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भाजपा राज में हिंदूवादी नेताओ में फैली दहशत, अपनी अपनी हत्याओं की स्वयं व्यक्त कर रहे है आशंका :कमलेश तिवारी की हत्या के बाद लग रहा है इनको डर : राष्ट्रीय बजरंग दल के अध्यक्ष और साध्वी प्राची दोनो ने बताया अपने जान को खतरा

भाजपा राज में हिंदूवादी नेताओ में फैली दहशत, अपनी अपनी हत्याओं की स्वयं व्यक्त कर रहे है आशंका :कमलेश तिवारी की हत्या के बाद लग रहा है इनको डर : राष्ट्रीय बजरंग दल के अध्यक्ष और साध्वी प्राची दोनो ने बताया अपने जान को खतरा
मधुसूदन सिंह

लखनऊ 21 अक्टूबर 2019 ।। आखिर जिस हिन्दुत्ववादी सोच रखने वाली भाजपा की केंद्र व राज्य में सरकार बनाने के लिये हिन्दू समाज मे फायर ब्रांड नेताओ की उपाधि पाने वाले नेताओं को तब ,जब केंद्र व राज्य दोनो जगह पर भाजपा की मजबूत सरकारें बिराजमान है ,आखिर अपनी जान को खतरा क्यो लग रहा है ?  तथाकथित मुस्लिम परस्तों की सरकार में अपने भाषणों से समय समय पर कानूनी अड़चने/समस्याएं पैदा करने के वावजूद इनकी जान तात्कालिक सरकारों में सुरक्षित थी , फिर ऐसी क्या परिस्थियां आयी है कि इनको अपनी ही सरकार में जान को खतरा महसूस हो रहा है ।
 बता दे कि लखनऊ में कमलेश तिवारी की हत्या के बाद साध्वी प्राची और आगरा के मनोज कुमार (राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय बजरंग दल ) को भी अपनी जान जाने का डर लग रहा है ।

हरिद्वार से दिल्ली जाते हुए मुजफ्फरनगर पहुंची फायर ब्रांड नेता साध्वी प्राची ने कमलेश तिवारी की हत्या को देश को दहला देने वाली घटना बताते हुए कहा कि जिन अधिकारियों ने कमलेश तिवारी की सुरक्षा हटाई है उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। जेहादी विचारधारा पर प्रतिबंध लगना चाहिए और जो फतवे जारी होते हैं सर कलम करने के,उन पर कार्यवाही होनी चाहिए। मुझे भी दस-बारह साल से धमकी मिल रही है लेकिन मैंने इसे कभी गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन जब से कमलेश तिवारी की हत्या हुई है तब से मैं गंभीर हूं। मैं सरकार से मांग करूंगी कि मुझे भी सुरक्षा दी जाए। मुझे पहले ISIS की तरफ से धमकी मिली है, मैं कभी नहीं डरी लेकिन अब लग रहा है। कहा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश की बेल्ट मिनी पाकिस्तान बन गयी है और यह जो फतवे जारी होते हैं कमलेश तिवारी की गर्दन साफ करना उसी का एक्सन है।

हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के बाद हिंदूवादी संगठन के नेताओं में दहशत है। वही राष्ट्रीय बजरंग दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज कुमार ने अपने ऊपर भी हमले की आशंका जाहिर की है।

उनका कहना है कि लगातार मिल रहीं धमकियों के बाद उन्हें मिली सुरक्षा एक साल पहले हटा ली गई। श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर न्यायालय में फैसला अभी सुरक्षित है। ऐसे में उनकी भी हत्या हो सकती है।

आगरा के मनोज कुमार का कहना है कि वर्ष 2017 में उन्हें सुरक्षा मिली हुई थी। मगर, अगस्त 2018 में ये सुरक्षा उनसे हटा ली गई। जाने से मारने की नीयत से उन पर पूर्व में गोली चलाई जा चुकी है। उन पर दो बार हमला भी हो चुका है।