बलिया : चेयरमैन सभासदों की नूराकुश्ती में ईओ जेई नपे , अब क्या एकाउंटेंट और आर्यन ग्रुप की है बारी ?
बलिया : चेयरमैन सभासदों की नूराकुश्ती में ईओ जेई नपे , अब क्या एकाउंटेंट और आर्यन ग्रुप की है बारी ?
बलिया 1 जुलाई 2019 ।। पिछले 1 साल से बलिया नगर पालिका परिषद के चेयरमैन और सभासदों के बीच नूराकुश्ती में लोमड़ी की तरह शासनादेशों को ताक पर रखकर अवैध कमाई करने के लिये सभासदों के निशाने पर रहने वाले ईओ डीके विश्वकर्मा आखिर नप ही गये । इनके साथ अवर अभियंता मनोज सोनकर को भी खामियाजा भुगतना पड़ा है । सभासदों का आरोप है कि चेयरमैन की तानाशाही को समर्थन करके लोकतांत्रिक नियमो और बोर्ड को कमजोर करने में ईओ डीके विश्वकर्मा का महत्वपूर्ण योगदान है । वही सरकारी धन की रखवाली करने वाले एकाउंटेंट अचिन्त्य कुमार का भी कम रोल नही है । इस वित्तीय वर्ष यानी 2019-20 का बजट/प्रस्ताव बोर्ड द्वारा पारित न होने पर भी ईओ चेयरमैन के कहने मात्र से करोड़ो रूपये के भुगतान के चेक बनाना कही न कही एकाउंटेंट के भी चेयरमैन और ईओ के साथ मिलीभगत को दर्शाता है । अगर मिलीभगत नही होता तो एकाउंटेंट भुगतान की फाइल्स में बोर्ड द्वारा प्रस्ताव पारित न होने के कारण भुगतान नही किया जा सकता है , की नोटिंग जरूर लगाते , परंतु एकाउंटेंट ने ऐसा कत्तई नही किया है जो इनके दामन को दागदार साबित करने के लिये काफी है । अब देखना है कि पिछले 1 साल से अधिक समय से बिना तय नियमो और मानकों के काम कराकर भुगतान करने वाली ईओ जेई की जोड़ी के बाद एकाउंटेंट पर भी शासन का डंडा चलता है ?
आर्यन ग्रुप पर भी लटक रही है तलवार
मात्र 11 वार्डो की साफ सफाई के लिये और 25 वार्डो में कूड़ा कलेक्शन के एवज में प्रतिमाह लगभग 35 लाख की भारी भरकम सरकारी धनराशि लेने वाले आर्यन ग्रुप के ऊपर भी ईओ के स्थानांतरण के बाद तलवार लटक गयी है । सूत्रों की माने तो इसके खिलाफ की गई शिकायतों की जांच करने वाले दो बड़े प्रशासनिक अधिकारियों ने बहुत ही कड़ी टिप्पड़ी करते हुए इसके एग्रीमेंट को खत्म करने का सुझाव दिया है ।इस रिपोर्ट के बाद अपनी ऊंची पहुंच के बल पर इस कम्पनी ने इस रिपोर्ट पर होने वाली कार्यवाई को सम्भवतः रुकवाया हुआ है । लेकिन योगी सरकार में ऐसी फाइलें ज्यादे देर तक पेंडिंग नही रहती है । लगता है ईओ जेई के बाद एकाउंटेंट और आर्यन ग्रुप भी नपने वाले है ।
बलिया 1 जुलाई 2019 ।। पिछले 1 साल से बलिया नगर पालिका परिषद के चेयरमैन और सभासदों के बीच नूराकुश्ती में लोमड़ी की तरह शासनादेशों को ताक पर रखकर अवैध कमाई करने के लिये सभासदों के निशाने पर रहने वाले ईओ डीके विश्वकर्मा आखिर नप ही गये । इनके साथ अवर अभियंता मनोज सोनकर को भी खामियाजा भुगतना पड़ा है । सभासदों का आरोप है कि चेयरमैन की तानाशाही को समर्थन करके लोकतांत्रिक नियमो और बोर्ड को कमजोर करने में ईओ डीके विश्वकर्मा का महत्वपूर्ण योगदान है । वही सरकारी धन की रखवाली करने वाले एकाउंटेंट अचिन्त्य कुमार का भी कम रोल नही है । इस वित्तीय वर्ष यानी 2019-20 का बजट/प्रस्ताव बोर्ड द्वारा पारित न होने पर भी ईओ चेयरमैन के कहने मात्र से करोड़ो रूपये के भुगतान के चेक बनाना कही न कही एकाउंटेंट के भी चेयरमैन और ईओ के साथ मिलीभगत को दर्शाता है । अगर मिलीभगत नही होता तो एकाउंटेंट भुगतान की फाइल्स में बोर्ड द्वारा प्रस्ताव पारित न होने के कारण भुगतान नही किया जा सकता है , की नोटिंग जरूर लगाते , परंतु एकाउंटेंट ने ऐसा कत्तई नही किया है जो इनके दामन को दागदार साबित करने के लिये काफी है । अब देखना है कि पिछले 1 साल से अधिक समय से बिना तय नियमो और मानकों के काम कराकर भुगतान करने वाली ईओ जेई की जोड़ी के बाद एकाउंटेंट पर भी शासन का डंडा चलता है ?
आर्यन ग्रुप पर भी लटक रही है तलवार
मात्र 11 वार्डो की साफ सफाई के लिये और 25 वार्डो में कूड़ा कलेक्शन के एवज में प्रतिमाह लगभग 35 लाख की भारी भरकम सरकारी धनराशि लेने वाले आर्यन ग्रुप के ऊपर भी ईओ के स्थानांतरण के बाद तलवार लटक गयी है । सूत्रों की माने तो इसके खिलाफ की गई शिकायतों की जांच करने वाले दो बड़े प्रशासनिक अधिकारियों ने बहुत ही कड़ी टिप्पड़ी करते हुए इसके एग्रीमेंट को खत्म करने का सुझाव दिया है ।इस रिपोर्ट के बाद अपनी ऊंची पहुंच के बल पर इस कम्पनी ने इस रिपोर्ट पर होने वाली कार्यवाई को सम्भवतः रुकवाया हुआ है । लेकिन योगी सरकार में ऐसी फाइलें ज्यादे देर तक पेंडिंग नही रहती है । लगता है ईओ जेई के बाद एकाउंटेंट और आर्यन ग्रुप भी नपने वाले है ।