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बलिया : आस्था का एक ऐसा केंद्र जहां हजारो भक्तो ने किया कई कुंतल काजू बादाम किशमिश छोहाड़ा से हवन , जाने वो कौन है धाम ?

बलिया : आस्था का एक ऐसा केंद्र जहां हजारो भक्तो ने किया कई कुंतल काजू किशमिश बादाम छोहाड़ा से हवन , जाने वो कौन है धाम ?
मधुसूदन सिंह











बलिया 23 अक्टूबर 2019 ।। आस्था, विश्वास और समर्पण का अद्भुत नजारा सोमवार को जनपद के सुप्रसिद्ध माधव ब्रह्म धाम चितबड़ागांव में देखने को मिला । जहां बाबा के भक्तों ने गुरुदेव भरत उपाध्याय के नेतृत्व में हवन सामग्री की जगह काजू किशमिश मेवा से हवन कर अपने आराध्य माधव ब्रह्मबाबा प्राकट्य दिवस(जन्मदिन)धूमधाम से मनाया । बता दे कि विगत 15 वर्षों से प्रतिवर्ष तीन दिन 19 से 21अक्टूबर तक बाबा के जन्मोत्सव समारोह में लाखों भक्तो ने सहभागिता कर जहां बाबा के द्वारा दिये गये आशीष के लिये कृतज्ञता ज्ञापित की , वही नये भक्तो ने अपनी अपनी खाली झोलियो को फैलाकर बाबा से भरने की अर्जी लगायी ।
    बाबा के जन्मोत्सव के पूर्व 19 अक्टूबर को अखंड हरिकीर्तन की शुरुआत हुई और भक्तो ने फूलो से अपने आराध्य माधव ब्रह्मबाबा का श्रृंगार किया । 20 अक्टूबर की संध्या तो मानो धरती पर सितारों की झलक दिखाने वाली थी । इस दिन गुरुवर भरत उपाध्याय के नेतृत्व में इफ्को के निदेशक (नईदिल्ली) राजकुमार त्रिपाठी  द्वारा दीप प्रज्वलित कर प्राकट्य दिवस की पूर्व संध्या पर दीपोत्सव की शुरुआत करते ही लाखो दीपको के प्रकाश से माधव धाम ऐसे जगमगाने लगा मानो धरती पर सितारों के साथ स्वर्ग उतर आया हो । देर रात तक भक्त दीपक जलाकर बाबा से अपने सांसारिक जीवन के अंधकार को दूर कर प्रकाश फैलाने की दुआ मांगते दिखे । रात में एक बृहद भंडारे का भी आयोजन किया गया जिसमें माधव धाम पर बाबा के जन्मोत्सव की पहली छटा देखने के लिये कल्पवास कर रहे हजारो भक्तो ने ग्रहण किया ।






     तीसरे दिन यानी 21 अक्टूबर को बाबा के प्राकट्य दिवस पर तो मानो आस्था का जन सैलाब ही उमड़ पड़ा हो । क्या यूपी, क्या बिहार , क्या बंगाल, क्या नेपाल, क्या दिल्ली, क्या एमपी , क्या छत्तीसगढ़ झारखंड, क्या राजस्थान हरियाण, क्या आसाम , क्या महाराष्ट्र ऐसा कोई प्रदेश नही था जहां से भक्तो का जन समूह न आया हो । 21 अक्टूबर की सुबह आठ बजे से अखंड हरिकीर्तन की पूर्णाहुति के बाद हवन शुरू हुआ । गुरुवर भरत उपाध्याय की अगुवाई में हजारों भक्तो ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हजारो वेदियों के द्वारा हवन कर बाबा के प्रति अपनी आस्था को दर्शाया । इस हवन की सबसे बड़ी विशेषता काजू किशमिश बादाम से होना है । बता दे कि इस वर्ष लगभग साढ़े तीन कुंतल काजू बादाम किशमिश छोहाड़ा के साथ 11 कुंतल हवन सामग्रियों से भक्तो द्वारा हवन किया गया । गुरुवर भरत उपाध्याय की माने तो स्थानीय पर्यावरण को स्वच्छ करने के लिये बाबा की प्रेरणा से और भक्तो के सहयोग से किया गया है । हवन के बाद बृहद भंडारे की शुरुआत की गई जो रात 11 बजे तक चलता रहा , वही लोकगीत के सुप्रसिद्ध कलाकारों द्वारा लोकगीत गायक हरेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक शानदार भजन संध्या का आयोजन किया गया जिसको सुनकर श्रोतागण भक्ति के सागर में गोता लगाते रहे ।

प्रशासनिक उपेक्षा से सड़के  हालत में
  जिस स्थान के प्रति लाखो लोगो की आस्था जुड़ी हो , उस स्थान तक पहुंचने वाले अगर पहुंच मार्ग अगर जर्जर हालत में हो और उसकी कोई सुद्धि लेने वाला न हो तो इसको प्रशासनिक उपेक्षा नही तो क्या कहेंगे । जबकि प्रदेश सरकार के मंत्री उपेंद्र तिवारी प्रत्येक वर्ष इस समारोह में इन्ही टूटी हुई सड़को के माध्यम से अपने लाव लश्कर के साथ आकर श्रमदान के रूप में भंडारे में भोजन भी परोसते है । इसके बावजूद भी अगर सड़क पर जिला प्रशासन की नजर नही पड़ती है , तो भक्तो का कहना था कि चाहे कोई देखे या न देखे बाबा देख रहे है? बाबा जब उपेक्षा की सीमा समाप्त हो जाएगी तो कुछ ऐसा कर देंगे कि स्वयं लोग सड़क बनाने की गुहार लगाते हुए बाबा के दरबार मे घुटने टेकने को मजबूर हो जाएंगे ।