पतालों व अलग-अलग ब्लॉक में जाएं और लोगों की शिकायतें सुनें। उन्होंने कहा है कि पुलिसकर्मी छोटे दिखने वाले अपराधों के प्रति भी संवेदनशील होकर काम करें। इस मौके पर उन्होंने लोकसभा चुनाव शांतिपूर्वक कराने के लिए अफसरों को बधाई दी। उन्होंने बंगाल का उदाहरण देकर कहा कि वहां चुनाव में काफी हिंसा हुई लेकिन यूपी में ऐसा कोई वाक्या नजर नहीं आया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गरीब की भाषा गलत हो सकती है, लेकिन भावना नहीं। योगी ने शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को भी जिलों में निरीक्षण करने का निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के सभी बड़े अफसर 15 से 20 जून तक जिलों का भ्रमण करेंगे और वास्तविकता से रूबरू होंगे। इसमें मुख्य सचिव समेत 45 वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम बनाई गई है, जो सूबे के हर जिले में जाकर विकास कार्यों का निरीक्षण करेगी। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद 21 जून से मंडलीय स्तरीय निरीक्षण के लिए निकलेंगे।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि सभी जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान अनिवार्य रूप से प्रतिदिन कम से कम एक घण्टे जनता से मिलें। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि समस्त जिलाधिकारियों एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से यह उम्मीद है कि वो जनता से बेहतर संवाद बनाये ताकि संवेदनहीनता और संवादहीनता की स्थिति पैदा न हो। साथ ही यह भी निर्देश दिए हैं कि सभी अधिकारी अपनी-अपनी रिपोर्ट 20 जून तक मुख्य सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री को सौपेंगे।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संबंधित जिले के जिलाधिकारी की है। चाहे वह प्रधानमंत्री आवास योजना, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत, मुद्रा लोन, स्टार्ट अप इंडिया, सौभाग्य योजना, शौचालय, उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं में तेजी लाएं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि अगर ग्रामीण क्षेत्रों में किसी लावारिश की मृत्यु होती है तो उसके अंतिम संस्कार के लिए जिले के डीएम ग्राम प्रधान निधि से पांच हजार रुपए देंगे, इसके साथ ही राशन के लिए दो हजार रुपए की सहायता भी दी जाएगी। इसी तरह शहरी क्षेत्र के लिए अलग से नई स्कीम लांच की जाएगी, जिससे लोगों को सहायता मिल सके।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिया है कि सूबे में जो 34 जनजातियां रहती हैं, उन्हें केंद्र और राज्य सरकार की सभी योजनाओं से आच्छादित किया जाए। इसकी जिम्मेदारी संबंधित जिले के डीएम की होगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि जिन जिलों में गौवंश की देखभाल के लिए गौशालाओं का निर्माण नहीं हुआ है, उन स्थानों पर गौशालाओं का निर्माण करवाया जाए, इन जगहों पर भूसा बैंक स्थापित किया जाए, जिससे गौवंशों को चारा मिल सके। सीएम ने निर्देश दिया है कि अवैध बूचड़खानों पर शिकंजा कसा जाए। इसी तरह भू-माफिया से सरकारी जमीन को मुक्त करवा कर वहां चरागाह व बच्चों के लिए प्ले ग्राउंड बनाया जाए।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को लेकर योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिया है कि इस योजना को प्रभावी ढंग से चलाए जाने के लिए खुद संज्ञान ले। साथ ही महिला आश्रय स्थलों का डीएम खुद निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि आईजीआरएस के जरिए जो शिकायतें मिल रही हैं, उनके निस्तारण के साथ साथ शिकायकर्ता के संतुष्टिकरण का भी ध्यान रखना होगा।
कन्या सुमंगला योजना को लेकर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि जिला स्तर पर सभी उपयुक्त विभागों से खुद डीएम समन्वय बनाएं, जिससे यह योजना सफल हो सके। नेशनल हाईवे और पैट्रोल पंपों पर जनसुविधा के लिए शौचालय का निर्माण कराए जाने के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि पुलिस थाने में प्रभारियों की नियुक्ति मैरिट के आधार पर हो, इसकी समीक्षा जिले के डीएम और पुलिस कप्तान स्वयं करें। उन्होंने फुट पैट्रोलिंग और यूपी 100 की सुविधा पर विशेष ध्यान दिया जाए। एंटी रोमियो स्क्वायड को और मजबूत किया जाए व हर अपराधी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। महिला कल्याण विभाग और पुलिस विभाग मिलकर स्कूलों में कार्यशाला आयोजित कर के बच्चों में जागरुकता लाएं। साइबर क्राइम को लेकर मुख्यमंत्री ने विशेष हिदायत दी है, उन्होंने कहा कि हर जिले में साइबर क्राइम सेल का गठन किया जाएगा।
ए कुमार
लखनऊ 12 जून 2019 ।।
उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था और विकास परियोजनाओं को जमीनी स्तर पर उतारने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राजधानी लखनऊ में प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों के साथ समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने अधिकरियों से कहा है कि जनता से बेहतर संवाद बनाये ताकि संवेदनहीनता और संवादहीनता की स्थिति पैदा न हो। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था और विकास योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के सख्त निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव अनूपचंद्र पाण्डेय, डीजीपी ओपी सिंह भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में आए सभी जिले के जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को निर्देश दिया है कि वे सुबह 9 से 10 बजे तक जनता से जरूर मिलें। क्योंकि जनता से मुलाकात और बातचीत करने पर ही अधिकरियों को वास्तविकता का पता चल सकेगा। इसके साथ ही डीएम, एसडीएम, तहसीलदार, एसओ और अन्य अफसर अपने कार्यस्थल पर ही रात में रुकें औऱ लोगों से संवाद स्थापित करें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वह हर रोज निरीक्षण करने के लिए विद्यालयों, अस्पतालों व अलग-अलग ब्लॉक में जाएं और लोगों की शिकायतें सुनें। उन्होंने कहा है कि पुलिसकर्मी छोटे दिखने वाले अपराधों के प्रति भी संवेदनशील होकर काम करें। इस मौके पर उन्होंने लोकसभा चुनाव शांतिपूर्वक कराने के लिए अफसरों को बधाई दी। उन्होंने बंगाल का उदाहरण देकर कहा कि वहां चुनाव में काफी हिंसा हुई लेकिन यूपी में ऐसा कोई वाक्या नजर नहीं आया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गरीब की भाषा गलत हो सकती है, लेकिन भावना नहीं। योगी ने शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को भी जिलों में निरीक्षण करने का निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के सभी बड़े अफसर 15 से 20 जून तक जिलों का भ्रमण करेंगे और वास्तविकता से रूबरू होंगे। इसमें मुख्य सचिव समेत 45 वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम बनाई गई है, जो सूबे के हर जिले में जाकर विकास कार्यों का निरीक्षण करेगी। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद 21 जून से मंडलीय स्तरीय निरीक्षण के लिए निकलेंगे।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि सभी जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान अनिवार्य रूप से प्रतिदिन कम से कम एक घण्टे जनता से मिलें। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि समस्त जिलाधिकारियों एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से यह उम्मीद है कि वो जनता से बेहतर संवाद बनाये ताकि संवेदनहीनता और संवादहीनता की स्थिति पैदा न हो। साथ ही यह भी निर्देश दिए हैं कि सभी अधिकारी अपनी-अपनी रिपोर्ट 20 जून तक मुख्य सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री को सौपेंगे।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संबंधित जिले के जिलाधिकारी की है। चाहे वह प्रधानमंत्री आवास योजना, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत, मुद्रा लोन, स्टार्ट अप इंडिया, सौभाग्य योजना, शौचालय, उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं में तेजी लाएं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि अगर ग्रामीण क्षेत्रों में किसी लावारिश की मृत्यु होती है तो उसके अंतिम संस्कार के लिए जिले के डीएम ग्राम प्रधान निधि से पांच हजार रुपए देंगे, इसके साथ ही राशन के लिए दो हजार रुपए की सहायता भी दी जाएगी। इसी तरह शहरी क्षेत्र के लिए अलग से नई स्कीम लांच की जाएगी, जिससे लोगों को सहायता मिल सके।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिया है कि सूबे में जो 34 जनजातियां रहती हैं, उन्हें केंद्र और राज्य सरकार की सभी योजनाओं से आच्छादित किया जाए। इसकी जिम्मेदारी संबंधित जिले के डीएम की होगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि जिन जिलों में गौवंश की देखभाल के लिए गौशालाओं का निर्माण नहीं हुआ है, उन स्थानों पर गौशालाओं का निर्माण करवाया जाए, इन जगहों पर भूसा बैंक स्थापित किया जाए, जिससे गौवंशों को चारा मिल सके। सीएम ने निर्देश दिया है कि अवैध बूचड़खानों पर शिकंजा कसा जाए। इसी तरह भू-माफिया से सरकारी जमीन को मुक्त करवा कर वहां चरागाह व बच्चों के लिए प्ले ग्राउंड बनाया जाए।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को लेकर योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिया है कि इस योजना को प्रभावी ढंग से चलाए जाने के लिए खुद संज्ञान ले। साथ ही महिला आश्रय स्थलों का डीएम खुद निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि आईजीआरएस के जरिए जो शिकायतें मिल रही हैं, उनके निस्तारण के साथ साथ शिकायकर्ता के संतुष्टिकरण का भी ध्यान रखना होगा।
कन्या सुमंगला योजना को लेकर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि जिला स्तर पर सभी उपयुक्त विभागों से खुद डीएम समन्वय बनाएं, जिससे यह योजना सफल हो सके। नेशनल हाईवे और पैट्रोल पंपों पर जनसुविधा के लिए शौचालय का निर्माण कराए जाने के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि पुलिस थाने में प्रभारियों की नियुक्ति मैरिट के आधार पर हो, इसकी समीक्षा जिले के डीएम और पुलिस कप्तान स्वयं करें। उन्होंने फुट पैट्रोलिंग और यूपी 100 की सुविधा पर विशेष ध्यान दिया जाए। एंटी रोमियो स्क्वायड को और मजबूत किया जाए व हर अपराधी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। महिला कल्याण विभाग और पुलिस विभाग मिलकर स्कूलों में कार्यशाला आयोजित कर के बच्चों में जागरुकता लाएं। साइबर क्राइम को लेकर मुख्यमंत्री ने विशेष हिदायत दी है, उन्होंने कहा कि हर जिले में साइबर क्राइम सेल का गठन किया जाएगा।