विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर जिला चिकित्सालय बलिया एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में आयोजित हुई विचार गोष्ठी
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर जिला चिकित्सालय बलिया एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में आयोजित हुई विचार गोष्ठी
बलिया 10 अक्टूबर2019 ।। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के कार्यालय पर एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई यह विचार गोष्ठी जिला चिकित्सालय एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की गई इस गोष्ठी में सबका स्वागत डॉक्टर संतोष चौधरी द्वारा किया गया।
जिला नोडल मानसिक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ तोशिका सिंह ने बताया कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस वर्ष 2019 की थीम आत्महत्या को रोकने के लिए मिलकर काम करना पर केंद्रित है।
उन्होंने बताया कि जब एक व्यक्ति ठीक से सोच नहीं पाता उसका अपनी भावनाओं और व्यवहार पर काबू नहीं रहता तो ऐसी हालत को मानसिक रोगी कहते हैं मानसिक रोग आसानी से दूसरों को समझ में नहीं आता साथ ही रोजमर्रा के काम ठीक से करने में मुश्किल होती है अगर मानसिक रोगी अच्छे तरीके से अपना इलाज कराया तो और ठीक हो सकता है और वह एक अच्छी और खुशहाल जिंदगी जी सकता है उन्होंने बताया कि इस बदलते परिवेश के सबसे ज्यादा प्रभाव युवाओं की मानसिक स्थिति पर पड़ता है युवाओं के अंदर नशीले पदार्थों के सेवन एवं टेक्नोलॉजी पर निर्भरता के परिणाम स्वरूप या समस्या उत्पन्न हुई है युवावस्था ऐसी अवस्था है जिसमें युवा का दिमाग कई प्रकार के परिवर्तन से गुजरता है इस समय उसमें कई प्रकार की मनोवृति या पैदा हो जाती हैं जो उसके स्वयं परिवार एवं समाज के लिए काफी हानिकारक होती है।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तरफ से आए माननीय न्यायिक अधिकारियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रीतम कुमार मिश्रा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर बी पी सिंह, विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं सिविल जज मृत्युंजय कुमार, अपर जिला जज ओम प्रकाश, अपर जिला जज ओमकार शुक्ला , ,अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजनाथ, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ के डी प्रसाद, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जे पी चौधरी, साथ ही स्वास्थ्य विभाग के सभी डॉक्टर एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
बलिया 10 अक्टूबर2019 ।। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के कार्यालय पर एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई यह विचार गोष्ठी जिला चिकित्सालय एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की गई इस गोष्ठी में सबका स्वागत डॉक्टर संतोष चौधरी द्वारा किया गया।
जिला नोडल मानसिक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ तोशिका सिंह ने बताया कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस वर्ष 2019 की थीम आत्महत्या को रोकने के लिए मिलकर काम करना पर केंद्रित है।
उन्होंने बताया कि जब एक व्यक्ति ठीक से सोच नहीं पाता उसका अपनी भावनाओं और व्यवहार पर काबू नहीं रहता तो ऐसी हालत को मानसिक रोगी कहते हैं मानसिक रोग आसानी से दूसरों को समझ में नहीं आता साथ ही रोजमर्रा के काम ठीक से करने में मुश्किल होती है अगर मानसिक रोगी अच्छे तरीके से अपना इलाज कराया तो और ठीक हो सकता है और वह एक अच्छी और खुशहाल जिंदगी जी सकता है उन्होंने बताया कि इस बदलते परिवेश के सबसे ज्यादा प्रभाव युवाओं की मानसिक स्थिति पर पड़ता है युवाओं के अंदर नशीले पदार्थों के सेवन एवं टेक्नोलॉजी पर निर्भरता के परिणाम स्वरूप या समस्या उत्पन्न हुई है युवावस्था ऐसी अवस्था है जिसमें युवा का दिमाग कई प्रकार के परिवर्तन से गुजरता है इस समय उसमें कई प्रकार की मनोवृति या पैदा हो जाती हैं जो उसके स्वयं परिवार एवं समाज के लिए काफी हानिकारक होती है।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तरफ से आए माननीय न्यायिक अधिकारियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रीतम कुमार मिश्रा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर बी पी सिंह, विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं सिविल जज मृत्युंजय कुमार, अपर जिला जज ओम प्रकाश, अपर जिला जज ओमकार शुक्ला , ,अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजनाथ, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ के डी प्रसाद, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जे पी चौधरी, साथ ही स्वास्थ्य विभाग के सभी डॉक्टर एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।