मनरेगा , इंदिरा आवास आवंटन में धोखाघड़ी के खेल का हुआ खुलासा , पूर्व प्रधान पूर्व सचिव एवं पूर्व तकनीकी सहायक के खिलाफ हुआ एफआईआर
मनरेगा , इंदिरा आवास आवंटन में धोखाघड़ी के खेल का हुआ खुलासा , पूर्व प्रधान पूर्व सचिव एवं पूर्व तकनीकी सहायक के खिलाफ हुआ एफआईआर
संतोष द्विवेदी
नगरा बलिया 29 जून 2019 ।।रसड़ा विकास खंड मे धोखाधड़ी व गबन का जिन्न सरकारी कर्मचारियों का पीछा छोडने का नाम ही नही ले रहा है। अभी कुछ दिन पूर्व जिले के नोडल अधिकारी सेंथिल पांडियन सी के निर्देश पर एसडीएम विपिन कुमार जैन द्वारा की गई जांच के बाद दर्ज हुई प्राथमिक व दो सचिवों की गिरफ्तारी की आग ठंढी भी नही हुई थी कि पुनः एक पूर्व सचिव , टीए व पूर्व ग्राम प्रधान पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। रसडा के बीडीओ अशोक कुमार की तहरीर पर शुक्रवार को देर रात नगरा पुलिस ने थाना क्षेत्र के चंद्रवार दुगौली ग्राम पंचायत की पूर्व प्रधान लीलावती देवी, पूर्व ग्राम पंचायत अधिकारी वीरेंद्र यादव व पूर्व तकनीकी सहायक सुरेंद्र प्रसाद के विरुद्ध धोखाधड़ी व गबन का मुक़दमा पंजीकृत किया है। अभियोग पंजीकृत होने के बाद पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु सक्रिय हो गई है। इन सभी आरोपियों पर अपने कार्यकाल के दौरान मनरेगा धनराशि मे गडबडी करने, इंदिरा आवास अपात्र लाभार्थियों को गलत तरीके से आवंटित करने व 1.31लाख रुपये का गबन करने का आरोप है। आरोपी ग्रामपंचायत अधिकारी वीरेंद्र यादव व तकनीकी सहायक सुरेंद्र प्रसाद वर्तमान समय मे पंदह ब्लाक मे तैनात हैं। बीडीओ की माने तो कुछ माह पूर्व डीएम के आदेश पर इस प्रकरण की कराई गई जांच मे गबन व धोखाधड़ी का खुलासा हुआ था। रसडा ब्लाक मे ताबड़तोड़ दर्ज हो रही गबन व धोखाधड़ी की प्राथमिक से अन्य ब्लाकों के कर्मचारियों मे भी दहशत का माहौल है। सबसे अधिक हड़कंप तो पडोसी विकास खंड नगरा मे देखा जा रहा है।
चंद्रवार दुगौली निवासी राजकुमार गुप्त ने जिलाधिकारी को शपथ पत्र के साथ शिकायती पत्र देकर पूर्व ग्राम प्रधान, पूर्व सचिव व तकनीकी सहायक पर इंदिरा आवास अपात्र को आवंटित करने व मनरेगा योजना मे गडबडी करने का आरोप लिया था। डीएम के निर्देश पर शिकायत की जांच हेतु मुख्य पशुचिकित्साधिकारी के नेतृत्व मे तीन सदस्सीय समिति गठित की गई थी। समिति मे मुख्य पशुचिकित्साधिकारी के अलावा श्यामबिहारी मिश्र सहायक अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग व सुशील कुमार सिंह यादव अवर अभियंता जिला पंचायत को नामित किया गया था। जांच समिति ने पूर्व ग्राम प्रधान, पूर्व ग्राम पंचायत अधिकारी व तकनीकी सहायक को मनरेगा योजना मे गडबडी व अपात्रों को इंदिरा आवास आवंटित करने का दोषी पाया था। जांच समिति ने पाया था कि ऐसे भी नाम से इंदिरा आवास आवंटित किया गया है जो उस गांव मे हैं ही नही।