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बलिया : आज मनाया जाएगा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस एवं विश्व दृष्टि दिवस

आज मनाया जाएगा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस एवं विश्व दृष्टि दिवस
दिमाग और आंखें हैं कुदरत का दिया हुआ अनमोल तोहफा, इसे रखें संभाल कर

बलिया, 10 अक्तूबर 2019 ।। प्रत्येक वर्ष 10 अक्तूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता जिसका उद्देश्य जनसमुदाय को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और स्वस्थ जीवन शैली के बारे में जानकारी देना है। इसके अलावा अक्तूबर माह के दूसरे गुरुवार को विश्व दृष्टि दिवस मनाया जाता है इस वर्ष यह 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इन दोनों दिवसों के अवसर पर जनपद मुख्यालय सहित सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर गोष्ठी एवं अन्य कार्यक्रम किए जाएंगे।
सीएमओ डॉ पीके मिश्रा ने बताया वर्ष 1992  में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की शुरुआत हुई थी जो लोग अवसाद में जी रहे हैं। उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। क्योंकि अधिकतर अकेले में रहने वाले डिप्रेशन और अवसाद के चलते आत्महत्या कर लेते हैं। ऐसे लोगों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मानसिक बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। वर्तमान समय में बच्चों पर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत है।
विश्व दृष्टि दिवस के संबंध में सीएमओ ने बताया अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिहीनता रोकथाम एजेंसी के समन्वय से इस वर्ष 20वां विश्व दृष्टि दिवस मनाया जाएगा जिसकी थीम ‘विजन फर्स्ट’ तय की गयी है। इस क्रम में बलिया जनपद में भी राष्ट्रीय दृष्टिहीनता एवं अंधापन निवारण कार्यक्रम के तहत सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर विश्व दृष्टि दिवस का आयोजन किया जाएगा।
उन्होने बताया आंखें कुदरत का दिया हुआ अनमोल तोहफा हैं जिसका ख्याल रखना भी बहुत महत्वपूर्ण है। अपनी आंखों की सुरक्षा को नजरअंदाज कभी नहीं करना चाहिए। इसके लिए दिए गए टिप्स को अमल में लाकर अपनी आंखों को सुरक्षित कर सकते हैं। उन्होंने बताया छोटे बच्चों को नुकीले खिलौनों से दूर रखें और नौ माह से पाँच साल तक के बच्चे को विटामिन ए की खुराक अवश्य पिलाएं।
डॉ पीके मिश्रा ने आँखों की सुरक्षा और बचाव के लिए कई सुझाव दिये-
सुबह सूर्योदय से पहले उठें और उठते ही मुंह में पानी भरकर बंद आंखों पर 20-25 बार ठंडे पानी के छींटे मारें। याद रखें, मुंह पर छींटे मारते समय या चेहरे को पानी से धोते समय मुंह में पानी भरा होना चाहिए।
धूप, गर्मी या श्रम के प्रभाव से शरीर गर्म हो तो चेहरे पर ठंडा पानी न डालें। थोड़ा विश्राम कर पसीना सुखाकर और शरीर का तापमान सामान्य करके ही चेहरा धोएं।
आंखों को गर्म पानी से नहीं धोना चाहिए, इससे आंखों को नुकसान होता है।
बहुत दूर के पदार्थों या दृश्यों को देर तक नजर गड़ाकर न देखें, तेज धूप से चमकते दृश्य को न देखें, कम रोशनी में लिखना, पढ़ना व बारीक काम न करें।
नींद, आंखों में भारीपन, जलन या थकान महसूस हो तो काम तत्काल बंद कर आंखों को थोड़ा विश्राम दें।
देर रात तक जागना और सूर्योदय के बाद देर तक सोना आंखों के लिए हानिकारक होता है। देर रात तक जागना ही पड़े तो घंटा-आधा घंटे में एक गिलास ठंडा पानी पी लेना चाहिए।
आंखों को धूल, धुएं, धूप और तेज हवा से बचाना चाहिए। ऐसे वातावरण में ज्यादा देर न ठहरें। लगातार आंखों से काम ले रहे हों तो बीच में 1-2 बार आंखें बंद कर, आंखों पर हथेलियां से हल्के-हल्के दबाव के साथ रखकर आंखों को आराम देते रहें।