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लखनऊ :पुराने तेवर में लौटने की तैयारी में सपा

लखनऊ :पुराने तेवर में लौटने की तैयारी में सपा
 ए कुमार

लखनऊ 29 अक्टूबर 2019 ।। यूपी विधानसभा उपचुनाव में सत्तारूढ़ भापजा और अपनी प्रतिद्वंदी बहुजन समाज पार्टी के कब्जे वाली एक-एक सीट जीत कर संजीवनी हासिल करने वाली समाजवादी पार्टी अब फिर से पुराने तेवरों में लौटने की तैयारी कर रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मिशन 2022 की तैयारियों के लिए जहां एक ओर पार्टी संगठन के पेंच कस कर उसे चुस्त-दुरूस्त करने की तैयारी कर ली है तो वहीं दूसरी ओर लगातार विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए राजनीतिक सक्रियता बढ़ाने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को जुटने के लिए कहा हैं। इसी क्रम में पार्टी ने आगामी गुरूवार 31 अक्टूबर को प्रथम गृहमंत्री और उप प्रधानमंत्री लौहपुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती पर सभी जिलों में जयंती समारोह आयोजित करने का एलान किया है। पार्टी ने इस आयोजन को बहुत गंभीरता के साथ करने की हिदायत भी दी है। इसके बाद पार्टी के आगामी कार्यक्रम के मुताबिक सपा मुखिया अखिलेश यादव के नेतृत्व में साइकिल यात्रा की शुरूआत की जायेगी और प्रदेश के हर जिले में इस साइकिल या़त्रा का आयोजन होगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इससे पहले सपा अध्यक्ष पार्टी के संगठन को नया रूप देंगे और पार्टी के लोहिया वाहिनी, छा़त्र सभा जैसे युवा तथा अन्य फ्रंटल संगठनों में नई टीम गठित करेंगे। बताया जा रहा है कि इस नई टीम में जहां एक ओर सपा के पुराने और अनुभवी नेताओं को स्थान दिया जायेगा तो वहीं युवा और जोशीले नौजवानों को भी जगह मिलेगी। संगठन के पुनर्गठन के साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए जिला स्तर पर तमाम आयोजन करने की तैयारी में है। इसमें विभिन्न जन समस्याओं को लेकर साइिकल यात्रा और जनसभाओं के माध्यम से किसानों, नौजवानों, छात्रों, मजदूरों व व्यापारियों व नौकरीपेशा लोगों के बीच पहुंचेगी और योगी सरकार के खिलाफ लोगों को जोड़ने की कोशिश करेगी। दरअसल, 11 सीटों के उपुचनाव में सपा को हुए दो सीटों के फायदे के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव के हौसलें बुलंद हो चुके है। इस उपचुनाव में वह जहां सपा ने सत्तारूढ़ भाजपा और अपनी मुख्य प्रतिद्वंदी बसपा से एक-एक सीट छीन कर तीन विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की तो वहीं पांच विधानसभा सीटों पर मुख्य लड़ाई में बने रह कर जनता में यह संदेश देने में भी कामयाब रही कि यूपी में भाजपा से मुकाबला केवल उनकी पार्टी ही कर सकती है। इसके अलावा भाजपा की तमाम घेराबंदी के बाद भी प्रतिष्ठा का सबब बनी रामपुर विधानसभा सीट पर भी जीत हासिल कर सपा ने अपने मुस्लिम वोट बैंक पर एक बार फिर से मजबूत दावेंदारी जता दी है।