नगरा बलिया : छुट्टा बछड़ो का कब्रिस्तान बना गौ संरक्षण केंद्र रघुनाथपुर (नगरा बलिया) ,क्या बचाने की जगह मारने के लिये खुले है यह संरक्षण केंद्र ? 136 बछड़ो में अब एक भी नही है मौजूद
छुट्टा बछड़ो का कब्रिस्तान बना गौ संरक्षण केंद्र रघुनाथपुर (नगरा बलिया) ,क्या बचाने की जगह मारने के लिये खुले है यह संरक्षण केंद्र ? 136 बछड़ो में अब एक भी नही है मौजूद
संतोष द्विवेदी की स्पेशल रिपोर्ट
नगरा बलिया 4 अक्टूबर 2019 ।। अहिंसा परमो धर्म: को अपने जीवन का सूत्र/लक्ष्य वाक्य बनाने वाले बापू की 150 वी जयंती धूम धाम से मनाने वाले , गौ वंश और गायों को माता के रूप में सर्वदा पूजने वाले , गोरखनाथ पीठ के पीठाधीश्वर व प्रदेश सरकार के मुखिया सीएम योगी ने जब गोवंशों के संरक्षण की घोषणा की थी तो हर हिन्दू का सीना गर्व से चौड़ा हो गया था । कारण कि जहां सीएम योगी ने गो तस्करी पर सख्ती के साथ रोक लगायी थी , तो वही किसानों की फसलों को आवारा/छुट्टा घूमने वाले बछड़ो से होने वाले नुकसान को रोकने के लिये गो संरक्षण केंद्रों की स्थापना भी करा दी थी । बड़े ही जोरशोर से इन केंद्रों पर छुट्टा बछड़ो को पकड़कर पहुंचा भी दिया गया । मंत्री गणों से लेकर तमाम प्रशासनिक उच्चाधिकारियों ने वहां का निरीक्षण/ दौरा करके खूब फोटो खिंचवाये और अपने आप को सीएम योगी की नजर में सबसे बड़ा गौ सेवक बनने की होड़ में लगे रहे । पर दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि गो पालक सीएम के राज में वो हो गया जो किसी को सपने में भी उम्मीद नही थी । बागी बलिया के गो संरक्षण केंद्र रघुनाथपुर नगरा बलिया के जिम्मेदारों ने धन लोलुपता में वो कर दिया जो सीएम योगी ने सपने में भी नही सोचा था । जिस गो संरक्षण केंद्र में कभी 146 बछड़े आकर दुत्कार और दरदर भोजन के लिये भटकने के अभिशप्त जीवन से मुक्ति देने के लिये सीएम योगी को न जाने कितनी दुआएं दी होंगी परन्तु जब आज एक साल भी नही हुए और यह गो संरक्षण केंद्र , आज संरक्षण की जगह यह केंद्र गो वंश का कब्रगाह बन गया है । आज इस केंद्र में एक भी बछड़े अब नही है । अब तो लोगो मे यह चर्चा
भी होने लगी है कि क्या ये केंद्र बछड़ो की कब्रगाह के लिये खुले है ?
यह दर्शाता है कि सीएम योगी की सरकार द्वारा बनाए गए गौ संरक्षण केंद्र में रखे गए छुट्टा पशुओं के प्रति जिला प्रशासन कितना गंभीर है। यह नगरा क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव स्थित गौ संरक्षण केंद्र में देखने को मिल रहा है, जहा प्रशासनिक उदासीनता के चलते आज एक भी छुट्टा बछड़े नहीं बचे है। नगरा रसड़ा मार्ग पर लबे सड़क फेके गए इन मृत बछड़ों के शव के सडांध से राहगीरों का चलना मुश्किल हो गया है। विकास खंड नगरा के जिम्मेदार अधिकारी इस मामले पर मुंह खोलने से कतरा रहे है।
प्रदेश सरकार किसानों के फसलों के नुकसान को देखते हुए प्रदेश के प्रत्येक ब्लाकों में गौ संरक्षण केंद्र बनाने का निर्णय लिया। विकास खंड नगरा के रघुनाथपुर गांव में अफसरों के संज्ञान में लाखो रुपए खर्च कर गौ संरक्षण केंद्र का निर्माण कराया गया और नगरा विकास खंड पर अस्थाई तौर पर बने गौ संरक्षण केंद्र से 136 छुट्टा बछड़े रघुनाथपुर स्थित गौ संरक्षण केंद्र में अफसरों ने भेज दिया। इसके अलावे आसपास के ग्रामीणों ने भी डेढ़ दर्जन से ऊपर बछड़े गौ संरक्षण केंद्र भेज दिए। अब इस गौ संरक्षण केंद्र में एक भी छुट्टा बछड़े मौजूद नहीं है। ग्रामीणों की माने तो एक सप्ताह के अंदर एक दर्जन बछड़े चारे एवं रख रखाव के अभाव में दम तोड चुके है, जिन्हें रसड़ा नगरा मार्ग पर पटरियों के किनारे ले जाकर फेक दिया गया है। इस मार्ग पर मृत बछड़ों के शवों के निकल रहे बदबू से राहगीरों का चलना दुश्वार है। माह जून में नगरा ब्लाक के अस्थाई केंद्र से बछड़ों के मरने का सिलसिला शुरू हुआ, वो माह सितम्बर तक जारी रहा।आज स्थिति यह आ गई है कि इस पशु आश्रय गृह में एक भी छुट्टा बछड़ा नहीं है। रघुनाथपुर ग्रामपंचायत के सचिव राम सहाय ने पूछने पर बताया कि गौ संरक्षण केंद्र में 43 बछड़े थे। जिन्हें दूसरे गांव में सुरक्षित स्थान पर हटा दिया गया है। नगरा रसड़ा मार्ग पर सड़क पर मरे बछड़े वाहन की चपेट में आकर मरे है। सचिव यह बताने में असमर्थ रहा कि बछड़े किस सुरक्षित स्थान पर भेजे गए है।
संतोष द्विवेदी की स्पेशल रिपोर्ट
नगरा बलिया 4 अक्टूबर 2019 ।। अहिंसा परमो धर्म: को अपने जीवन का सूत्र/लक्ष्य वाक्य बनाने वाले बापू की 150 वी जयंती धूम धाम से मनाने वाले , गौ वंश और गायों को माता के रूप में सर्वदा पूजने वाले , गोरखनाथ पीठ के पीठाधीश्वर व प्रदेश सरकार के मुखिया सीएम योगी ने जब गोवंशों के संरक्षण की घोषणा की थी तो हर हिन्दू का सीना गर्व से चौड़ा हो गया था । कारण कि जहां सीएम योगी ने गो तस्करी पर सख्ती के साथ रोक लगायी थी , तो वही किसानों की फसलों को आवारा/छुट्टा घूमने वाले बछड़ो से होने वाले नुकसान को रोकने के लिये गो संरक्षण केंद्रों की स्थापना भी करा दी थी । बड़े ही जोरशोर से इन केंद्रों पर छुट्टा बछड़ो को पकड़कर पहुंचा भी दिया गया । मंत्री गणों से लेकर तमाम प्रशासनिक उच्चाधिकारियों ने वहां का निरीक्षण/ दौरा करके खूब फोटो खिंचवाये और अपने आप को सीएम योगी की नजर में सबसे बड़ा गौ सेवक बनने की होड़ में लगे रहे । पर दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि गो पालक सीएम के राज में वो हो गया जो किसी को सपने में भी उम्मीद नही थी । बागी बलिया के गो संरक्षण केंद्र रघुनाथपुर नगरा बलिया के जिम्मेदारों ने धन लोलुपता में वो कर दिया जो सीएम योगी ने सपने में भी नही सोचा था । जिस गो संरक्षण केंद्र में कभी 146 बछड़े आकर दुत्कार और दरदर भोजन के लिये भटकने के अभिशप्त जीवन से मुक्ति देने के लिये सीएम योगी को न जाने कितनी दुआएं दी होंगी परन्तु जब आज एक साल भी नही हुए और यह गो संरक्षण केंद्र , आज संरक्षण की जगह यह केंद्र गो वंश का कब्रगाह बन गया है । आज इस केंद्र में एक भी बछड़े अब नही है । अब तो लोगो मे यह चर्चा
भी होने लगी है कि क्या ये केंद्र बछड़ो की कब्रगाह के लिये खुले है ?
यह दर्शाता है कि सीएम योगी की सरकार द्वारा बनाए गए गौ संरक्षण केंद्र में रखे गए छुट्टा पशुओं के प्रति जिला प्रशासन कितना गंभीर है। यह नगरा क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव स्थित गौ संरक्षण केंद्र में देखने को मिल रहा है, जहा प्रशासनिक उदासीनता के चलते आज एक भी छुट्टा बछड़े नहीं बचे है। नगरा रसड़ा मार्ग पर लबे सड़क फेके गए इन मृत बछड़ों के शव के सडांध से राहगीरों का चलना मुश्किल हो गया है। विकास खंड नगरा के जिम्मेदार अधिकारी इस मामले पर मुंह खोलने से कतरा रहे है।
प्रदेश सरकार किसानों के फसलों के नुकसान को देखते हुए प्रदेश के प्रत्येक ब्लाकों में गौ संरक्षण केंद्र बनाने का निर्णय लिया। विकास खंड नगरा के रघुनाथपुर गांव में अफसरों के संज्ञान में लाखो रुपए खर्च कर गौ संरक्षण केंद्र का निर्माण कराया गया और नगरा विकास खंड पर अस्थाई तौर पर बने गौ संरक्षण केंद्र से 136 छुट्टा बछड़े रघुनाथपुर स्थित गौ संरक्षण केंद्र में अफसरों ने भेज दिया। इसके अलावे आसपास के ग्रामीणों ने भी डेढ़ दर्जन से ऊपर बछड़े गौ संरक्षण केंद्र भेज दिए। अब इस गौ संरक्षण केंद्र में एक भी छुट्टा बछड़े मौजूद नहीं है। ग्रामीणों की माने तो एक सप्ताह के अंदर एक दर्जन बछड़े चारे एवं रख रखाव के अभाव में दम तोड चुके है, जिन्हें रसड़ा नगरा मार्ग पर पटरियों के किनारे ले जाकर फेक दिया गया है। इस मार्ग पर मृत बछड़ों के शवों के निकल रहे बदबू से राहगीरों का चलना दुश्वार है। माह जून में नगरा ब्लाक के अस्थाई केंद्र से बछड़ों के मरने का सिलसिला शुरू हुआ, वो माह सितम्बर तक जारी रहा।आज स्थिति यह आ गई है कि इस पशु आश्रय गृह में एक भी छुट्टा बछड़ा नहीं है। रघुनाथपुर ग्रामपंचायत के सचिव राम सहाय ने पूछने पर बताया कि गौ संरक्षण केंद्र में 43 बछड़े थे। जिन्हें दूसरे गांव में सुरक्षित स्थान पर हटा दिया गया है। नगरा रसड़ा मार्ग पर सड़क पर मरे बछड़े वाहन की चपेट में आकर मरे है। सचिव यह बताने में असमर्थ रहा कि बछड़े किस सुरक्षित स्थान पर भेजे गए है।