प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव की संसद को किया संबोधित, आतंकवाद पर जताई चिंता
प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव की संसद को किया संबोधित, आतंकवाद पर जताई चिंता
मालदीव 8 जून 2019 ।।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज मालदीव की संसद मजलिस को संबोधित किया। मालदीव की संसद में पीएम ने कहा कि मालदीव में लोकतंंत्र की मजबूती के लिए भारत और हर भारतीय आपके साथ था और साथ रहेगा। मेरी सरकार का मूलमंत्र सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास है। यह सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विश्व में मेरी सरकार की विदेश नीति का यही आधार है। पड़ोसी हमारी प्राथमिकता हैं और इसमें मालदीव की प्राथमिकता स्वाभाविक है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज ऐसी कोई जगह नहीं है, जहा आतंकवाद अपना भयानक रूप दिखाकर किसी निर्दोष की जान ना ले। उनके ना अपने बैंक हैं, ना संस्था और ना फैक्ट्री। फिर भी उन्हें धन और हथियारों की कमी नहीं होती। उन्हें ये कौन देता है। आतंकवाद की स्टेट स्पॉन्सरशिप सबसे बड़ा खतरा है। लोग अभी भी गुड टेररिज्म और बैड टेररिज्म का भेद करने की गलती कर रहे हैं। आतंकवाद की चुनौती से भली प्रकार से निपटने के लिए सभी मानवतावादी शक्तियों का एकजुट होना जरूरी है।
पीएम मोदी ने कहा कि इससे निपटना विश्व के नेतृत्व की सबसे बड़ी चुनौती है जिस तरह विश्व समुदाय ने पर्यावरण के खतरे पर विश्वव्यापी सम्मेलन किए, वैसे आतंकवाद के विषय में क्यों नहीं हो सकते। मैं सभी प्रमुख देशों से अपेक्षा करूंगा कि एक समयसीमा के भीतर आतंकवाद पर ग्लोबल कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाए।
मालदीव 8 जून 2019 ।।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज मालदीव की संसद मजलिस को संबोधित किया। मालदीव की संसद में पीएम ने कहा कि मालदीव में लोकतंंत्र की मजबूती के लिए भारत और हर भारतीय आपके साथ था और साथ रहेगा। मेरी सरकार का मूलमंत्र सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास है। यह सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विश्व में मेरी सरकार की विदेश नीति का यही आधार है। पड़ोसी हमारी प्राथमिकता हैं और इसमें मालदीव की प्राथमिकता स्वाभाविक है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज ऐसी कोई जगह नहीं है, जहा आतंकवाद अपना भयानक रूप दिखाकर किसी निर्दोष की जान ना ले। उनके ना अपने बैंक हैं, ना संस्था और ना फैक्ट्री। फिर भी उन्हें धन और हथियारों की कमी नहीं होती। उन्हें ये कौन देता है। आतंकवाद की स्टेट स्पॉन्सरशिप सबसे बड़ा खतरा है। लोग अभी भी गुड टेररिज्म और बैड टेररिज्म का भेद करने की गलती कर रहे हैं। आतंकवाद की चुनौती से भली प्रकार से निपटने के लिए सभी मानवतावादी शक्तियों का एकजुट होना जरूरी है।
पीएम मोदी ने कहा कि इससे निपटना विश्व के नेतृत्व की सबसे बड़ी चुनौती है जिस तरह विश्व समुदाय ने पर्यावरण के खतरे पर विश्वव्यापी सम्मेलन किए, वैसे आतंकवाद के विषय में क्यों नहीं हो सकते। मैं सभी प्रमुख देशों से अपेक्षा करूंगा कि एक समयसीमा के भीतर आतंकवाद पर ग्लोबल कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाए।