लखनऊ : सतत विकास पर चर्चा से गायब रहकर बेनकाब हुआ विपक्ष , विपक्ष का गांधी जी के दर्शन और गरीबों की बेहतरी से सरोकार नहीं ,कांग्रेस, सपा और बसपा के लिए सत्ता सिर्फ लूट का जरिया : मुख्यमंत्री योगी
सतत विकास पर चर्चा से गायब रहकर बेनकाब हुआ विपक्ष , विपक्ष का गांधी जी के दर्शन और गरीबों की बेहतरी से सरोकार नहीं ,कांग्रेस, सपा और बसपा के लिए सत्ता सिर्फ लूट का जरिया : मुख्यमंत्री योगी
ए कुमार
लखनऊ 3 अक्टूबर, 2019 ।। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज विपक्ष बेनकाब हो गया। सदन में सतत विकास और गरीबों की बेहतरी पर ऐतिहासिक चर्चा हो रही है। इससे गायब रहकर उसने साबित कर दिया कि उसका न तो गांधीजी के दर्शन से कोई सरोकार है न गरीबों की खुशहाली से। उसे सिर्फ सत्ता से प्यार है। कांग्रेस, सपा और बसपा के लिए सत्ता सेवा का नहीं लूट-खसोट का जरिया है। हमारी सोच ठीक इसके उलट है। हम सबके विकास के लिए काम कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानमंडल के लगातार 36 घंटे तक चलने वाले विशेष सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को विधान परिषद में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का विस्तृत ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि यह मेरा है यह पराया है, ये सोच छोटे चरित्र वाले लोग रखते हैं, बड़े चरित्र वालों के लिए दुनिया ही परिवार है। दुनिया से गरीबी, भुखमरी, बेगारी को खत्म करने के लिए जो लक्ष्य तय किए हैं हमें उनपर काम करना है। इन्हीं लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 2030 विजन बनाया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए बड़ा कदम उठाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी जी ने देश में नई जान फूंकने का काम किया था। गांधी जी की प्रेरणा से देश 1947 में आजाद हुआ था। विपक्ष महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर आयोजित विशेष सत्र का बहिष्कार कर रहा है। ये वो लोग हैं जिनकी लोकतांत्रिक मूल्यों और महात्मा गांधी की विचारधारा में कोई आस्था नहीं है। हमने विशेष सत्र के लिए विपक्षी नेताओं के साथ भी बात की थी, लेकिन विपक्षी इस पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आए। ये लोग व्यवधान पैदा करना अपना जन्मसिद्ध अधिकारी मानते हैं। विपक्ष के लिए सत्ता लोक कल्याण का माध्यम नहीं हैं। हम किसी दल की खुशी के लिए नहीं बल्कि प्रदेश की 23 करोड़ जनता की खुशी के लिए काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साल 2024 तक भारत को पांच हजार अरब (ट्रिलियन) डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लिया है। इसे पूरा करने की जिम्मेदारी पूरे देश की है। उत्तर प्रदेश भी एक हजार अरब डॉलर का योगदान करेगा। हर जिले की अपनी जीडीपी होगी। इस दिशा में हम काम कर रहे हैं। आजादी के बाद यूपी में कई ऐसी जगह थी जहां मूलभूत सुविधाएं नहीं थी। पिछली सरकारों में लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए भटकते थे। प्रदेश में 54 बस्तियां ऐसी थीं जहां सड़क, शिक्षा, पानी, बिजली, स्वास्थ्य की व्यवस्था नहीं थी। शासन की किसी भी योजना का लाभ उन लोगों को नहीं मिलता था। उन्हें व्यवस्था का हिस्सा बनने का मौका नहीं मिला। हमारी सरकार ने उन वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा देकर उन्हें ये तमाम सुविधाएं दी ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से सरकार ने लोगों के जीवन स्तर को उठाने का काम किया है। पिछली सरकारों में खाद्यान्न निकलता था लेकिन लाभार्थी तक नहीं पहुंचता था। हमारी सरकार में 3.55 करोड़ परिवारों को गेंहू और चावल मिलना शुरू हुआ। आज टेक्नोलॉजी से कोई खाद्यान्न की चोरी नहीं कर सकता। इसी का नतीजा है कि आज 700 करोड़ की सरकार को बचत हुई है। हमारे पास आज इतना खाद्यान्न है कि तीन वर्ष तक जनता का पेट भर सकते हैं। 2016 में गेंहू का 900 से 1000 प्रति कुंतल दाम हुआ करता था, आज 2019 में 1860 प्रति कुंतल का दाम किसान के खाते में भेजा जा रहा है। उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसने सुपोषण मेले के जरिए कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष अभियान चलाया है। इसके अलावा उन्होंने किसानों से खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य से ज्यादा देने, बंद चीनी मिलों को फिर से शुरू करने समेत तमाम अन्य उपलब्धियां गिनाईं।
ए कुमार
लखनऊ 3 अक्टूबर, 2019 ।। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज विपक्ष बेनकाब हो गया। सदन में सतत विकास और गरीबों की बेहतरी पर ऐतिहासिक चर्चा हो रही है। इससे गायब रहकर उसने साबित कर दिया कि उसका न तो गांधीजी के दर्शन से कोई सरोकार है न गरीबों की खुशहाली से। उसे सिर्फ सत्ता से प्यार है। कांग्रेस, सपा और बसपा के लिए सत्ता सेवा का नहीं लूट-खसोट का जरिया है। हमारी सोच ठीक इसके उलट है। हम सबके विकास के लिए काम कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानमंडल के लगातार 36 घंटे तक चलने वाले विशेष सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को विधान परिषद में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का विस्तृत ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि यह मेरा है यह पराया है, ये सोच छोटे चरित्र वाले लोग रखते हैं, बड़े चरित्र वालों के लिए दुनिया ही परिवार है। दुनिया से गरीबी, भुखमरी, बेगारी को खत्म करने के लिए जो लक्ष्य तय किए हैं हमें उनपर काम करना है। इन्हीं लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 2030 विजन बनाया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए बड़ा कदम उठाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी जी ने देश में नई जान फूंकने का काम किया था। गांधी जी की प्रेरणा से देश 1947 में आजाद हुआ था। विपक्ष महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर आयोजित विशेष सत्र का बहिष्कार कर रहा है। ये वो लोग हैं जिनकी लोकतांत्रिक मूल्यों और महात्मा गांधी की विचारधारा में कोई आस्था नहीं है। हमने विशेष सत्र के लिए विपक्षी नेताओं के साथ भी बात की थी, लेकिन विपक्षी इस पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आए। ये लोग व्यवधान पैदा करना अपना जन्मसिद्ध अधिकारी मानते हैं। विपक्ष के लिए सत्ता लोक कल्याण का माध्यम नहीं हैं। हम किसी दल की खुशी के लिए नहीं बल्कि प्रदेश की 23 करोड़ जनता की खुशी के लिए काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साल 2024 तक भारत को पांच हजार अरब (ट्रिलियन) डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लिया है। इसे पूरा करने की जिम्मेदारी पूरे देश की है। उत्तर प्रदेश भी एक हजार अरब डॉलर का योगदान करेगा। हर जिले की अपनी जीडीपी होगी। इस दिशा में हम काम कर रहे हैं। आजादी के बाद यूपी में कई ऐसी जगह थी जहां मूलभूत सुविधाएं नहीं थी। पिछली सरकारों में लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए भटकते थे। प्रदेश में 54 बस्तियां ऐसी थीं जहां सड़क, शिक्षा, पानी, बिजली, स्वास्थ्य की व्यवस्था नहीं थी। शासन की किसी भी योजना का लाभ उन लोगों को नहीं मिलता था। उन्हें व्यवस्था का हिस्सा बनने का मौका नहीं मिला। हमारी सरकार ने उन वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा देकर उन्हें ये तमाम सुविधाएं दी ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से सरकार ने लोगों के जीवन स्तर को उठाने का काम किया है। पिछली सरकारों में खाद्यान्न निकलता था लेकिन लाभार्थी तक नहीं पहुंचता था। हमारी सरकार में 3.55 करोड़ परिवारों को गेंहू और चावल मिलना शुरू हुआ। आज टेक्नोलॉजी से कोई खाद्यान्न की चोरी नहीं कर सकता। इसी का नतीजा है कि आज 700 करोड़ की सरकार को बचत हुई है। हमारे पास आज इतना खाद्यान्न है कि तीन वर्ष तक जनता का पेट भर सकते हैं। 2016 में गेंहू का 900 से 1000 प्रति कुंतल दाम हुआ करता था, आज 2019 में 1860 प्रति कुंतल का दाम किसान के खाते में भेजा जा रहा है। उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसने सुपोषण मेले के जरिए कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष अभियान चलाया है। इसके अलावा उन्होंने किसानों से खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य से ज्यादा देने, बंद चीनी मिलों को फिर से शुरू करने समेत तमाम अन्य उपलब्धियां गिनाईं।